नारायणपुर। क्षेत्र में धर्मांतरण को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद इलाके में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। संवेदनशील क्षेत्र- शांतिनगर, बंगलापारा और बखरूपारा में पुलिस पार्टी लगातार पेट्रोलिंग कर रही है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जाती है। इस बीच, कोंडागांव पुलिस ने पथराव की घटना में शामिल ग्यारह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें जिला पंचायत सदस्य खेमचंद नेताम, गोंडवाना समाज के जिलाध्यक्ष बुद्धसिंह नेताम और सरपंच सहित अन्य लोग शामिल हैं। वहीं, पुलिस द्वारा पत्थरबाजी में शामिल अन्य लोगों पर कानूनी कार्रवाई के लिए उनकी पहचान की जा रही है।
गौरतलब है कि कल नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद को रोकने के लिए पुलिस ने हस्तक्षेप किया था। इस दौरान हुई झड़प और पत्थरबाजी की घटना में सिर पर चोट लगने से पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस बीच, भाजपा का एक छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज घटना की जानकारी लेने के लिए नारायणपुर जा रहा था। इस प्रतिनिधिमंडल में सांसद संतोष पांडेय और मोहन मंडावी, पूर्व मंत्री केदार कश्यप तथा महेश गागड़ा शामिल थे। भाजपा के अनुसार पुलिस ने बैरीकेट्स लगाकर इस प्रतिनिधिमंडल को नारायणपुर जाने से पहले बेरुन थाना के सामने ही रोक दिया, जिसके विरोध में भाजपा नेता मुख्य सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। सांसद पांडेय ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के संरक्षण में आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण कराया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल को रोके जाने पर भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए आरोप लगाया है कि राज्य की कांग्रेस सरकार इस मामले में तानाशाही रवैया अपना रही है। वहीं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने आरोप लगाया है कि राज्य में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आदिवासियों का उत्पीड़न किया जा रहा है और धर्मांतरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और पुलिस के संरक्षण में धर्मांतरण का काम चल रहा है। वहीं, विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।