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Rahul Gandhi को लड़कियों की कमी नहीं, 50 साल की बूढ़ी महिला को क्यों देंगे 'फ्लाइंग किस'?- कांग्रेस विधायक

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पटना । संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को कथित रूप से फ्लाइंग किस देने के विवाद में अब नया विवाद जुड़ गया है। बिहार से कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि राहुल गांधी के पास फ्लाइंग किस देने के लिए लड़कियों की कमी नहीं है। अगर उन्हें किसी को फ्लाइंग किस देना होगा तो वह स्मृति ईरानी जैसी 50 साल की किसी बूढ़ी को क्यों देंगे?


नवादा जिले की हिसुआ सीट से कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने कहा, ”हमारे राहुल जी के पास लड़कियों की कमी नहीं है। अगर उनको फ्लाइंग किस देना होगा तो किसी लड़की को देंगे, 50 साल के बूढ़ी को क्या फ्लाइंग किस देंगे। यह सब आरोप निराधार है .

बिहार के नवादा के हिसुआ से विधायक नीतू सिंह ने कहा कि ये किस का मामला नहीं है. केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी को लेकर भी उन्होने विवादित बयान दिया. उन्होने कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति रानी अपना देखें, जिस सहेली ने उनको संरक्षण दिया और मदद की, उसी के पति को भगाकर उन्होंने शादी कर ली

नीतू सिंह ने कहा कि उन्होने भी वीडियो देखा है जिसमें ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. ऐसा आरोप लगाते हुए स्मृति इरानी और दूसरी बीजेपी की महिला सांसदों को शर्म आनी चाहिए. वीडियो में उन्होने राहुल गांधी को स्पीकर की ओर इशारा करते हुए देखा लेकिन स्मृति इरानी को कैसे समझ आ गया कि फ्लाइंग किस उनकी ओर था

 

Monsoon Session 2023 : आज मानसून सत्र का आखिरी दिन, मणिपुर पर 'महासंग्राम' जारी

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 Monsoon Session 2023 : आज संसद का मानसून सत्र समाप्त होने जा रहा है जहां आखिरी दिन भी मणिपुर मामले पर हंगामा होने की संभावना है. इस साल पूरे मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के विरोध का केंद्र मणिपुर हिंसा रही. इसपर कई व्यवधान हुए और अविश्वास प्रस्ताव भी असफल रहा.


आइए जानते हैं Monsoon Session 2023 से जुड़े मुख्य बातें

निलंबित हुए चौधरी
अधीर रंजन चौधरी को कल लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था. मंत्रियों को परेशान करने के आरोप में उनका निलंबन हुआ था जिसपर चर्चा करने के लिए आज विपक्षी नेताओं की मीटिंग रही.

मणिपुर पर खींचतान जारी
दूसरी ओर राज्यसभा में भी गतिरोध लंबी और छोटी चर्चा को लेकर जारी है. बता दें, मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष नियम 267 के तहत लंबी चर्चा की मांग कर रहा है जबकि नियम 176 के तहत केंद्र केवल छोटी चर्चा के लिए सहमत हुआ है.

दोनों पक्षों से राज्यसभा के सभापति इस मुद्दे को सुलझाने का अनुरोध कर चुके हैं.
इसी बीच गुरुवार को सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया जो विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ मणिपुर हिंसा पर लाया था. इस प्रस्ताव का उद्देश्य मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी को घेरना था. लेकिन विपक्ष के नेता पीएम मोदी के भाषण के बीच से ही वॉकआउट कर गए.

कल अविश्वास बहस के दौरान पीएम मोदी ने संसद को संबोधित किया, साथ ही पीएम ने मणिपुर मामले पर “राजनीतिक खेल” की कोशिश के लिए विपक्ष पर निशाना साधा .

प्रधानमंत्री मोदी के नाम रिकॉर्ड
गुरुवार को सदन में पीएम मोदी द्वारा दिया गया भाषण अब तक का अविश्वास पत्र पर किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया सबसे लंबा भाषण बना. इस दौरान उन्होंने दो घंटे और 13 मिनट का संबोधन किया. इसी के साथ पीएम मोदी ने 2028 में एक और अविश्वास प्रस्ताव आने की भविष्यवाणी भी की.

मणिपुर की घटनाओं के लिए पीएम मोदी ने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. पीएम मोदी ने कहा कि ये स्थिति कांग्रेस की राजनीति का नतीजा है. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा ना होने देने का भी आरोप लगाया.

राहुल गांधी की वापसी
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी “मोदी उपनाम” मामले में निर्दोष साबित होने के बाद संसद में वापसी की. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी ने बुधवार को पहली बार सदन में भाषण दिया.

