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नक्सलियों ने की सहायक आरक्षक की हत्या, धारदार हथियार से वार कर ली जान

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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की कायराना हरकत की खबरें आए दिन सामने आ रही है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का है, जहां नक्सलियों ने रविवार शाम को एक सहायक आरक्षक की हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने पुलिस थाना के सामने साप्ताहिक बाजार में इस वारदात को अंजाम दिया है। करीब 5 से 6 की संख्या में ग्रामीण वेशभूषा में पहुंचे नक्सलियों ने सहायक आरक्षक पर धारदार हथियार से वार कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। 

जानकारी के मुताबिक सहायक आरक्षक गोपाल कड़ती बाजार से जरूरत का सामान लेने के लिए गए हुए थे, जहां पहले से ही नक्सलियों की स्मॉल एक्शन की टीम मौजूद थी। मौका पाते ही नक्सलियों ने सहायक आरक्षक को घेर लिया। फिर भरे बाजार में ही मिरतुर पुलिस थाना के सामने ही सहायक आरक्षक की हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सली भीड़ का सहारा लेकर भाग निकले।

वहीं घटना की जानकारी मिलते ही मिरतुम थाना से जवान भी मौके पर पहुंच गए और शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। ये इलाका पूरी तरह से नक्सलियों का गढ़ है। यहां आए दिन नक्सली किसी न किसी तरह की वारदात को अंजाम देते रहते हैं। एक बार फिर से नक्सलियों ने इस तरह की कायराना करतूत को अंजाम दिया है।

डेढ़ सालों में इतने लोगों की ली जान

17 नवंबर 2020 को नक्सलियों ने सुकमा के जंगलों में जन अदालत लगा कर 2 युवकों की हत्या की थी। 21 अक्टूबर 2020 को नक्सलियों ने बीजापुर में एक आरक्षक को अगवा कर जन-अदालत लगा उसकी हत्या की थी। साल 2020 में ही नक्सलियों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में 2 युवकों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर गला रेत का हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में नक्सलियों ने जन अदालत लगा कर एक पूर्व सरपंच की हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंका था। इस पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।वहीं साल 2020 में सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर जन अदालत लगा उसकी हत्या कर दी थी। 

पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर ज्यादातर हत्या

नवंबर 2021 में सुकमा जिले में जन अदालत लगाकर माओवादियों ने 2 युवकों की हत्या की थी। इन पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था। नवंबर 2021 में नक्सलियों ने कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में जन अदालत लगाकर 1 ग्रामीण की हत्या की थी। जनवरी 2022 में बीजापुर जिले में अपने ही एक साथी कमलू पुनेम को जन अदालत लगाकर मारा। जनवरी 2022 में ही बीजापुर जिले के जांगला थाना क्षेत्र में अपने ही 2 साथी भोंगी पोयाम और कोतरापाल निवासी बोटी कुहरामी पर पुलिस मुखबिरी का शक कर उन्हें भी जन अदालत लगा कर मौत की सजा दी।फरवरी माह में ही दंतेवाड़ा जिले के टेटम के ग्रामीण की नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या की थी।

5 साल में नक्सली हिंसा में इतने लोगों की गई जान

बीते 5 साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा (Naxalite violence) में 1000 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं। इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।

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