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हाथियों के हमले से व्यापारी समेत 2 लोगों मौत, गांव में दहशत का माहौल

आबादी बढ़ने की वजह से भी जंगलों में अतिक्रमण बढ़ने लगे हैं। जंगल की पूरी संरचना प्रभावित हो रही है। जंगलों में बांस और फलदार वृक्ष भी कम हो रहे हैं। अपने निवास स्थान की कमी और पेट भरने के लिए हाथी इन्सानी बस्तियों का रुख कर रहे हैं। सिमटते जंगल से हाथी और मनुष्य के बीच द्वंद्व (Elephant attack in Chhattisgarh) की स्थिति बनी हुई है। हर दूसरे दिन गजराज के हमले से इंसानों की मौत की खबर सामने आते रहती है। 

ताजा मामला जशपुर जिले का है, जहां हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। साथ ही लीची बगान को तहस-नहर करने के साथ ही व्यापारी समेत 2 लोगों की जान ले ली। हाथी के हमले में मारा गया व्यापारी महकूल समाज का नेता था। बगान में सोते हुए हाथियों ने उस पर हमला कर दिया। इसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं एक अन्य गांव में हाथी ने महिला को उठाकर पटक दिया। इससे उसकी मौत हो गई।  

एक महीने में तीसरी घटना

जानकारी के मुताबिक कुनकुरी से लगे कंडोरा गांव में दल से बिछड़ कर देर रात दो हाथी पहुंच गए। ग्रामीणों को पता चला तो एकत्र होकर उन्होंने हाथियों को खदेड़ना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान हाथी पास ही त्रिलोचन यादव (60) के लीची के बगान में घुस गए। त्रिलोचन बगान में ही सो रहा था। हाथियों ने उस पर हमला कर मार दिया। बताया जा रहा है कि वन परिक्षेत्र में एक माह में यह तीसरी घटना है।

ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की सलाह

 नारायणपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत जाम चुवां के गीदा बहार में भी हाथियों ने 55 साल की एक महिला को कुचल दिया। महिला की पहचान सनीयारों बाई (55) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि तड़के वह निकली थी, तभी नर हाथी ने उस पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है इस क्षेत्र में कई दिनों से 40 से 50 हाथियों का झुंड मौजूद है। फिलहाल वन विभाग की टीम हाथियों पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं उन्होंने ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की सलाह दी है।

हाथी से सामना होने पर ढलान की ओर दौड़े

अगर हाथी से सामना हो जाए तो तुरंत उसके लिए रास्ता छोड़े, पहाड़ी स्थानों में सामना होने की स्तिथि मे पहाड़ी की ढलान की ओर दौड़े ऊपर की ओर नहीं क्योंकि हाथी ढलान में तेज गति से नहीं उतर सकता, लेकिन चढाई चढ़ने में वह दक्ष होता है, सीधे न दौड़ कर आड़े तिरछे दौड़े, कुछ दूर दौड़ने के बाद गमछा, पगड़ी, टोपी और अन्य कोई वस्त्र फेक दे, ताकि कुछ समय तक हाथी उसमें उलझा रह सके और आपको सुरक्षित स्थान पर जाने का समय मिल जाए।

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