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Income Tax raids in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में आयकर की छापेमारी, 100 करोड़ के लेनदेन, 12 करोड़ नगदी और 7 करोड़ रुपये की ज्वेलरी जब्त

रायपुर/मुंबई. हवाला कारोबारियों द्वारा सरकारी अधिकारियों और कारोबारियों के साथ सांठगांठ करके करोड़ो रूपये के संदिग्ध लेनदेन से जुड़े मामले में 30 जून से शुरू हुई इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी रविवार को पूरी हो गई है। चार दिन तक चली छापेमारी में चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। हालांकि, IT ऑफिसर इस पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दे रहे हैं। जनसामान्य में आयकर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही विवरण को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है। 
सूर्यकांत तिवारी को आयकर भवन ले जाते पुलिस के जवान


विभागीय सूत्रों के हवाले से 'मीडिया' को मिली जानकारी के अनुसार 100 करोड़ रुपये से अधिक का अवैधानिक लेनदेन किए जाने खुलासा छापेमारी से हुई है। अलग-अलग स्थानों से 12 करोड़ रुपये नगदी और 7 करोड़ रुपये की ज्वेलरी भी जब्त किए जाने की जानकारी है। छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल के डिप्टी सेक्रेटरी सौम्य चौरसिया सहित कई कारोबारियों के ठिकानों पर IT की 30 जून की सुबह छापेमारी शुरू हुई। जो तीन जुलाई तक चली। छत्तीसगढ़ प्रदेश के आधा दर्जन शहरों में 26 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे की कार्रवाई पूरी हो गई है। विभागीय जांच अभी भी जारी है। 

अब तक की जांच में सौ करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेनदेन के दस्तावेज मिलने का दावा किया जा रहा है। कई शेल कंपनियों में निवेश के साथ कुछ लोगों को बड़े पैमाने पर नकदी दिए जाने के भी दस्तावेज मिले हैं। अब तक की जांच में करीब सात करोड़ के गहने और 12 करोड़ रुपये नकद जब्त किए जाने की भी खबर है। आयकर विभाग के अफसरों के अनुसार, जांच का दायरा बढ़ सकता है। अभी लॉकर को खोला जाना शेष है। 

इस बीच आयकर विभाग के अफसरों की एक टीम कारोबारी और कांग्रेस नेता सूर्यकांत तिवारी और उनके एक सहयोगी से रायपुर में पूछताछ कर रही है। दोनों को शुक्रवार की शाम को रायपुर एयरपोर्ट से पूछताछ के लिए सीधे सिविल लाइन रायपुर स्थित आयकर कार्यालय ले जाया गया है। अफसरों के अनुसार दोनों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 131 के तहत पूछताछ के लिए पहले ही समन भेजा गया था। समन मिलते ही भूमिगत हो गए थे। 

छापामारी के बाद लौटने पर रायपुर विमानतल से सीधा आयकर भवन लेकर गए। आयकर सूत्रों के अनुसार, जांच में जमीन के कारोबार सहित अन्य संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। इनके संबंध में भी पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि छापे में विभिन्न तरह के खनिजों से बड़े पैमाने पर नकद राशि आने और उसके विभिन्न लोगों के वितरण के भी साक्ष्य मिल रहे हैं। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। *

इन शहरों में एक साथ हुई कार्रवाई

 आयकर विभाग की टीमों ने गुरुवार 30 जून को तड़के रायपुर, भिलाई, रायगढ़, कोरबा, महासमुंद व धमतरी में छापे की कार्रवाई शुरू की है। टीम सूर्यकांत तिवारी, उनके सहयोगी निखिल चंद्राकर, ठेकेदार अजय नायडू व ट्रांसपोर्टर जोगिंदर सिंह सहित कुछ और लोगों के आवास और कार्यालय की जांच कर रही है। 

 सीबीडीटी के अफसरों की निगरानी में जांच कार्रवाई 

 आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, छापे की यह पूरी कार्रवाई केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की निगरानी में चल रही है। महानिदेशक (जांच) मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ अजय श्रीवास्तव और प्रधान निदेशक (जांच) अशोक त्रिपाठी छापे में शामिल अफसरों के लगातार संपर्क में हैं। छापे में बेंगलुरु, नागपुर, दिल्ली, भोपाल, जबलपुर और रायपुर से लगभग 145 आयकर अधिकारी शामिल हैं। वहीं करीब 150 केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान भी तैनात हैं। 

राजनीतिक दबाव के बीच जांच कार्यवाही को अत्यंत गोपनीय रखा गया है। मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। इसे लेकर आम जनता पारदर्शिता पर सवाल उठाने लगी है कि चार दिन बाद भी मामले का खुलासा क्यों नहीं किया जा रहा है?

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