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आरक्षण के मुद्दे को लेकर राजधानी रायपुर में जनअधिकार रैली, गरमाई राजनीति

रायपुर। आरक्षण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने आज राजधानी रायपुर में जनअधिकार रैली का आयोजन किया। साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित इस रैली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे को अभियान के रूप में जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार आरक्षण का लाभ देना चाहती है, लेकिन इस संबंध में विधानसभा से पारित किए गए विधेयक पर राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं कर रही हैं और न ही इसे वापस कर रही हैं। बघेल ने आरोप लगाया कि संविधान की व्यवस्था का पालन नहीं हो रहा है, इसी वजह से जनअधिकार रैली निकाली गई है।
                    

वहीं, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने आरक्षण को लेकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ही राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करने से रोका है। जनअधिकार रैली के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में पारित आरक्षण संशोधन विधेयक के संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर और टी.एस. सिंहदेव सहित अन्य मंत्री, विधायक तथा संसदीय सचिव शामिल थे।

दूसरी ओर, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं देना चाहती है और जानबूझकर क्वांटीफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर रही है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने कांग्रेस की जनअधिकार रैली को पूरी तरीके से फ्लॉप बताया है। उन्होंने कहा कि सभास्थल पर तीन-चौथाई कुर्सियां खाली थीं। साव ने कहा कि कांग्रेस ने इस रैली के लिए प्रशासनिक तंत्र का दुरूपयोग किया, लेकिन फिर भी इसमें लोग नहीं जुटे।

भाजपा का आरक्षण मुद्दे पर धरना 4 जनवरी को

वहीं, भारतीय जनता पार्टी द्वारा कल प्रदेश में जल्द से जल्द आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर राजधानी रायपुर के घड़ी चौक के पास बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर चौक पर धरना दिया जाएगा। इस धरने में पार्टी के सांसद, विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। यह धरना क्वांटीफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करने, राज्यपाल द्वारा मांगे गए दस बिंदुओं का जवाब जल्द से जल्द देने और प्रदेश में आरक्षण को लेकर बनी असमंजस की स्थिति को समाप्त करने की मांगों को लेकर दिया जाएगा।

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