मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोरोना की विकट परिस्थिति में भी हम प्रदेश के किसानों और मजदूरों के साथ खड़े रहे। मनरेगा के माध्यम से उन्हें रोजगार दिलाने का काम किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है और वनवास काल में भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में लंबे समय तक यात्रा की। यहां शिवरीनारायण में भगवान राम ने शबरी के झूठे बेर खाये। राम वन गमन पथ के माध्यम से हमें भगवान राम की इस यात्रा को चिरस्मरणीय बनाने का अवसर मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राम कौशल्या के राम है, शबरी के राम है, मेहनतकश लोगों के राम है, वनवासी राम है तथा राम सौम्य और कारुणिक है और हम सबके भांजे है। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन भी हम कर पाये यह बड़ी बात है।
नक्सली समस्या पर अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश इससे लगातार ग्रसित रहा है। नक्सली उन्मूलन को लेकर हमारा नजरिया अलग है और यह एक राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्या है। विश्वास, विकास और सुरक्षा के साथ हमने बस्तर के लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश की है। हमारी सरकार ने न केवल आदिवासियों का जमीन वापस दिलाया बल्कि लोगों को रोजगार मुहैया कराया। इन विकास कार्यों से बस्तर के लोग हमें अपना मानने लगे। हमने बंद पड़े स्कूल खोले। सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में बस्तर में बड़े बदलाव आए हैं जिसके अब सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। संबोधन के अंत में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बस्तर के लोग प्रकृति की गोद में रहने वाले लोग हैं। हमारे प्रयासों से अब बस्तर उन्नति की राह पर आगे बढ़ रहा है।