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जीवन जीने का कला जीवन मे संस्कार सिखाती है रामचरितमानस : पप्पू पटेल

तुमगांव। तुमगांव नगर के वार्ड क्रमांक  14 शिव भोला मानस परिवार व वार्ड क्रमांक 15 के समस्त नगरवासी गाड़ाघाट के सामुहिक रूप से त्रिदिवसीय मानस गान का आयोजन किया गया था जिसमे बतौर अतिथि नगर पंचायत के उपाध्यक्ष पप्पू पटेल व पार्षद गण सम्मिलित हुए। पटेल ने मानस मंच से अपने विचार देते हुए कहा की रामचरितमानस जीवन जीने की कला जीवन मे संस्कार सिखाती है, अन्यथा हममें और पशुओं में कोई अंतर नहीं होता। विवेकवान को मनुष्य और विवेक हीन को पशु कहते हैं। संसार को मानव धर्म सिखाने हेतु प्रभू का प्राकट्य इस धरा धाम पर हुआ। 

प्रभु या तो धर्म के लिए आते हैं, अथवा प्रेम के लिए आते हैं  प्रभु के प्राकट्य के पश्चात भगवान उनके दर्शन हेतु काकभुशुंडि जी महाराज के साथ गए। काकभुशुंडि जी महाराज एक ऐसे भक्त हैं, जिनकी दृढ़ भक्ति है और हमारी जड़ भक्ति होती है। जबकि भक्ति में दृढ़ता होनी चाहिए। प्रभु शिक्षा ग्रहण के लिए गुरु के पास गए। जिससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि ज्ञान प्राप्त करने हेतु हमें गुरु की आवश्यकता होती है।

विश्वामित्र भगवान राम को दशरथ से मांगने आए  क्योंकि संत भगवान से नहीं मांगता भगवान को ही मांग लेता है। चाहते तो विश्वामित्र जी समस्त राक्षसों का वध एक संकल्प मात्र से कर देते। क्योंकि वह समस्त विधाओं के ज्ञाता थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि संत सुधार कर्ता होता है संघारकर्ता नहीं होता। मानस मंच में मुख्य रूप से पार्षद धर्मेंद्र यादव, गंगा प्रसाद निषाद, श्रीमती अन्नपूर्णा राजेंद्र निर्मलकर, भुनेश्वर साहू, संतोष साहू, नवीन चंद्राकर, द्रोणाचार्य साहू, रोशन साहू, शिव यादव उपस्थित थे। 

आयोजन समिति के उत्तम निर्मलकर दिनेश निर्मलकर, भारत साहू, नारद साहू, हीरालाल साहू राजू साहू, डॉक्टर देवचरण साहू राम सजीवन साहू रामानंद प्रजापति, भागवत प्रसाद कृष्ण कुमार चंद्राकर, विष्णुध्रुव जगदीश, शत्रुघ्न, धनुष, खेलावन साहूसुरेंद्र साहू, देव् साहू, श्रीमती रामकुमारी साह नवरात्रि प्रजापति द्रोपति मानक़ी शांति निर्मला रानू  साहू शिव भोला मानस परिवार के सभी सदस्य सहित अनेकों श्रद्धालु उपस्थित थे।

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