मुंबई-भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा आयोजित “MSME सशक्तिकरण: अवसर, चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा” विषयक बैठक में वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव ने मुख्य भाषण दिया। बैठक में SIDBI, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक, IBA तथा देशभर के MSME उद्योग संघों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए।
सचिव ने MSME को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया, जो GDP में 30% और निर्यात में 45% से अधिक योगदान देती हैं। उन्होंने कहा कि MSME विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में रोजगार, नवाचार और समावेशी विकास की भूमिका निभाएंगी।
बैठक में सरकारी पहलों, डिजिटल लोन, कॅश फ्लो आधारित उधार मॉडल, भुगतान में देरी, MSME जागरूकता और वित्त तक पहुँच जैसे विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। चर्चा में मध्यम और दीर्घकालिक प्राथमिकताओं पर भी सहमति बनी, ताकि MSME क्षेत्र के लिए अधिक प्रभावी नीतियाँ और समर्थन तंत्र विकसित किए जा सकें।