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Monsoon Session 2023 : लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर कांग्रेस सख्त, सोनिया गांधी ने बुलाई सांसदों की बैठक

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 Monsoon Session 2023 : लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के मुद्दे पर कांग्रेस ने सख्त रुख अपनाया है और वह सरकार से दो-दो हाथ करने के मूड में नजर आ रही है। बता दें कि कांग्रेस संसदीय समिति की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने पार्टी के सांसदों की आज सुबह बैठक बुलाई है। यह बैठक अधीर रंजन चौधरी के लोकसभा से निलंबन के मुद्दे पर होगी। बता दें कि गुरुवार को संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें अधीर रंजन चौधरी के लोकसभा से निलंबन का प्रस्ताव दिया गया। जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।


बता दें कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने अपने संबोधन में महाभारत के एक संदर्भ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी की थी। जिस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में मौजूद थे। इसी के चलते प्रहलाद जोशी ने अधीर रंजन के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव पेश किया। फिलहाल यह मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया है, तब तक अधीर रंजन चौधरी सदन से निलंबित रहेंगे।

वहीं इस विवाद पर अधीर रंजन चौधरी ने सफाई पेश करते हुए कहा कि मैंने प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया है। मोदी जी हर बात पर बोलते हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर वह ‘नीरव’ बैठे हैं। जिसका मतलब है ‘चुप बैठना’। पीएम मोदी को नहीं लगा कि उनका अपमान किया गया लेकिन उनके दरबारियों को ऐसा लगा और वह मेरे खिलाफ निलंबन प्रस्ताव लाए।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी अधीर रंजन के निलंबन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मनीष तिवारी का कहना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 105(1) का खुला उल्लंघन है। इसका लोकतंत्र और संसद में बोलने की आजादी और विधायिका पर असर होगा। मनीष तिवारी ने संकेत दिए कि पार्टी इस मामले को कोर्ट में चुनौती दे सकती है।

Monsoon Session 2023 : आज मानसून सत्र का आखिरी दिन, मणिपुर पर 'महासंग्राम' जारी

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 Monsoon Session 2023 : आज संसद का मानसून सत्र समाप्त होने जा रहा है जहां आखिरी दिन भी मणिपुर मामले पर हंगामा होने की संभावना है. इस साल पूरे मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के विरोध का केंद्र मणिपुर हिंसा रही. इसपर कई व्यवधान हुए और अविश्वास प्रस्ताव भी असफल रहा.


आइए जानते हैं Monsoon Session 2023 से जुड़े मुख्य बातें

निलंबित हुए चौधरी
अधीर रंजन चौधरी को कल लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था. मंत्रियों को परेशान करने के आरोप में उनका निलंबन हुआ था जिसपर चर्चा करने के लिए आज विपक्षी नेताओं की मीटिंग रही.

मणिपुर पर खींचतान जारी
दूसरी ओर राज्यसभा में भी गतिरोध लंबी और छोटी चर्चा को लेकर जारी है. बता दें, मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष नियम 267 के तहत लंबी चर्चा की मांग कर रहा है जबकि नियम 176 के तहत केंद्र केवल छोटी चर्चा के लिए सहमत हुआ है.

दोनों पक्षों से राज्यसभा के सभापति इस मुद्दे को सुलझाने का अनुरोध कर चुके हैं.
इसी बीच गुरुवार को सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया जो विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ मणिपुर हिंसा पर लाया था. इस प्रस्ताव का उद्देश्य मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी को घेरना था. लेकिन विपक्ष के नेता पीएम मोदी के भाषण के बीच से ही वॉकआउट कर गए.

कल अविश्वास बहस के दौरान पीएम मोदी ने संसद को संबोधित किया, साथ ही पीएम ने मणिपुर मामले पर “राजनीतिक खेल” की कोशिश के लिए विपक्ष पर निशाना साधा .

