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छत्तीसगढ़ में 3 सालों के अंदर 1 हजार 715 नए उद्योग स्थापित, 33 हजार लोगों को मिला रोजगार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 26वीं कड़ी में 'सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार' विषय पर प्रदेशवासियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्योग, व्यापार और कारोबार के लिए अनुकूल वातावरण है। संभावनाओं से भरपूर छत्तीसगढ़ में देश और दुनिया के निवेशक आकर देखें कि यहां उद्योग मित्र, व्यापार मित्र, कारोबार मित्र, उपभोक्ता मित्र, पर्यटक मित्र, रोजगार मित्र नीतियों से कैसे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ा जा रहा है। राज्य में हमने शुरू से ही ऐसे कार्यों को महत्व दिया है, जिससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए और रोजगार के अवसर बढ़े। 

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में सेवा क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिले। इसके लिए पर्यटन के अलावा अन्य कार्यों को भी चिन्हांकित किया गया है। MSME सेवा श्रेणी उद्यमों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, सेवा केंद्र, BPO, 3-D पिंरटिंग, बीज ग्रेडिंग समेत 16 सेवाओं को सामान्य श्रेणी के उद्योगों की तरह औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। 

90 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार 

औद्योगिक क्षेत्रों में भू-भाटक में 33 प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों और औद्योगिक क्षेत्रों से बाहर 10 एकड़ तक आवंटित भूमि को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने के लिए नियम तैयार कर अधिसूचना जारी की गई। ऐसे प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ में तीन सालों के अंदर 1 हजार 715 नए उद्योग स्थापित हुए, जिसमें 19 हजार 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ। साथ ही 33 हजार लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा 149 MoU भी किए गए हैं, जिसमें 74 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा और 90 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। 

 3 हजार करोड़ रु से ज्यादा के निवेश के लिए MoU 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बायो एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 18 निवेशकों के साथ 3 हजार 300 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश के लिए MoU किया है, जिसमें 2 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति भी केंद्र सरकार से मांगी है। अगर ये अनुमति मिल गई तो धान के बंपर उत्पादन को सही दिशा में उपयोग करते हुए हम बड़े पैमाने पर एथेनॉल बना सकते हैं और इससे बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का अवसर भी बना सकते हैं। 

देवगुड़ी और घोटुल स्थलों का विकास

औद्योगिक नीति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, कृषि उत्पादक समूहों, तृतीय लिंग के लोगों के लिए विशेष पैकेज हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए ऐसा कोई प्रावधान औद्योगिक नीति में नहीं था। इस दिशा में ध्यान देते हुए OBC वर्ग के लिए 10 प्रतिशत भू-खंड आरक्षित किए जाएंगे। सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ई-मानक पोर्टल संचालित किया जा रहा है। महिलाओं के पक्ष में पंजीयन कराने पर स्टाम्प शुल्क में छूट दी है, जिससे 50 हजार 280 पंजीयन पर 37 करोड़ रुपए से ज्यादा की छूट दी गई है। आदिवासी अंचलों में देवगुड़ी और घोटुल स्थलों का विकास किया जा रहा है। 

'मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केंद्र' की स्थापना

छत्तीसगढ़ी खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए गढ़ कलेवा की स्थापना 16 जिलों में कर दी गई है। हमने छत्तीसगढ़ की अपनी फिल्म विकास नीति भी लागू कर दी है। प्रत्येक जिला मुख्यालय और विकासखंड स्तर पर 'मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केंद्र' की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में 21 हजार करोड़ रुपए की ज्यादा लागत से सड़कों के निर्माण की कार्ययोजना बनाई गई है, जिसमें विभिन्न स्तरों पर काम चल रहा है। बीते 3 सालों में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की संख्या लगभग दोगुनी कर दी गई है। 

21 लाख 77 हजार किसानों ने बेचा धान 

विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों से स्थानीय युवाओं को जोड़ने के लिए हमने ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था की है। ग्रामीण अधोसंरचना के विकास के लिए सुराजी गांव योजना संचालित की जा रही है। नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी के विकास से बहुत बड़े पैमाने पर ग्रामीण कारोबार के अवसर बढ़े हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदी का भी नया कीर्तिमान बना है। साल 2017-18 में सिर्फ 15 लाख 77 हजार पंजीकृत किसान थे, जो अब बढ़कर 22 लाख 66 हजार हो गए। इसमें से 21 लाख 77 हजार किसानों ने धान बेचा है। खेती का रकबा 22 लाख से बढ़कर 30 लाख 11 हजार हेक्टेयर हो गया। 

छत्तीसगढ़ में  98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी

धान की खरीदी 56 लाख 88 हजार से बढ़कर लगभग 98 लाख मीट्रिक टन हो गई। इसके अलावा मक्का, गन्ना, तिलहन, दलहन, लघु धान्य फसल, उद्यानिकी फसलों का विकास भी तेजी से हो रहा है। वन संसाधनों की बात करें तो पहले मात्र 7 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी। अब हमने 61 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था कर दी है। छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन कर दिया है, जिससे 5 साल में 15 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य दिया गया है।

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