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चार साल की मासूम को तीन दिन भूखा बाथरूम में रखा था बंद , चाइल्ड लाइन ने बच्ची को किया रेस्क्यू

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रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिलान्तर्गत खरसिया में सरकारी स्कूल की हेडमास्टर पर गोद ली हुई अपनी चार साल की मासूम बेटी पर दरिंदगी का आरोप लगा है। पड़ोसियों की शिकायत पर महिला बाल विकास और चाइल्ड लाइन ने बच्ची को रेस्क्यू किया है। शिक्षिका ने मासूम को तीन दिनों तक खाना नहीं दिया था और उसे बाथरूम में बंद कर दिया था। पड़ोसियों को इसका पता चला तो एक पत्रकार को सूचना दी गई। इसके बाद विभाग को पता चला और बच्ची को छुड़ाया जा सका।


आशा अग्रवाल पति रघुनाथ अग्रवाल बासंमुड़ा के प्राथमिक शाला की प्रभारी प्रधान पाठक हैं। वे खरसिया के सिंचाई (मांड) कॉलोनी में रहती हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने एक मासूम बच्ची को गोद लिया था। वह कुछ महीनों से बच्ची से मारपीट कर रही थीं।

तीन दिन से खाना नहीं दिया और उसे बाथरूम में बंद कर दिया। इस घटना की जानकारी कॉलोनी के लोगों को हुई। पत्रकार के माध्यम से महिला बाल विकास अधिकारी पुनीता दर्शन और एसडीओपी निमिषा पांडेय को सूचित किया गया। इसके बाद टीम शिक्षिका के घर पहुंची।

बाथरूम में बाहर से कुंडी लगी थी और बच्ची अंदर बंद थी। बाथरूम खोलकर बच्ची को बाहर निकाला। बच्ची की हालत देखकर अफसर और साथ गए लोग सहम गए। बच्ची को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया है। उसे रायगढ़ में रखा है।

खरसिया एसडीओपी निमिषा पाण्डेय ने कहा कि महिला व बाल विकास विभाग और चाइल्ड लाइन से रिपोर्ट मिलेगी, फिर महिला से पूछताछ होगी। उसी आधार पर कार्रवाई करेंगे। हम अपने स्तर पर पता लगा रहे हैं कि बच्ची को उसने कहां से लाई। गोदनामे में लिया है कि नहीं। फिलहाल पता चला है कि शिक्षिका ने अंबिकापुर के एक परिचित के यहां से बच्ची लाई थी। महिला शासकीय सेवक है। रिपोर्ट और पूछताछ के बाद कार्रवाई करेंगे।

चाइल्ड लाइन प्रभारी दीपक डनसेना ने बताया महिला ने बच्ची को तीन दिन से बाथरूम में बंद किया था। ज्वुएनाइल जस्टिस और आईपीसी के तहत कार्रवाई के लिए पुलिस को पत्र लिख रहे हैं। रेस्क्यू करते हुए पुलिस भी थी, इसलिए वे सीधे भी कार्रवाई कर सकते हैं। बच्ची को सीडब्ल्यूसी में पेश किया है। उसकी काउंसलिंग कराई गई है। बिना तय प्रक्रिया के या गोदनामे के कोई भी दंपती या महिला किसी बच्चे को नहीं रख सकते।

बच्ची को रेस्क्यू करने के बाद रायगढ़ की संस्था मातृ निलियम में रखा गया है। संस्था के संचालक सिद्धार्थ महांती ने बताया कि बच्ची चार साल की है। उसके साथ बदसलूकी से वह घबराई हुई है। कुछ बोल नहीं पा रही है। सिर्फ घर जाने की जिद कर रही है। बच्ची को काउंसलिंग की जरूरत है। यहां उसे वरिष्ठ सदस्यों की निगरानी में रखा गया है।


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