महासमुंद. संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर की कुशल रणनीति के बदौलत महासमुंद नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। बहुमत होने के बाद भी भाजपा नगरपालिका अध्यक्ष पद की कुर्सी नहीं बचा पाई। रिटर्निंग अफसर की घोषणा होने के साथ ही नगरपालिका के बाहर विनोद चंद्राकर जिंदाबाद के नारे से गूंजता रहा. वहीं संसदीय सचिव चंद्राकर ने सहयोग के लिए सभी पार्षदों का आभार जताया है.
संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर की कुशल रणनीति आई काम
विनोद चंद्राकर जिंदाबाद के नारे से नगरपालिका के पास का माहौल गुंजायमान होता रहा. बताया जाता है कि महासमुंद नगरपालिका में भाजपा के बहुमत के बाद भी अविश्वास प्रस्ताव पारित होना किसी चमत्कार से कम नहीं था. लेकिन संसदीय सचिव चंद्राकर की रणनीति पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी. हालांकि अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद संसदीय सचिव चंद्राकर ने कमान संभालते हुए रणनीति तैयार की थी.
कांग्रेस की नीतियों व क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा के दो पार्षद सरला गोलू मदनकार व कमला बरिहा ने संसदीय सचिव निवास पहुंचकर कांग्रेस की सदस्यता ली थी. बावजूद इसके भाजपा के पास बहुमत रहा. लेकिन संसदीय सचिव की कुशल रणनीति की बदौलत आज सोमवार को महासमुंद नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. गौरतलब है कि इसके पूर्व भी संसदीय सचिव चंद्राकर स्थानीय कई चुनावों में अपनी कुशल रणनीति का परिचय दे चुके हैं.
जुलूस के रूप में कांग्रेस भवन पहुंचे कांग्रेसजन
महासमुंद नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद संसदीय सचिव चंद्राकर की अगुवाई में कांग्रेसजन कांग्रेस भवन पहुंचे. इस दौरान जमकर आतिशबाजी की गई. कांग्रेस भवन में संसदीय सचिव चंद्राकर ने सभी पार्षदों का आभार जताते हुए आने वाले दिनों में भी एकजुटता का परिचय देने का आव्हान किया.
अध्यक्ष का नाम पार्टी करेगी तय-चंद्राकर
संसदीय सचिव चंद्राकर ने महासमुंद नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि क्षेत्र में कराए जा रहे चहुंमुखी विकास कार्यों पर पार्षदों ने मुहर लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है. अब नए अध्यक्ष का नाम कांग्रेस पार्टी तय करेगी.