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अबू धाबी में ‘गार्डियंस ऑफ द वाइल्ड’ रिपोर्ट जारी; केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने वन रक्षकों के योगदान को सराहा

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वन एवं वन्यजीव संरक्षण में समर्पित हमारे बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रयासों को सम्मानित करना गौरव की बात है — केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह

"वनों और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले हमारे बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रयासों को सम्मानित करने वाले पुरस्कार समारोह में उपस्थित होना मेरे लिए सम्मान की बात है," यह बात केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने 11 अक्टूबर, 2025 को अबू धाबी में कही।
वे आईयूसीएन वर्ल्ड कंज़र्वेशन कांग्रेस 2025 के दौरान आयोजित ‘फॉरेस्ट रेंजर्स के सम्मान समारोह’ में भाग ले रहे थे।

इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि “ये वही लोग हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे देश की समृद्ध वन्यजीव विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहे।” इस दौरान उन्होंने ‘गार्डियंस ऑफ द वाइल्ड’ शीर्षक से एक रिपोर्ट भी जारी की।

सभा को संबोधित करते हुए कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि दुनिया भर के देशों ने वनों और वन्यजीवों की रक्षा के लिए व्यापक कानून और नीतिगत ढाँचे तैयार किए हैं, परंतु इन्हें वास्तविक रूप से धरातल पर लागू करने का कार्य हमारे वन रेंजर और सहयोगी कर्मचारी करते हैं। उनका कार्य गश्त करना, वन्यजीवों की गणना करना, जंगल की आग से लड़ना आदि अनेक प्रकार की गतिविधियों को शामिल करता है।
उन्होंने कहा कि वन रक्षक अपने जीवन को जोखिम में डालकर शिकारी और अवैध लकड़ी तस्करों से जंगलों और वन्यजीवों की रक्षा करते हैं, और कई ने इस कर्तव्य-पालन में अपने प्राणों की आहुति दी है।

मंत्री ने वन रक्षकों और सहयोगी स्टाफ की निष्ठा और समर्पण को सलाम किया तथा आईयूसीएन और डब्ल्यूटीआई को उनके इस सम्मान और सराहना के लिए बधाई दी। कीर्ति वर्धन  सिंह ने अपने बचपन से लेकर अब तक वन कर्मचारियों के साथ हुई अनेक मुलाकातों का उल्लेख किया और वनों तथा वन्यजीवों के बारे में उनके पारंपरिक ज्ञान और स्थानीय बुद्धिमत्ता की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकारों को इस अमूल्य ज्ञान को मान्यता देनी चाहिए और इसका दस्तावेज़ीकरण करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि भारत में वनों की रक्षा करने वाले पुरुषों और महिलाओं को क्रमशः ‘वनरक्षक’ और ‘वनरक्षिका’ के रूप में सम्मानित किया जाता है।

कीर्ति वर्धन सिंह ने इस अवसर पर यह आश्वासन दिया कि सरकार अग्रिम पंक्ति के वन कर्मचारियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करती रहेगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार नियमित रूप से क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाती है तथा आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रही है — जैसे कि ड्रोन निगरानी, सैटेलाइट ट्रैकिंग और वन्यजीवों की रेडियो कॉलरिंग।
इन कदमों से यह सुनिश्चित होता है कि जमीनी स्तर पर कार्यरत कर्मचारी आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हों और अवैध गतिविधियों से वनों और वन्यजीवों की रक्षा के साथ-साथ मानव-वन्यजीव संघर्षों की रोकथाम भी कर सकें।


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