नई दिल्ली। देश में आर्थिक आधार पर आरक्षण आगे भी जारी रहेगा। उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विभिन्न व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के साथ ही सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को उचित ठहराया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की पीठ में से तीन न्यायाधीशों ने आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला दिया। इस तरह बहुमत के आधार पर सुनाए गए फैसले के तहत आर्थिक आधार पर आरक्षण फिलहाल जारी रहेगा।
गौरतलब है कि इस संबंध में एक सौ तीनवें संविधान संशोधन में प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान को जनवरी 2019 में संसद में मंजूरी दी गई थी। हालांकि, इसके तत्काल बाद कुछ संस्थाओं ने इस संशोधन को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर दी थी। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण को जारी रखने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी महासचिव बी.एल. संतोष ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि सामाजिक न्याय की दिशा में यह एक बड़ा निर्णय है।