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चाट-गुपचुप खाने के बाद बिगड़ी 25 लोगों की तबीयत, एक बच्ची की मौत, 4 की हालत गंभीर

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में गुपचुप और चाट खाने के बाद महिलाओं और बच्चियां समेत 25 लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिनमें से एक बच्ची की CIMS में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बच्ची की बड़ी बहन समेत 4 बच्चियों की हालत गंभीर है। बड़ी बहन का भी CIMS में इलाज चल रहा है। बाकी दोनों बच्चियों को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं अन्य बीमार लोगों का इलाज बिल्हा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जारी है। दूसरी ओर बच्ची की मौत को लेकर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। 

जानकारी के मुताबिक बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम देव किरारी में रविवार शाम गांव की महिलाएं और बच्चियां ठेले पर गुपचुप और चाट खाने के लिए गई थीं। इसके बाद रात में एक-एक कर बड़ी संख्या में बच्चियों और महिलाओं की तबीयत बिगड़ने लगी। उन्हें उल्टी-दस्त होने लगी। रात में घरेलू इलाज कराने के बाद कुछ लोग ठीक हो गए, लेकिन सोमवार सुबह पता चला कि 25 महिलाएं और बच्चियां बीमार हो गई हैं। उन्हें एंबुलेंस से बिल्हा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। 

CHC बिल्हा में 5 बच्चियों की हालत गंभीर देख उन्हें बिलासपुर रेफर कर दिया गया। परिजन सभी को लेकर CIMS पहुंचे, यहां उपचार के दौरान 9 साल की बच्ची मीनाक्षी कोशले पिता चंद्रप्रकाश कोशले की मौत हो गई। वहीं उसकी बड़ी बहन साक्षी कोशले (उम्र 11) की हालत गंभीर है। बच्ची की मौत की खबर मिलते ही परिजनों ने CIMS में हंगामा मचाना शुरू कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को समझाइश देकर शांत कराया। चार बच्चों की हालत गंभीर है, जिन्हें बिलासपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

फूड प्वाइजनिंग से बिगड़ी तबीयत

फूड प्वाइजनिंग की जानकारी मिलते ही आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता और अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला समेत पदाधिकारी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने भी इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया और दो बच्चियों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी CMHO डॉ. प्रमोद महाजन से चर्चा की और अस्पताल में भर्ती मरीजों का समुचित उपचार करने के निर्देश दिए। खबर मिलते ही डॉ. महाजन बिल्हा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। बीमार ग्रामीणों में रीना (23 साल), दीक्षा (17 साल), मनोरमा (20 साल), दिप्ती (12 साल), दिलेश्वरी (28 साल), अभिलाषा( 10 साल) का इलाज जारी है। 

इनका इलाज अस्पताल में जारी

वहीं शुभांगी (10 साल), कैलाश (8 साल), हेमलता (37 साल), हेमा बंजारे (44 साल), कुंती बंजारे (30 साल), लक्ष्मीकांत (10 साल), चंद्रकांत (16 साल), गगन (12 साल), रोशनी (8 साल), दिलेश्वरी (20 साल ), अर्चना (38 साल), संजुलता बंजारे (30 साल), हंशिका बंजारे (18 साल) समेत अन्य भी इलाज करवा रहे हैं।

फूड पॉइजनिंग से 100 से ज्यादा लोग हुए बीमार

इससे पहले MP के रतलाम के आलोट में फूड पॉइजनिंग से 100 से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे। उल्टी-दस्त होने के बाद उन्हें एंबुलेंस और ग्रामीणों की मदद से सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे। दरअसल, गांव के मगीगाल धन्नालाल के घर मानता का कार्यक्रम था, जिसमें लोगों ने दाल-बाफले और लड्डू खाए थे। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। गंभीर होने पर 70 ग्रामीण आलोट के अस्पताल पहुंचे। करीब 30 लोग निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे। कार्यक्रम में मेहमानों को ग्रामीण ने मिलकर भोजन कराया। इसे खाने के बाद करीब 100 लोगों की हालत बिगड़ गई। 

मिठाई खाने के बाद हुए थे 300 से ज्यादा लोग बीमार

बता दें कि इससे पहले मंदसौर जिले में एक शादी समारोह में दूषित मावे से बनी मिठाई खाने से 300 से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे। बीमार लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद भानपुरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भानपुरा तहसीलदार नागेश पंवार ने बताया कि नीमथूर गांव के कारुलाल के बेटे कन्हैयालाल की शादी में सामूहिक भोज का आयोजन किया गया था। इसमें दूषित मावे से बनी मिठाई खाने के बाद अधिकंश लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हो गई। इसके बाद कुछ लोगों का स्थानीय इलाज किया गया। इनमें करीब 180 लोगों को भानपुरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया था। पंचायत के सरपंच दुलीचंद अहीर ने बताया कि पहले एक बच्चे को शिकायत हुई। इसके बाद लगातार बीमार लोगों की संख्या बढ़ती गई। भोजन में मावे की मिठाई, छाछ का रायता, पूड़ी, पापड़ और सब्जी बनाई गई थी।

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