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अमित शाह ने बस्तर दशहरा में की भागीदारी, 2026 तक नक्सलमुक्त बस्तर का संकल्प

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केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित बस्तर दशहरा उत्सव में शामिल हुए। अपने संबोधन से पहले उन्होंने प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री डॉ. विजय शर्मा सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि 75 दिन तक चलने वाला बस्तर दशहरा विश्व का सबसे बड़ा और अनोखा उत्सव है। यह केवल बस्तर, छत्तीसगढ़ या भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए सांस्कृतिक धरोहर है। उन्होंने कहा कि दंतेश्वरी माता से प्रार्थना करते हुए उन्होंने सुरक्षा बलों के लिए आशीर्वाद मांगा है ताकि 31 मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सल हिंसा से पूरी तरह मुक्त किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ लोग दिल्ली में यह भ्रांति फैलाते हैं कि नक्सलवाद विकास के संघर्ष से पैदा हुआ, जबकि सच्चाई यह है कि नक्सलवाद ही बस्तर के पिछड़ेपन का मुख्य कारण है।

अमित शाह ने कहा कि देश के हर गांव में बिजली, पानी, सड़क, शौचालय, 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा योजना और मुफ्त अनाज वितरण की सुविधा मिल चुकी है, लेकिन नक्सलवाद के कारण बस्तर इस विकास की दौड़ में पीछे रह गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भरोसा दिलाया कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सली बस्तर के विकास और लोगों के अधिकारों में बाधा नहीं डाल पाएंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलियों में शामिल युवा बस्तर के ही गांवों से आते हैं। उन्होंने बस्तर की जनता से अपील की कि वे इन गुमराह युवाओं को मुख्यधारा में लाकर विकास में सहभागी बनाएं। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की कि उसने देश की सबसे प्रभावी आत्मसमर्पण नीति बनाई है, जिसके तहत पिछले एक महीने में ही 500 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने घोषणा की कि जो भी गांव पूरी तरह नक्सलवाद मुक्त होगा, उसे छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से विकास के लिए 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

अमित शाह ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए लगभग 4.40 लाख करोड़ रुपये दिए हैं। राज्य में उद्योग, शिक्षा संस्थान, स्वास्थ्य सेवाएँ और लघु उद्योग तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई बस्तर की शांति को हिंसा से भंग करने की कोशिश करेगा तो CRPF और पुलिस सख्ती से जवाब देगी।

गृह मंत्री ने कहा कि इस वर्ष बस्तर ओलंपिक में पूरे देश के आदिवासी भाग लेंगे। उन्होंने बस्तर के पंडुम उत्सव, भोजन, वेशभूषा, कला और वाद्य यंत्रों की विश्व स्तर पर प्रसिद्धि का उल्लेख किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है कि हमारी संस्कृति, भाषा, खानपान और परंपराएँ सदियों तक सुरक्षित रहें। उन्होंने मुरिया दरबार को भी वैश्विक धरोहर बताते हुए कहा कि यह 1874 से जनसंवाद और आदिवासी परंपराओं के संरक्षण का अनोखा उदाहरण है।

स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित स्वदेशी मेला का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर घर से आह्वान किया है कि वे केवल भारतीय उत्पादों का उपयोग करें। उन्होंने व्यापारियों से भी आग्रह किया कि अपनी दुकानों और मॉल में विदेशी सामान न रखें। अगर 140 करोड़ भारतीय स्वदेशी का संकल्प लें, तो भारत को विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने से कोई रोक नहीं सकता।

उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने 395 वस्तुओं पर जीएसटी में बड़ी छूट दी है। लगभग सभी खाद्य और पेय पदार्थ टैक्स मुक्त कर दिए गए हैं और दैनिक उपयोग की वस्तुएँ केवल 5% टैक्स पर उपलब्ध हैं। बस्तर दशहरा में 300 से अधिक स्वदेशी कंपनियाँ भाग ले रही हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर दशहरा गर्व, पहचान और सम्मान का उत्सव है। 14वीं शताब्दी से शुरू हुई रथयात्रा ने इस क्षेत्र में सांस्कृतिक चेतना जगाई। बस्तर दशहरा और मुरिया दरबार ने आदिवासी समाज को जोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार आदिवासी समाज की बेटी द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति के रूप में स्थापित किया, जो पूरे भारत के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने नक्सलवाद छोड़ चुके लोगों और हिंसा में मारे गए परिवारों के लिए बस्तर संभाग के सात जिलों में 15,000 से अधिक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए हैं।

अमित शाह ने यह भी उल्लेख किया कि नारायणपुर के पुंडी राम मंडावी, हेमचंद मांझी और कांकेर के अजय कुमार मंडावी को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। बस्तर दशहरा उत्सव के दौरान ‘महतारी वंदन योजना’ की 20वीं किस्त के रूप में 70 लाख माताओं को ₹607 करोड़ की राशि दी गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का शुभारंभ किया गया, जिसके अंतर्गत बस्तर और सरगुजा संभाग के 250 गांवों को जोड़ा गया है।

मुख्य बिंदु (मुख्य बातें) इस प्रकार हैं:

  1. बस्तर दशहरा उत्सव 75 दिन तक चलने वाला यह उत्सव केवल बस्तर या भारत ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक उत्सव है।

  2. नक्सलवाद पर बयान नक्सलवाद विकास की लड़ाई नहीं, बल्कि बस्तर के पिछड़ेपन का मुख्य कारण है।

  3. 2026 तक नक्सलमुक्त बस्तर31 मार्च 2026 के बाद नक्सली बस्तर के विकास और लोगों के अधिकारों में बाधा नहीं डाल पाएंगे।

  4. युवाओं से अपील गुमराह युवाओं को हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने और विकास में भागीदार बनने की अपील।

  5. सरकारी प्रतिबद्धता केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर और सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध।

  6. सख्त चेतावनीशांति भंग करने वालों को सेना और पुलिस मिलकर करारा जवाब देंगे।

  7. बस्तर की संस्कृति और पहचान बस्तर दशहरा, ओलंपिक, भोजन, पहनावा, कला और वाद्य यंत्र विश्वभर के आकर्षण का केंद्र।

  8. मुरिया दरबार1874 से जनसहभागिता, न्याय व्यवस्था और आदिवासी संस्कृति संरक्षण का वैश्विक धरोहर स्वरूप।

  9. रथ यात्रा14वीं शताब्दी में शुरू हुई मां दंतेश्वरी की रथ यात्रा ने पूरे बस्तर में सांस्कृतिक जागरण की शुरुआत की।

  10. स्वदेशी का आह्वान 140 करोड़ भारतीय यदि स्वदेशी का संकल्प लें, तो भारत विश्व की अग्रणी आर्थिक शक्ति बन सकता है।

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