एमसीबी। जिले की ममता राय, जो पहले एक साधारण गृहिणी थी। आज लखपति दीदी की श्रेणी में शामिल हो चुकी हैं। उनकी यह सफलता की यात्रा प्रगति महिला स्वसहायता समूह से जुड़ने के बाद शुरू हुई। समूह से जुड़कर ममता राय ने 60,000 रुपये का CIF लोन लिया और अपने स्वंयम का किराना दुकान शुरू किया। सिर्फ किराना दुकान तक ही सीमित न रहते हुए, ममता राय ने समूह के साथ मिलकर अचार, आलू चिप्स और तिलौरी बनाने का काम भी शुरू किया। उनकी मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि आज उनकी महीने की आय 6 से 7 हजार रुपये के बीच होती है और उनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से भी अधिक है। उन्होंने अपने गाँव की अन्य महिलाओं के उत्थान के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए।
ग्राम पंचायत की महिलाओं और सभी समूहों की दीदियों के साथ मिलकर बीमा, आयुष्मान कार्ड बनवाने व शासकीय योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करती हैं। ममता राय अपने समूह और गाँव की महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें उनके अधिकारों और लाभों के प्रति जागरूक कर रही हैं। उनके इस प्रयास से गांव की महिलाओं को सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल रहा है और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। आज ममता राय न सिर्फ आर्थिक रूप से स्वतंत्र है बल्कि उन्होंने अपने परिवार और समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनका यह साहस और आत्मविश्वास दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। ममता राय का यह सफर उन सभी महिलाओं को प्रेरित करता है जो अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से अपनी पहचान बनाना चाहती है।