पेश हुए कई बिल भी
केंद्र के एक और कानून के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद है जिससे न्यायपालिका के साथ नए सिरे से टकराव शुरू हो सकता है. गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 राज्यसभा में पेश किया गया. ये विधेयक देश के शीर्ष चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया से भारत के मुख्य न्यायाधीश को बाहर कर देगा.

राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों की पोस्टिंग और स्थानांतरण से जुड़े एक महत्वपूर्ण कानून को भी इस सत्र में मंजूरी मिली. ये कानून केंद्र सरकार द्वारा पहले लागू किए गए अध्यादेश का स्थान लेता है.

डेटा उल्लंघनों के लिए भारी जुर्माना लगाने से संबंधित एक और विवादास्पद कानून डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) विधेयक इस सत्र में सामने आया.

 

लोकसभा में गिरा 'INDIA' गठबंधन का अविश्वास प्रस्ताव, मोदी सरकार की ध्वनिमत से जीत

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 No-Confidence Motion : लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को ध्वनिमत से खारिज हो गया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया. मोदी ने 2 घंटे 12 मिनट का भाषण दिया, जिसमें उन्होंने विपक्ष पर कई तीखे वार किए. विपक्षी गठबंधन का नाम I.N.D.I.A रखने को लेकर भी पीएम ने तंज कसे.


वहीं, मणिपुर पर पीएम ने कहा कि विपक्ष को इसपर राजनीति नहीं करनी चाहिए. देश भरोसा रखे. मणिपुर में शांति का सूरज जल्द उगेगा. बड़ी बात ये कि जब प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर बात शुरू की, उसके पहले ही विपक्ष सदन से वॉकआउट कर चुका था.



अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, नॉर्थ ईस्ट हमारे जिगर का टुकड़ा है। पूरा देश मणिपुर के लोगों के साथ खड़ा है। हम सब मिलकर इस चुनौती का हल निकालेंगे। मणिपुर में जल्द शांति लौटेगी। पीएम ने विपक्ष पर तंज किया कि तब कुछ तैयारी से आएं, कुछ मुद्दे लेकर आएं। जनता को इतना तो विश्वास दिलाओं कि कम से कम विपक्ष के योग्य हो।

कांग्रेस को भारत के सामर्थ्य पर, लोगों पर विश्वास नहीं है। भारत के लोगों का भी कांग्रेस के प्रति नो कॉन्फिडेंस का भाव बहुत गहरा है। कई राज्य कह रहे- कांग्रेस, नो कॉन्फिडेंस। PM ने कहा कि विपक्ष को जिंदा रहने के लिए भी NDA का सहारा लेना पड़ा। घमंड इतना कि NDA में भी दो I पिरो दिए। पहला I 26 दलों के घमंड का, दूसरा I एक परिवार के घमंड का। डॉट लगाकर इन्होंने I.N.D.I.A. के भी टुकड़े कर दिए। ये I.N.D.I.A. गठबंधन नहीं, घमण्डिया गठबंधन है। इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है, सबको प्रधानमंत्री बनना है।

No-Confidence Motion: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी, यहां देखें Live

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No-Confidence Motion: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव  पर चर्चा शुरू हो गई है. कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच इस दौरान तीखी बहस देखने को मिली. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने कहा हमें मजबूर में ये अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है. मणिपुर के लिए हमें ऐसा करना पड़ा. हम मणिपुर में हुई हिंसा पर पीएम मोदी की चुप्पी को तोड़ना चाहते हैं. हम जानना चाहते हैं कि पीएम मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए. कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत की बात करने वालों ने मणिपुर को दो भागों में बांटने की कोशिश की. हम वहां जाकर पीड़ित परिवार से मिले. 


यहां देखें पूरी कार्यवाही…

गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में उनकी सरकार विफल हो गई है। इसीलिए, मणिपुर में 150 लोगों की मौत हो गई, लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 एफआईआर दर्ज की गई हैं। राज्य के सीएम, जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है। गौरव गोगोई ने कहा, 'मणिपुर में दो समुदायों के बीच विभाजन कभी नहीं देखा, आपकी राजनीति ने दो राज्य बना दिए हैं।' उन्होंने कहा कि जब गुजरात, उत्तराखंड और त्रिपुरा के सीएम बदले गए तो पीएम ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं बदला। 

 

केंद्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव मंजूर

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Monsoon session 2023: केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। इसे लोकसभा स्पीकर ने मंजूर कर लिया। दरअसल, मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में बयान की मांग कर रहा है।


लोकसभा की प्रक्रिया और आचरण नियमावली के नियम 198 में अविश्वास प्रस्ताव के बारे में बताया गया है. इसमें कहा गया है कि संसद का कोई भी सदस्य, जिसके पास 50 से अधिक सदस्यों का समर्थन हो, अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. नियम के मुताबिक, प्रस्ताव स्वीकार होने के 10 दिनों के भीतर सरकार को सदन में बहुमत साबित करना होता है. अगर सरकार बहुमत साबित करने में असफल रहती है तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ता है.


