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दूरसंचार विभाग ने जारी किया नया ढांचा: अब एक M2M सेवा प्रदाता से दूसरे को M2M सिम स्वामित्व हस्तांतरण होगा आसान और निर्बाध

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दूरसंचार विभाग (DoT), संचार मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum - O.M.) जारी करते हुए एक मशीन-से-मशीन (M2M) सेवा प्रदाता/लाइसेंसी से दूसरे M2M सेवा प्रदाता/लाइसेंसी को M2M सिम स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए एक ढांचा (Framework) अधिसूचित किया है।

वर्तमान दिशानिर्देशों के तहत M2M सिम के स्वामी के नाम में परिवर्तन का कोई प्रावधान नहीं था। इस कारण, जब भी किसी कारणवश M2M सेवा प्रदाता में बदलाव आवश्यक होता है, तो अंतिम उपभोक्ताओं की सेवाएँ बाधित हो सकती थीं।

नया ढांचा इस समस्या को दूर करते हुए M2M सिम स्वामित्व के हस्तांतरण की औपचारिक और सुव्यवस्थित प्रक्रिया स्थापित करता है, जिससे सेवा निरंतरता बनी रहे और सभी नियामकीय प्रावधानों का पालन हो। यह सभी M2M सेवा प्रदाताओं (M2MSPs)/लाइसेंसधारकों पर लागू होगा।

M2M सिम स्वामित्व हस्तांतरण की प्रमुख प्रक्रिया

  1. हस्तांतरण अनुरोध (Transfer Request)
    M2M सेवा उपयोगकर्ता या किसी तीसरे पक्ष को मौजूदा M2M सेवा प्रदाता/लाइसेंसी (जिसे ‘ट्रांसफरर’ कहा जाएगा) को एक औपचारिक लिखित अनुरोध देना होगा, जिसमें हस्तांतरित की जाने वाली M2M सिमों और नए M2M सेवा प्रदाता/लाइसेंसी (ट्रांसफरी) का विवरण शामिल होगा।

  2. एनओसी जारी करना (No Objection Certificate - NOC)
    ट्रांसफरर (मौजूदा M2M सेवा प्रदाता/लाइसेंसी) को अनुरोध प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर एनओसी जारी करनी होगी, बशर्ते कि उपयोगकर्ता पर कोई बकाया न हो। यह एनओसी संबंधित एक्सेस सेवा प्रदाताओं (ASP) को भेजी जाएगी।

  3. ट्रांसफरी द्वारा घोषणा (Undertaking by Transferee)
    नया M2M सेवा प्रदाता/लाइसेंसी (ट्रांसफरी) को एक औपचारिक घोषणा/अंडरटेकिंग देनी होगी जिसमें यह उल्लेख हो कि वह सभी दायित्वों, उत्तरदायित्वों और अनुपालन (जैसे KYC और अन्य दिशा-निर्देश) की जिम्मेदारी लेता है।

  4. सत्यापन और रिकॉर्ड अपडेट (Verification & Record Update)
    एक्सेस सेवा प्रदाता (ASP) उपयोगकर्ता के अनुरोध, ट्रांसफरर की एनओसी और ट्रांसफरी की अंडरटेकिंग की जांच करेगा। सफल सत्यापन के बाद ASP को पुनः KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी और नए स्वामित्व के अनुसार ग्राहक रिकॉर्ड को अपडेट करना होगा।

हर समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक M2M सिम किसी न किसी M2M सेवा प्रदाता/लाइसेंसी से जुड़ी रहे और उपयोगकर्ता की सेवा बाधित न हो।

पूरी जानकारी, आवेदन प्रपत्र, एनओसी और अंडरटेकिंग के प्रारूप DoT की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं:

इस ढांचे की शुरुआत दूरसंचार विभाग (DoT) के इस निरंतर प्रयास को दर्शाती है कि अंतिम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करते हुए सेवा प्रदाताओं को परिचालन लचीलापन दिया जाए और भारत के M2M व IoT सेवाओं को विश्वसनीय व भविष्य के लिए तैयार रखा जाए।

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