प्रधानमंत्री मोदी के नाम रिकॉर्ड
गुरुवार को सदन में पीएम मोदी द्वारा दिया गया भाषण अब तक का अविश्वास पत्र पर किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया सबसे लंबा भाषण बना. इस दौरान उन्होंने दो घंटे और 13 मिनट का संबोधन किया. इसी के साथ पीएम मोदी ने 2028 में एक और अविश्वास प्रस्ताव आने की भविष्यवाणी भी की.

मणिपुर की घटनाओं के लिए पीएम मोदी ने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. पीएम मोदी ने कहा कि ये स्थिति कांग्रेस की राजनीति का नतीजा है. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा ना होने देने का भी आरोप लगाया.

राहुल गांधी की वापसी
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी “मोदी उपनाम” मामले में निर्दोष साबित होने के बाद संसद में वापसी की. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी ने बुधवार को पहली बार सदन में भाषण दिया.

पेश हुए कई बिल भी
केंद्र के एक और कानून के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद है जिससे न्यायपालिका के साथ नए सिरे से टकराव शुरू हो सकता है. गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 राज्यसभा में पेश किया गया. ये विधेयक देश के शीर्ष चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर कर देगा.

राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों की पोस्टिंग और स्थानांतरण से जुड़े एक महत्वपूर्ण कानून को भी इस सत्र में मंजूरी मिली. ये कानून केंद्र सरकार द्वारा पहले लागू किए गए अध्यादेश का स्थान लेता है.

डेटा उल्लंघनों के लिए भारी जुर्माना लगाने से संबंधित एक और विवादास्पद कानून डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) विधेयक इस सत्र में सामने आया.

 

केंद्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव मंजूर

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Monsoon session 2023: केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। इसे लोकसभा स्पीकर ने मंजूर कर लिया। दरअसल, मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में बयान की मांग कर रहा है।


लोकसभा की प्रक्रिया और आचरण नियमावली के नियम 198 में अविश्वास प्रस्ताव के बारे में बताया गया है. इसमें कहा गया है कि संसद का कोई भी सदस्य, जिसके पास 50 से अधिक सदस्यों का समर्थन हो, अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. नियम के मुताबिक, प्रस्ताव स्वीकार होने के 10 दिनों के भीतर सरकार को सदन में बहुमत साबित करना होता है. अगर सरकार बहुमत साबित करने में असफल रहती है तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ता है.


10 दिन के नियम के अनुसार, लोकसभा में प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए आखिरी तारीख 5 अगस्त होगी, जिसका मतलब हुआ कि स्पीकर को इस तारीख से पहले ही चर्चा के लिए समय निर्धारित करना होगा.

केंद्र सरकार ने 19 जुलाई को बुलाई सर्वदलीय बैठक 20 से शुरू होगा मानसून सत्र..

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 Monsoon Session 2023 :  संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा। परंपरा के अनुसार सत्र शुरू होने से पहले केंद्र सरकार ने 19 जुलाई को सवर्दलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी दलों के नेता शामिल हो सकते हैं। इस बैठक के जरिए सरकार की कोशिश होगी कि मानसून सत्र को सुगम रूप से चलाया जा सके। मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी थी।


उन्होंने कहा कि सभी दलों से आग्रह है कि वह मानसून सत्र को सार्थक बनाने में अपनी भूमिका अदा करें। संसद का मानसून सत्र 23 दिनों तक चलेगा, इस दौरान कुल 17 बैठके होंगी। इस दौरान कई अहम बिलों पर चर्चा होगी। इस मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार का अध्यादेश चर्चा का मुद्दा रहेगा। केजरीवाल सरकार इसका विरोध कर रही है और विपक्षी दलों का समर्थन इसके लिए जुटा रही है।

केंद्र सरकार के अध्यादेश की बात करें तो यह केंद्र को दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारियों पर नियंत्रण देता है। अधिकारियों के ट्रांसफर का अधिकार इस अध्यादेश के तहत केंद्र सरकार के पास आ गया है, जिसका केजरीवाल सरकार विरोध कर रही है। केंद्र सरकार के इस अध्यादेश को केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई करेगी।


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