केंद्रीय सचिव डॉ. अभिलाक्ष लखी ने कोच्चि में मत्स्य संस्थानों और बंदरगाह परियोजना की समीक्षा की
कोच्चि- केंद्रीय मत्स्य पालन सचिव डॉ. अभिलाक्ष लखी ने 19 सितम्बर को आईसीएआर – केंद्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान (CIFT) का दौरा कर इसके कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA), स्टार्टअप्स, सीफूड निर्यातक और अन्य हितधारक भी हाइब्रिड मोड में शामिल हुए।
डॉ. लखी ने कहा कि मछली प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन में आधुनिक तकनीकों को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने ICAR-CIFT और अन्य हितधारकों से कटाई-पश्चात प्रबंधन (Post-Harvest Management) को मजबूत करने और मत्स्य मूल्य श्रृंखला (Value Chain) के लिए व्यापक रोडमैप तैयार करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव (अंतर्देशीय मत्स्य पालन) सागर मेहरा ने “फिश टेक फॉर पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट एंड वैल्यू एडिशन” पर प्रस्तुति दी और मछली उत्पादों के विविधीकरण तथा नई तकनीकों के उपयोग से क्षेत्रीय वृद्धि और मछुआरों की आय बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. लखी ने 20 सितम्बर को कोच्चि के थोप्पुम्पडी मत्स्य बंदरगाह का दौरा कर प्रगति की समीक्षा की और मछुआरों तथा नौका संचालकों से संवाद किया। उन्होंने बंदरगाह प्राधिकरण से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत चल रही बंदरगाह परियोजना को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
पृष्ठभूमि: कोच्चि मत्स्य बंदरगाह के आधुनिकीकरण और उन्नयन की परियोजना को मार्च 2022 में मंजूरी दी गई थी। ₹169.17 करोड़ की इस परियोजना में केंद्र सरकार का वित्तीय सहयोग PMMSY के तहत ₹100 करोड़ तक है। यह योजना सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के साथ अभिसरण में लागू की जा रही है।