रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना से गांवों में ग्रामीणों को रोजगार व स्व-रोजगार के अवसर मिलने लगे हैं। महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह में अग्रसर हो रही हैं। गांवों को उत्पादन का केन्द्र और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना अब ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने लगी है। ग्रामीणजन रीपा के माध्यम से अपनी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बदलाव के लिए पूरे मनोयोग से जुट गए हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा
देने, लघु एवं कुटीर
उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा ग्रामीण औद्योगिक पार्क
(रीपा) योजना प्रारंभ किया गया है। राज्य सरकार द्वारा छोटे-छोटे उद्योग धंधों के
लिए रीपा में पानी, बिजली, जमीन जैसी सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं
उपलब्ध कराई गई है। रीपा के माध्यम से गांव के लोगों को जरूरी वस्तुएं आस-पास
उपलब्ध हो रही हैं, जिसके
कारण अब उन्हें दूर शहरों की ओर नहीं जाना पड़ता। उत्पादों की अच्छी गुणवत्ता के
कारण आसपास के शहर-गांवों से सप्लाई के आर्डर मिलने प्रारंभ हो गए हैं। व्यवसायिक
गतिविधियों को रीपा के साथ जोड़कर संरक्षित करने के साथ ग्रामीणों को आत्मनिर्भर
बनाने का कार्य किया जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर विभिन्न गतिविधियां संचालित
होने से लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी प्राप्त हो रहे हैं। वही पारंपरिक
गतिविधियों के संचालन से ग्रामीणों के आयसंवर्धन में भी महती भूमिका निभा रही है।