Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा: ECMS के तहत ₹5,532 करोड़ की 7 परियोजनाओं को मंजूरी

Document Thumbnail

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के तहत सात परियोजनाओं की पहली किस्त को मंजूरी देने की घोषणा की। अब भारत में मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB), एचडीआई PCB, कैमरा मॉड्यूल, कॉपर क्लैड लैमिनेट और पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म्स का निर्माण किया जाएगा।

यह कदम भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण यात्रा में एक बड़ा मील का पत्थर है — तैयार उत्पादों से आगे बढ़ते हुए अब देश मॉड्यूल, घटक, कच्चे माल और मशीनरी निर्माण में कदम रख रहा है।

योजना को मिला अभूतपूर्व प्रतिसाद

इस योजना को देशी और विदेशी दोनों कंपनियों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। अब तक 249 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें कुल ₹1.15 लाख करोड़ निवेश, ₹10.34 लाख करोड़ उत्पादन और 1.42 लाख रोजगार सृजन की संभावना है। यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश प्रस्ताव है।

आज जिन सात परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, उनकी कुल लागत ₹5,532 करोड़ है। इन परियोजनाओं से ₹36,559 करोड़ मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक घटकों का उत्पादन और 5,100 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे।

स्वीकृत इकाइयां तमिलनाडु (5), आंध्र प्रदेश (1) और मध्य प्रदेश (1) में स्थापित होंगी — जिससे हाई-टेक विनिर्माण का विस्तार महानगरों से बाहर भी होगा और क्षेत्रीय संतुलित विकास को बढ़ावा मिलेगा।

घरेलू मांग की पूर्ति और निर्यात की संभावनाएं

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नई इकाइयों के माध्यम से भारत की 20% घरेलू PCB मांग और 15% कैमरा मॉड्यूल सब-असेंबली की मांग पूरी होगी।
इसके साथ ही, कॉपर क्लैड लैमिनेट (CCL) की पूरी घरेलू मांग अब देश में ही पूरी होगी और अतिरिक्त 60% उत्पादन का निर्यात किया जाएगा।

स्वीकृत उत्पादों में शामिल

  • HDI एवं मल्टी-लेयर PCB – हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मूल सर्किट प्रणाली

  • कैमरा मॉड्यूल – स्मार्टफोन, ड्रोन, लैपटॉप, चिकित्सा उपकरण, रोबोट, और ऑटोमोबाइल सिस्टम में उपयोग

  • कॉपर क्लैड लैमिनेट (CCL) – मल्टी-लेयर PCB निर्माण का आधारभूत घटक

  • पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म्स – कैपेसिटर निर्माण में प्रयुक्त प्रमुख सामग्री, जो इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, ईवी और औद्योगिक उपकरणों में इस्तेमाल होती है

रणनीतिक उपलब्धियां और औद्योगिक प्रभाव

  • भारत में पहली बार कॉपर क्लैड लैमिनेट (CCL) निर्माण संयंत्र स्थापित होगा।

  • परियोजनाएं आयात निर्भरता कम करेंगी, जिससे घरेलू बाजार में उत्पाद सस्ते होंगे।

  • उच्च कौशल वाले रोजगार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा मिलेगा।

  • रक्षा, टेलीकॉम, इलेक्ट्रिक वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों के लिए विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) तैयार होगी।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

भारत अब “डिवाइस से लेकर डिज़ाइन”, “चिप्स से लेकर कंपोनेंट्स” और “मैन्युफैक्चरिंग से लेकर इनोवेशन” तक एक पूर्ण मूल्य श्रृंखला (Value Chain) तैयार कर रहा है।
यह योजना PLI स्कीम और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) को पूरक बनाती है — जिससे भारत एक सच्चे “प्रोडक्ट नेशन” के रूप में उभर रहा है।


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.