10 दिन के नियम के अनुसार, लोकसभा में प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए आखिरी तारीख 5 अगस्त होगी, जिसका मतलब हुआ कि स्पीकर को इस तारीख से पहले ही चर्चा के लिए समय निर्धारित करना होगा.

विधानसभा में विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में चर्चा के दौरान जवाब में कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़की बात की और इसे साकार करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कहा कि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वे अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखें। इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए। पहले जब अविश्वास प्रस्ताव आता था तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने नही की। ये हमारी उपलब्धि है। आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था। ये इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम हुआ। अभी भेंट मुलाकात में बस्तर में रात रुका, सभी से मिला। जो सबसे बड़ा कमेंट मिला जिसने मेरे दिल को छू लिया। 

जैन समाज के लोगों से मैंने पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया। उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नहीं होती है। आसानी से लोग रिश्ता दे देते हैं क्योंकि बस्तर बदल गया है। पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थी आज सड़के काटी नहीं जाती, ये परिवर्तन बस्तर में देखने को मिला है। पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने आरम्भ कर दिया। राशन पहुंचाना भी पहले टेढ़ी खीर थी। अब कितना आसान हो गया है। ये बदलाव आया है। जब हमारी सरकार बनी तो हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात की। उन महापुरुषों को, कलाकारों और राजनीतिक दलों के लोगों को नमन करता हूँ जिन्होंने छत्तीसगढ़ निर्माण में अपना योगदान दिया। 

परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए। यह लोगों के जीवन मे होना चाहिए इसलिए परिवर्तन की मशाल लेकर हमारे नेता परिवर्तन यात्रा में निकले थे। आज हमने किसानों की जिंदगी बदली है। बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है। महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है। जब बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश में बोलते हैं तब संतोष होता है। आरडी तिवारी स्कूल में पहले 56 बच्चे पढ़ रहे थे। अब हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। अब ऐसे स्कूल नहीं चल रहे जो गुणवत्ता नही देते, लोग स्वामी आत्मानंद स्कूल में अपने बच्चों को प्रवेश दिला रहे हैं। बस्तर के बच्चों को शिक्षित कर दीजिए, सुपोषित कर दीजिए, वे अपनी जिंदगी स्वयं संवार लेंगे। 20 हजार करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी हमने किसानों को दी। हमारे प्रदेश का किसान आज बहुत खुशहाल है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अब मैं डीएमएफ के बारे में जानकारी देता हूं। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने मीटिंग ली। सभी खदान आदिवासी अंचल में थी। मैंने पूछा कि आदिवासियों के जीवन मे क्या परिवर्तन आया। उन्होंने कहा कि नहीं आया। हमने कहा कि यह होना चाहिए। हमने कहा कि इससे स्कूल बनाओ, सड़क बनाओ। डीएमएफ का तभी सही उपयोग होगा। मलेरिया में हमने बड़ा काम किया और यह काफी घट गया। उल्टी दस्त का एक भी प्रश्न विधानसभा में बस्तर से नहीं लगा। बस्तर में आज डॉक्टर है, नर्स हैं। ब्लड बैंक बनवाये गए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर जब हम निकले, कितनी बाधा आई। कोरोना आया। सबकी मदद से हमने अपना संकल्प पूरा किया। सबने इसके लिए सहयोग किया।

पांच साल में आये परिवर्तन के बारे में उन्होंने बताया। आज जिले 33 हो गए। तहसील भी बढ़ गए। प्रति व्यक्ति आय बढ़ गई। धान खरीदी 56 लाख से 110 लाख मीट्रिक टन हो गई। रकबा भी बढ़ गया। धान खरीदी केंद्र 2400 हो गए। राजीव गांधी न्याय योजना, भूमिहीन ग्रामीण श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना हमने आरम्भ की। 10 हजार से अधिक गौठान बनाये। उर्जिकृत पंप 4 लाख हो गए। एकल बत्ती कनेक्शन 15 लाख से 17 लाख हो गए। आपके समय तो 105 करोड रुपए का ऋण माफ हुआ था, हमने तो 9500 सौ करोड़ का ऋण माफ किया है। केसीसी आपके समय में 14 लाख दिए गए। वह अब बढ़कर 21 लाख हो गए हैं। 245 करोड़ का गोबर खरीदा और 291 करोड़ की सामग्री बेचा, यह घाटे का सौदा नहीं है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह कबीर की भूमि है। बाबा गुरु घासीदास की भूमि है। शांति का टापू है। अपनी संस्कृति के लिए हम काम कर रहे हैं।

