प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश के चयनित किसानों को प्रति कृषक 6 हजार मिलता चला आ रहा है, लेकिन आगामी 11वीं किस्त में बड़ी संख्या में किसान वंचित हो सकते हैं। प्रति एकड़ नहीं, प्रति कृषक 6 हजार छोटी रकम देकर भले ही भारत सरकार वाहवाही लूटना चाहती है। किंतु पात्र हितग्राहियों के ऊपर नए नियम लादकर मिल रहे लाभ से वंचित करने का कुचक्र चल रहा है। ऐसा कहना है किसान नेता पारसनाथ साहू और गजेंद्र सिंह कोसले का।
उन्होंने कहा है कि भारत सरकार पंजीकृत समस्त किसानों को पीएम किसान पोर्टल में ईकेवाईसी करवाना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए किसान स्वयं पोर्टल में जाकर अपने आधार कार्ड नंबर का सत्यापन कर सकते हैं या लोक सेवा केंद्र ग्रामीण चॉइस सेंटर के माध्यम से इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं । इसमें ईकेवाईसी ऐसे किसानों का ही हो रहा है जिनका आधार से मोबाइल नंबर लिंक है । इसके लिए 31 मार्च को अंतिम समय सीमा निर्धारित किया गया है। जो कृषक 31 मार्च तक आधार कार्ड का सत्यापन ईकेवाईसी नहीं कर पाएगा उसे आगामी किस्त नहीं दी जाएगी?
कई किसानों को अभी तक सूचना नहीं
जिन किसानों का आधार नंबर मोबाइल नंबर से लिंक नहीं है, ऐसे किसान आधार नंबर में मोबाइल नंबर पंजीयन के लिए आधार पंजीयन केंद्रों की ओर भारी संख्या में जा रहे हैं। जिससे आधार पंजीयन केंद्रों में आपाधापी मची है । सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है । कई किसानों को अभी तक सूचना नहीं मिली है जिसके कारण अनेक किसान पात्रता रखने के बावजूद इस योजना के लाभ से वंचित हो सकते हैं। किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि पीएम किसान पोर्टल में सीएससी लॉगइन ऑप्शन चालू किया जावे जो कि अभी बंद है एवं सभी बायोमेट्रिक डिवाइस से किसानों का ईकेवाईसी करने की सुविधा प्रदान की जावे ताकि ऐसे किसानों का भी e-kyc हो सके जिसका आधार नंबर से मोबाइल नंबर नहीं जुड़ा है या वह नंबर अभी उपलब्ध नहीं है।