आबादी बढ़ने की वजह से भी जंगलों में अतिक्रमण बढ़ने लगे हैं। जंगल की पूरी संरचना प्रभावित हो रही है। जंगलों में बांस और फलदार वृक्ष भी कम हो रहे हैं। अपने निवास स्थान की कमी और पेट भरने के लिए हाथी इन्सानी बस्तियों का रुख कर रहे हैं। सिमटते जंगल से हाथी और मनुष्य के बीच द्वंद्व (Elephant attack in Chhattisgarh) की स्थिति बनी हुई है। हर दूसरे दिन गजराज के हमले से इंसानों की मौत की खबर सामने आते रहती है।
ताजा मामला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही का है, जहां हाथियों का उत्पात जारी है। हाथियों ने फिर एक ग्रामीण को कुचलकर मार डाला। दो दिन में ये दूसरी मौत है। इसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को अलर्ट किया है, जिनके मकान कच्चे बने हैं, उन्हें वन विभाग की टीम ने अपने वाहनों से दूसरी जगह शिफ्ट कराया है। बताया जा रहा है कि हाथियों के दल ने मध्य प्रदेश से जिले में प्रवेश किया है। जानकारी के मुताबिक मरवाही रेंज के कटारा गांव में तीन हाथियों के दल ने डेरा डाला हुआ है।
गांव खाली कराने के लिए मुनादी
इसी बीच हाथियों ने स्थानीय ग्रामीण रामधुन गोंड (उम्र 45) को कुचल दिया, जिससे रामधुन की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन हाथियों को भगाने में नाकामयाब रही। इसके बाद गांव में मुनादी करा कर लोगों को अलर्ट कराया गया। साथ ही सभी को निकाल कर पक्के भवन में शिफ्ट किया गया है। कच्चे मकानों वाले ग्रामीणों को गांव खाली करने के लिए मुनादी कराई गई।
MP के अनूपपुर से पहुंचा है दल
मरवाही रेंज में MP के अनूपपुर जिले से तीन हाथियों का दल अलग-अलग गांवों के पास डेरा डाले हुए हैं। बताया जा रहा है कि हाथी लौट गए थे, लेकिन दो दिन से फिर गांव में पहुंचे हुए हैं। एक दिन पहले भी हाथी ने मालाडांड़ गांव में दो लोगों को कुचल दिया था। इसमें एक की मौत हो गई थी, जबकि दूसरा घयल है। इसके बाद लोगों में वन को लेकर आक्रोश बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि न तो सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं, न ही ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।
हाथी से सामना होने पर ढलान की ओर दौड़े
अगर हाथी से सामना हो जाए तो तुरंत उसके लिए रास्ता छोड़े, पहाड़ी स्थानों में सामना होने की स्तिथि मे पहाड़ी की ढलान की ओर दौड़े ऊपर की ओर नहीं क्योंकि हाथी ढलान में तेज गति से नहीं उतर सकता, लेकिन चढाई चढ़ने में वह दक्ष होता है, सीधे न दौड़ कर आड़े तिरछे दौड़े, कुछ दूर दौड़ने के बाद गमछा, पगड़ी, टोपी और अन्य कोई वस्त्र फेक दे, ताकि कुछ समय तक हाथी उसमें उलझा रह सके और आपको सुरक्षित स्थान पर जाने का समय मिल जाए।