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छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा भवन : आधुनिकता, संस्कृति और लोकतंत्र की नई पहचान

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छत्तीसगढ़ के लोकतांत्रिक इतिहास में वर्ष 2025 एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में याद किया जाएगा, जब नया विधानसभा भवन भव्यता, आधुनिकता और सांस्कृतिक गरिमा के साथ जनता के लिए समर्पित होगा।  1 नवम्बर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे। राज्य की राजधानी रायपुर में निर्मित यह भवन न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक महत्व में भी अद्वितीय है। उप मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री  अरुण साव के कुशल नेतृत्व में, यह भवन विकसित होते छत्तीसगढ़ की आकांक्षाओं का स्वरूप है। 

स्थापत्य कला और वास्तुशिल्प की अनूठी मिसाल 

नया विधानसभा भवन राज्य की सांस्कृतिक विविधता और आधुनिक स्थापत्य का अनुपम संगम है। इसकी डिजाइन में छत्तीसगढ़ की धरोहर, आदिवासी कला, और राज्य के प्राकृतिक संसाधनों को प्रमुखता दी गई है। भवन की बाहरी दीवारों को घोटुल, बांस-दरबार, और पेंटिंग्स से सजाया गया है, जिससे यह स्थानीय संस्कृति का जीवंत परिचायक बना है। गुंबद व मेहराबों की संरचना भारतीय परंपरागत स्थापत्य शैली से प्रेरित है, जबकि आंतरिक सजावट में नवीन तकनीकों का प्रभाव साफ दिखता है।

आधुनिक सुविधाएं एवं तकनीकी खुबियां 

इस विधानसभा भवन में अत्याधुनिक सुरक्षा, सूचना व संचार प्रणाली, ऊर्जा दक्षता, तथा भूकंपीय सुरक्षा जैसी विशेषताएं शामिल हैं। पूरी बिल्डिंग में स्मार्ट ऑडियो-विजुअल सिस्टम, ई-वोटिंग व्यवस्था, डिजिटलीकरण के लिए उच्चगुणवत्ता नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर, और हरित भवन संबंधी सुविधाएं को अपनाया गया है। भवन के मुख्य हॉल में एलईडी प्रकाश व्यवस्था, केंद्रीय वातानुकूलन, और फायर सेफ्टी सिस्टम कार्यरत हैं। बैठक कक्ष और समिति कक्षों को भी तकनीकी तौर पर सुसज्जित किया गया है, ताकि विधायकों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कोई बाधा न हो।

पर्यावरण अनुकूलता और हरित प्रौद्योगिकी 

वैश्विक जलवायु संकट की पृष्ठभूमि में छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा भवन ग्रीन बिल्डिंग मानकों का अनुपालन करता है। भवन की छत पर सौर ऊर्जा पैनल्स लगाए गए हैं, वर्षा जल संचयन की व्यवस्था है, और अधिकतम प्राकृतिक रोशनी एवं वेंटिलेशन का ध्यान रखा गया है। बागवानी और वृक्षारोपण से परिसर को हरियालीयुक्त रखा गया है, जिससे भवन पर्यावरण के अनुकूल बनता है।

सुरक्षा इंतजाम और सुव्यवस्थित यातायात 

यह भवन अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों और सीसीटीवी कैमरों से लैस है। आपातकालीन निकासी, अग्निशमन, चिकित्सा कक्ष तथा पर्याप्त पार्किंग सुविधा जैसी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। बाहरी और आंतरिक सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा दस्ते तैनात किए गए हैं। भवन तक सुगम यातायात के लिये चौड़ी सड़कों, फुटपाथ और सार्वजनिक परिवहन कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गई है।


 विधिक एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण 

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने विशेष रूप से बताया कि नया विधानसभा भवन डिजिटल गवर्नेंस की मिसाल पेश करता है। यहाँ सभी दस्तावेजों, प्रसार, नोटिस, एवं प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण किया गया है, जिससे विधानसभा के कामकाज में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। इससे राज्य के नागरिकों को भी विधानसभा संचालन की जानकारी आसानी से उपलब्ध होती रहेगी।

 सांस्कृतिक प्रतीकों और राज्य की पहचान का संरक्षण 

भवन के प्रमुख द्वारों एवं दीवारों पर छत्तीसगढ़ की प्रमुख लोक संस्कृति, पंडवानी, डंडा-गीत, बस्तर की मूर्तिकला और देवी-देवताओं के चित्र अंकित किए गए हैं। यह न केवल राज्य की पारंपरिक पहचान को जीवंत रखते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़े रखने में सहायक हैं।

 उप मुख्यमंत्री-सह-लोक निर्माण मंत्री  अरुण साव का दृष्टिकोण 

अरुण साव ने भवन के लोकार्पण के पहले जारी किए गए वीडियो सन्देश मे कहा- यह विधानसभा भवन हमारे लोकतंत्र की मजबूती, आमजन की भागीदारी और छत्तीसगढ़ की दिव्य संस्कृति का प्रमाण है। हमनें इसे हमारे जनप्रतिनिधियों और जनता के संवाद का सशक्त मंच बनाने का संकल्प लिया है। डिजिटल इंडिया और स्वच्छ ऊर्जा की राह पर यह भवन हमारे नए छत्तीसगढ़ की सोच और गतिशीलता का आईना है।

 देखें VIDEO 


छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा भवन ना केवल प्रशासनिक कार्यों का केंद्र है, वरन यह राज्य की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरणीय चेतना, तकनीकी दक्षता और प्रशासनिक पारदर्शिता का भी जीवंत प्रतीक है।  अरुण साव के मार्गदर्शन में बना यह भवन निश्चित ही छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य का वाहक बनेगा, जहां लोकतंत्र के नए कीर्तिमान स्थापित होंगे।

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