विधानसभा में विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकृत, बघेल ने कहा - अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं

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 रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में चर्चा के दौरान जवाब में कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की और इसे साकार करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। 


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कहा कि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वे अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखें। इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए। पहले जब अविश्वास प्रस्ताव आता था तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने नही की। ये हमारी उपलब्धि है।

आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था। ये इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम हुआ। अभी भेंट मुलाकात में बस्तर में रात रुका, सभी से मिला। जो सबसे बड़ा कमेंट मिला जिसने मेरे दिल को छू लिया। जैन समाज के लोगों से मैंने पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया। उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नहीं होती है। आसानी से लोग रिश्ता दे देते हैं क्योंकि बस्तर बदल गया है। पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थी आज सड़के काटी नहीं जाती, ये परिवर्तन बस्तर में देखने को मिला है। पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने आरम्भ कर दिया। राशन पहुंचाना भी पहले टेढ़ी खीर थी। अब कितना आसान हो गया है। ये बदलाव आया है। जब हमारी सरकार बनी तो हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात की। उन महापुरुषों को, कलाकारों और राजनीतिक दलों के लोगों को नमन करता हूँ जिन्होंने छत्तीसगढ़ निर्माण में अपना योगदान दिया। परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए। यह लोगों के जीवन मे होना चाहिए इसलिए परिवर्तन की मशाल लेकर हमारे नेता परिवर्तन यात्रा में निकले थे। आज हमने किसानों की जिंदगी बदली है। बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है। महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है। जब बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश में बोलते हैं तब संतोष होता है। आरडी तिवारी स्कूल में पहले 56 बच्चे पढ़ रहे थे। अब हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। अब ऐसे स्कूल नहीं चल रहे जो गुणवत्ता नही देते, लोग स्वामी आत्मानंद स्कूल में अपने बच्चों को प्रवेश दिला रहे हैं। बस्तर के बच्चों को शिक्षित कर दीजिए, सुपोषित कर दीजिए, वे अपनी जिंदगी स्वयं संवार लेंगे। 20 हजार करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी हमने किसानों को दी। हमारे प्रदेश का किसान आज बहुत खुशहाल है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अब मैं डीएमएफ के बारे में जानकारी देता हूं। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने मीटिंग ली। सभी खदान आदिवासी अंचल में थी। मैंने पूछा कि आदिवासियों के जीवन मे क्या परिवर्तन आया। उन्होंने कहा कि नहीं आया। हमने कहा कि यह होना चाहिए। हमने कहा कि इससे स्कूल बनाओ, सड़क बनाओ। डीएमएफ का तभी सही उपयोग होगा। मलेरिया में हमने बड़ा काम किया और यह काफी घट गया। उल्टी दस्त का एक भी प्रश्न विधानसभा में बस्तर से नहीं लगा। बस्तर में आज डॉक्टर है, नर्स हैं। ब्लड बैंक बनवाये गए हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर जब हम निकले, कितनी बाधा आई। कोरोना आया। सबकी मदद से हमने अपना संकल्प पूरा किया। सबने इसके लिए सहयोग किया। पांच साल में आये परिवर्तन के बारे में उन्होंने बताया। आज जिले 33 हो गए। तहसील भी बढ़ गए। प्रति व्यक्ति आय बढ़ गई। धान खरीदी 56 लाख से 110 लाख मीट्रिक टन हो गई। रकबा भी बढ़ गया। धान खरीदी केंद्र 2400 हो गए। राजीव गांधी न्याय योजना, भूमिहीन ग्रामीण श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना हमने आरम्भ की। 10 हजार से अधिक गौठान बनाये। उर्जिकृत पंप 4 लाख हो गए। एकल बत्ती कनेक्शन 15 लाख से 17 लाख हो गए। आपके समय तो 105 करोड रुपए का ऋण माफ हुआ था, हमने तो 9500 सौ करोड़ का ऋण माफ किया है। केसीसी आपके समय में 14 लाख दिए गए। वह अब बढ़कर 21 लाख हो गए हैं। 245 करोड़ का गोबर खरीदा और 291 करोड़ की सामग्री बेचा, यह घाटे का सौदा नहीं है।


मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह कबीर की भूमि है। बाबा गुरु घासीदास की भूमि है। शांति का टापू है। अपनी संस्कृति के लिए हम काम कर रहे हैं।

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