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Monsoon Session 2023 : आज मानसून सत्र का आखिरी दिन, मणिपुर पर 'महासंग्राम' जारी

 Monsoon Session 2023 : आज संसद का मानसून सत्र समाप्त होने जा रहा है जहां आखिरी दिन भी मणिपुर मामले पर हंगामा होने की संभावना है. इस साल पूरे मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के विरोध का केंद्र मणिपुर हिंसा रही. इसपर कई व्यवधान हुए और अविश्वास प्रस्ताव भी असफल रहा.


आइए जानते हैं Monsoon Session 2023 से जुड़े मुख्य बातें

निलंबित हुए चौधरी
अधीर रंजन चौधरी को कल लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था. मंत्रियों को परेशान करने के आरोप में उनका निलंबन हुआ था जिसपर चर्चा करने के लिए आज विपक्षी नेताओं की मीटिंग रही.

मणिपुर पर खींचतान जारी
दूसरी ओर राज्यसभा में भी गतिरोध लंबी और छोटी चर्चा को लेकर जारी है. बता दें, मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष नियम 267 के तहत लंबी चर्चा की मांग कर रहा है जबकि नियम 176 के तहत केंद्र केवल छोटी चर्चा के लिए सहमत हुआ है.

दोनों पक्षों से राज्यसभा के सभापति इस मुद्दे को सुलझाने का अनुरोध कर चुके हैं.
इसी बीच गुरुवार को सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया जो विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ मणिपुर हिंसा पर लाया था. इस प्रस्ताव का उद्देश्य मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी को घेरना था. लेकिन विपक्ष के नेता पीएम मोदी के भाषण के बीच से ही वॉकआउट कर गए.

कल अविश्वास बहस के दौरान पीएम मोदी ने संसद को संबोधित किया, साथ ही पीएम ने मणिपुर मामले पर “राजनीतिक खेल” की कोशिश के लिए विपक्ष पर निशाना साधा .

प्रधानमंत्री मोदी के नाम रिकॉर्ड
गुरुवार को सदन में पीएम मोदी द्वारा दिया गया भाषण अब तक का अविश्वास पत्र पर किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया सबसे लंबा भाषण बना. इस दौरान उन्होंने दो घंटे और 13 मिनट का संबोधन किया. इसी के साथ पीएम मोदी ने 2028 में एक और अविश्वास प्रस्ताव आने की भविष्यवाणी भी की.

मणिपुर की घटनाओं के लिए पीएम मोदी ने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. पीएम मोदी ने कहा कि ये स्थिति कांग्रेस की राजनीति का नतीजा है. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा ना होने देने का भी आरोप लगाया.

राहुल गांधी की वापसी
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी “मोदी उपनाम” मामले में निर्दोष साबित होने के बाद संसद में वापसी की. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी ने बुधवार को पहली बार सदन में भाषण दिया.

पेश हुए कई बिल भी
केंद्र के एक और कानून के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद है जिससे न्यायपालिका के साथ नए सिरे से टकराव शुरू हो सकता है. गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 राज्यसभा में पेश किया गया. ये विधेयक देश के शीर्ष चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर कर देगा.

राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों की पोस्टिंग और स्थानांतरण से जुड़े एक महत्वपूर्ण कानून को भी इस सत्र में मंजूरी मिली. ये कानून केंद्र सरकार द्वारा पहले लागू किए गए अध्यादेश का स्थान लेता है.

डेटा उल्लंघनों के लिए भारी जुर्माना लगाने से संबंधित एक और विवादास्पद कानून डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) विधेयक इस सत्र में सामने आया.

 

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