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छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज सहकारी समिति प्रबंधकों की बढ़ी सैलरी, बिजलीकर्मियों का DA भी बढ़ा

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति प्रबंधकों बड़ी सौगात दी है। उन्होंने समिति प्रबंधकों का मासिक पारिश्रमिक यानी वेतन बढ़ाकर दो गुना कर दिया है। वन विभाग ने इसका आदेश भी जारी कर दिया, जिसके मुताबिक वनोपज सहकारी समिति प्रबंधकों को अब 20 हजार मासिक वेतन मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश और वन मंत्री मोहम्मद अकबर की पहल पर प्रबंधकों का मासिक पारिश्रमिक 12 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 20 हजार रूपए किया गया है।

 

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के प्रबंधकों के मासिक पारिश्रमिक में बढ़ोतरी की है, जिससे प्रदेशभर में काम कर रहे करीब एक हजार वनोपज सहकारी समिति प्रबंधकों को अप्रैल 2022 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेगा।

कई दिनों से आंदोलन कर रहे थे प्रबंधक

प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधक पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। इन लोगों ने 11 अप्रैल से धरना शुरू किया था। प्रबंधकों का कहना है कि कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में प्रबंधकों को तृतीय वर्ग कर्मचारी का दर्जा देकर नियमित करने का वादा किया था। सत्ता के तीन साल बीत जाने के बाद भी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है।

तेंदुपत्ता तोड़ाई पर हो रहा था असर

प्रदेशभर में इसी महीने से तेंदूपत्ता की तोड़ाई और संग्रहण का काम शुरू होता है। समिति प्रबंधकों के हड़ताल पर चले जाने से तेंदूपत्ता फड़ों पर तैयार तो हो गए हैं लेकिन तोड़े नहीं जा रहे हैं। सिर्फ दंतेवाड़ा में ही हर साल 10 करोड़ रुपए का तेंदूपत्ता संग्रहण किया जाता है। यदि पूरे बस्तर की मानें तो यह आंकड़ा करीब 90 से 100 करोड़ का होता है। अगर नाराजगी लंबी खिंची तो पत्ता किसी काम का नहीं रहेगा।

छत्तीसगढ़ में बिजलीकर्मियों का DA भी बढ़ा 

वहीं छत्तीसगढ़ में बिजली कंपनी के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है। बिजली कंपनी ने मंगलवार को इसके आदेश जारी कर दिए गए। नए आदेश के मुताबिक बिजली कंपनी के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता मूल वेतन के 31% से बढ़ाकर 34% कर दिया गया है। इस आदेश से करीब 16 हजार कर्मचारियों का फायदा होगा। अधिकारियों ने बताया बिजली कंपनी के ऐसे नियमित और कार्यभारित अधिकारियों-कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई है। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जिनको अप्रैल 2016 में तय वेतनमान दिया जा रहा है उनके महंगाई भत्ते की वर्तमान दर 31% से बढ़ाकर 34% किया गया है। 

महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी से प्रथम श्रेणी तक के अधिकारियों कर्मचारियों को इसका अलग-अलग फायदा होगा। एक सामान्य फौरी आकलन के मुताबिक कर्मचारियों-अधिकारियों को 600 रुपए से लेकर 2500 रुपए मासिक तक का फायदा होता दिख रहा है। बिजली विभाग के कर्मचारी लंबे समय से महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

वनांचल के निवासियों के लिए महत्वपूर्ण सौगात

इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार बस्तर संभाग में रेशम पालन और कोसा उत्पादन करने वाले आदिवासी-वनवासी कृषकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। इसके तहत रैली कोसा का क्रय अब समर्थन मूल्य पर छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते दिन चालू वित्तीय वर्ष के बजट भाषण में बस्तर में रेशम मिशन प्रारंभ करने की घोषणा की थी। इस घोषणा के पालन में राज्य सरकार ने चालू साल से लघु वनोपज संघ के माध्यम से कोसा कोकून न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है। इस संबंध में आदेश लघु वनोपज संघ ने आज जारी कर दिए हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बस्तर संभाग में इसके समर्थन मूल्य पर संग्रहण के लिए क्रय दर निर्धारित किया गया है। इसके तहत रैली कोसा साबुत ग्रेड-1 में प्रति नग शेल भार 2.5 ग्राम के लिए 4.20 रूपए, ग्रेड-2 में प्रति नग शेल भार 2-2.49 ग्राम के लिए 3.60 रूपए और ग्रेड-3 में प्रति नग शेल भार 1.4-1.99 ग्राम के लिए 2.80 रूपए और रैली कोसा-पोली ग्रेड-1 में प्रति नग शेल भार 2.5 ग्राम के लिए 1.50 रूपए, ग्रेड-2 में प्रति नग शेल भार 2-2.49 ग्राम के लिए 1.25 रूपए तथा ग्रेड-3 में प्रति नगर शेल भार 1.4-1.99 ग्राम 0.70 रूपए निर्धारित है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि शासन के इस महत्वपूर्ण निर्णय से अब रैली कोसा के उत्पादन और प्रसंस्करण का दोहरा लाभ स्थानीय निवासियों को मिलेगा।

रेशम संचालनालय के बीच MoU 

इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल द्वारा राज्य में रैली कोसा के स्थानीय प्रसंस्करण को बढ़ाते हुए स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने के लिए भी निर्देशित किया गया है। इसके तहत राज्य लघु वनोपज संघ और रेशम संचालनालय के बीच MoU हुआ है। इसके अनुसार लघु वनोपज संघ द्वारा क्रय किया गया कोकून रेशम विभाग को प्रदाय किया जाएगा। 

संभाग में 740 हितग्राहियों का चयन 

रेशम विभाग द्वारा बस्तर संभाग में 740 हितग्राहियों का चयन करके उन्हें रेशम धागाकरण का प्रशिक्षण देना भी प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में 8 से 10 करोड़ रैली कोसा-कोकून का उत्पादन होता है। रैली कोसा संग्रहण कार्य मुख्य रूप से 07 जिला यूनियन जगदलपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंडागांव, केशकाल, नाराणपुर और कांकेर में होता है।  

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