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हाथी के हमले से जिले में 3 लोगों की मौत, हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में दहशत का माहौल

आबादी बढ़ने की वजह से भी जंगलों में अतिक्रमण बढ़ने लगे हैं। जंगल की पूरी संरचना प्रभावित हो रही है। जंगलों में बांस और फलदार वृक्ष भी कम हो रहे हैं। अपने निवास स्थान की कमी और पेट भरने के लिए हाथी इन्सानी बस्तियों का रुख कर रहे हैं। सिमटते जंगल से हाथी और मनुष्य के बीच द्वंद्व (Elephant attack in Chhattisgarh) की स्थिति बनी हुई है। हर दूसरे दिन गजराज के हमले से इंसानों की मौत की खबर सामने आते रहती है। 

ताजा मामला धमतरी जिले का है, जहां हाथियों ने 22 साल की युवती समेत तीन लोगों की जान ले ली है। इसमें एक महिला भी शामिल है। हाथी ने उसे सूंड़ से उठाकर पटक दिया। इसके अलावा कई मकान भी तोड़ दिए हैं। लोग जान बचाकर वहां से भाग रहे हैं। हाथियों का यह दल ओडिशा के सिकाशेर से आया है। आसपास के 8 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं ग्रामीणों ने इस घटना के बाद वन विभाग को लेकर आक्रोश है।

लड़की पर किया हमला

जानकारी के मुताबिक बिरनासिल्ली में रामसिंह ने झोपड़ी बना रखी है। शनिवार देर रात करीब 12 बजे उसकी 22 साल की बेटी सुखबाई सोकर उठी और झोपड़ी से बाहर निकली। इसी दौरान वहां पहले से मौजूद हाथियों ने उस पर हमला कर दिया। इसमें युवती की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं हाथी ने झोपड़ी को भी तोड़ डाला। इसके बाद परिजन अन्य लोगों को लेकर किसी तरह जान बचाकर भागे।

बिना कपड़ों के मिला शव

हाथी के हमले में मारी गई 22 साल की युवती की मौत सवालों के घेरे में है। उसका नग्न शव बरामद हुआ है। आसपास कपड़े भी नहीं मिले हैं। ऐसे में घटना को लेकर संदेह है। आशंका है कि युवती के साथ कुछ गलत हुआ होगा। इसके बाद हाथी पहुंचे और हमला कर मार दिया। वहीं वन विभाग की टीम भी पहुंची। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 महिला समेत 2 लोगों की ली जान

इससे पहले शनिवार को भी हाथियों ने महिलाओं समेत दो लोगों की जान ली थी। महिलाएं जंगल में लकड़ी लेने गईं थीं। तभी हाथियों ने महिलाओं को दौड़ा लिया। महिलाएं वहां से भागी। उनमें शामिल पाइकभाठा निवासी भूमिका उर्फ सत्तो मरकाम (36) गिर पड़ी, तभी हाथी ने उसे पकड़ लिया और सूंड़ से उठाकर पटक दिया। फिर पैर से कुचलकर मार डाला। ये खबर ग्रामीणों को हुई तो घटना स्थल से कुछ दूरी पर भीड़ एकत्रित हो गई।

निरीक्षण के दौरान मिला दूसरा शव

घटना की जानकारी उदंती-सीतानदी टाइगर के उप संचालक वरुण जैन, DFO मयंक पांडेय को हुई। वन विभाग के अफसर दलबल के साथ घटना स्थल पर करीब 3 बजे आए। उन्होंने महिला का शव देखा। इसके बाद आसपास निरीक्षण करने लगे। तभी वहां से करीब 200 मीटर दूर पांवद्वार डैम के पास एक और ग्रामीण का शव मिला। उसकी पहचान बुधलाल (45) नेताम के रूप में हुई। दोनों के शव ग्रामीणों ने कंधे पर लादकर बाहर निकाला।

हाथी की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत

ओडिशा के सिकाशेर से आया से 30 हाथियों का दल करीब 5 महीने से विचरण कर रहा है। 2 दिन पहले इस दल से 2 सदस्य एक हाथी व एक हथिनी अलग हो गए। यह दोनों ही सीतानदी रेंज, रिसगांव रेंज व अरसीकन्हार रेंज में घूम रहे है। फसल सहित कुछ घरों को भी तोड़ चुके हैं। 2 दिन पहले यह हथिनी सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व के कक्ष क्रमांक 346 में थी। लगातार 24 से 36 घंटे एक ही जगह पर बैठे रहने से वन विभाग के अफसर निश्चित थे।  

8 गांव को अलर्ट जारी

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिलेभर के 250 वनकर्मी 20 दिन से हड़ताल पर है। इनके हड़ताल से वन्य प्राणियों के साथ जंगल की सुरक्षा खतरे में है। हथिनी द्वारा 2 लोगों को कुचलने के बाद अफसर घटना स्थल से लगे आसपास के 8 गांव को सतर्क किया है। इनमें पांवद्वार, घठुला, रतावा, पोड़ागांव, बिरनासिल्ली, पदमपुर, पाइकभाठा, विश्रामपुर शामिल है।

परिजनों को 25-25 हजार दिए गए

उदंती-सीतानदी टाइगर के उप संचालक वरुण जैन ने बताया कि सिकाशेर दल के 30 हाथियों का झुंड 3 समूह में बट गया है। 48 घंटे पहले ही अलग हुए है। प्रारंभिक जांच में हथिनी ने 2 ग्रामीण को कुचलने की पुष्टि हुई है। मृतकों के परिजनों को 25-25 हजार रुपए सहयोग राशि दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। 6-6 लाख रुपए मुआवजा मिलता है।

जिले में 24 हाथियों का डेरा

हथिनी चंदा का दल शनिवार रात धमतरी रेंज के बॉर्डर नरहरपुर के पास पहुंच गया। मालवाड़ी में कई मकान तोड़ दिए। जिसके बाद ग्रामीणों को जान बचाकर भागना पड़ा। चंदा के साथ झुंड में 24 हाथी है। जिनमें 3 बच्चे भी शामिल है। इसलिए चंदा हथिनी का दल भी आक्रामक है।

ढलान की ओर दौड़े

अगर हाथी से सामना हो जाए तो तुरंत उसके लिए रास्ता छोड़े, पहाड़ी स्थानों में सामना होने की स्तिथि मे पहाड़ी की ढलान की ओर दौड़े ऊपर की ओर नहीं क्योंकि हाथी ढलान में तेज गति से नहीं उतर सकता, लेकिन चढाई चढ़ने में वह दक्ष होता है, सीधे न दौड़ कर आड़े तिरछे दौड़े, कुछ दूर दौड़ने के बाद गमछा, पगड़ी, टोपी और अन्य कोई वस्त्र फेक दे, ताकि कुछ समय तक हाथी उसमें उलझा रह सके और आपको सुरक्षित स्थान पर जाने का समय मिल जाए।

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