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राज्य सरकार ने आबादी के आधार पर तय किया आरक्षण- भूपेश बघेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया। इसमें अनुसूचित जनजाति को बत्तीस प्रतिशत, अनुसूचित जाति को तेरह, अन्य पिछड़ा वर्ग को सत्ताईस और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। आरक्षण विधेयक पर विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में करीब सात घंटे तक चली लंबी चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने आबादी के आधार पर आरक्षण तय किया है।



इसके लिए क्वांटीफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाया गया है। हालांकि विपक्ष ने सदन के पटल पर क्वांटीफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट को नहीं रखने पर आपत्ति दर्ज कराई। विपक्षी विधायकों ने कहा कि सदस्यों को डाटा आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, कि प्रदेश में किस वर्ग की कितनी जनंसख्या है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष दो हजार ग्यारह की जनगणना में अनुसूचित जाति की जनसंख्या बारह प्रतिशत से कुछ अधिक थी, लेकिन सरकार ने तेरह प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है।

यदि आगामी जनगणना में सोलह प्रतिशत जनसंख्या आती है तो सोलह प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति और जनजाति को उनकी जनसंख्या के अनुसार ही आरक्षण देने का प्रावधान है। बघेल ने विपक्ष के ई.डब्ल्यू.एस. का आरक्षण दस प्रतिशत करने के प्रस्ताव पर कहा कि क्वांटीफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट में ई.डब्ल्यू.एस. की जनसंख्या साढ़े तीन प्रतिशत के करीब आई है, जबकि सरकार ने चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के मामले में जिला और संभाग संवर्ग में रोस्टर लागू होगा, जिन स्थानों पर सामान्य वर्ग की जनसंख्या ज्यादा है, वहां संभाग व जिला संवर्ग में ई.डब्ल्यू.एस. को जनसंख्या के अनुपात में अधिकतम दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।

आरक्षण संशोधन विधेयक पर सोमवार को हस्ताक्षर करेंगी राज्यपाल 

राज्यपाल अनुसुईया उइके आरक्षण संशोधन विधेयक पर सोमवार को हस्ताक्षर करेंगी। आज राजधानी रायपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सुश्री उइके ने कहा कि उनके विधि सलाहकार अभी छुट्टी पर है। राज्यपाल ने कहा कि विधेयक पेश होने और पारित होने की प्रक्रिया है। विधानसभा में पारित होने के बाद जब कोई विधेयक राजभवन आता है, तब सचिवालय में विधि सलाहकार परीक्षण करते हैं। इसके बाद विधेयक राज्यपाल के पास आता है, तत्काल  विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होता। 

सुश्री उइके ने कहा कि जब राज्य सरकार के मंत्री मिलने आए थे, तब मैंने उन्हें बता दिया है कि मेरी ओर से भी सकारात्मक सहयोग मिलेगा। गौरतलब है कि कल राज्य सरकार के मंत्री - रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, कवासी लखमा, अमरजीत भगत और डॉक्टर शिवकुमार डहरिया ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें विधानसभा द्वारा पारित आरक्षण संशोधन विधेयक आगामी कार्यवाही हेतु सौंपा था।

राज्य सरकार ने बहुमत का किया दुरूपयोग - चंदेल

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि राज्य सरकार ने बहुमत का दुरूपयोग करते हुए आरक्षण संशोधन विधेयक को पारित कराया है। उन्होंने ई.डब्ल्यू.एस. को दस प्रतिशत की जगह चार प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर आपत्ति जताई है।आज रायपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा में भाजपा ने संशोधन प्रस्ताव लाया था, जिसमें अनसूचित जनजाति को बत्तीस, अनुसूचित जाति को सोलह,

ओबीसी को सत्ताईस और सामान्य वर्ग के गरीब ई.डब्ल्यू.एस. को दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने उसे खारिज कर दिया। चंदेल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए आरक्षण संशोधन विधेयक को पारित कराया है। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि राज्य सरकार ने आरक्षण संशोधन विधेयक को पारित करवा कर आरक्षित वर्गों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया है।


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