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दीवाली के दिन देह त्याग कर नेत्रदान करने वाली सुलोचना की आंखों से कोई देख सकेगा दुनिया

महासमुन्द जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर स्थित है गांव लाफिनखुर्द। यहां की 61 वर्षीय माता सुलोचना साहू ने दीपावली के दिन 5 नवम्बर 2021 की सुबह अंतिम सांस ली। लंबे अर्से से अस्वस्थ सुलोचना साहू की अंतिम इच्छा नेत्रदान करने की थी। इस पर उनके सुपुत्र लोकेश्वर साहू ( मंत्रालय कर्मचारी), पति हेमलाल साहू ने भी सहर्ष सहमति जताई। आज सुबह देह त्याग के बाद जब परिजनों और मित्र मंडली में महेंद्र पटेल, आनंदराम साहू को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने नेत्रदान की अंतिम इच्छा की पूर्ति के लिए भरसक प्रयास किया।


गोवर्धन पूजा का अवकाश होने से चिकित्सक और नेत्रदान से जुड़े चिकित्सा कर्मी अपने गृहग्राम गए हुए थे। महासमुन्द कलेक्टर डोमन सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनके मंडपे ने संवेदनशीलता के साथ नेत्रदान के लिए कार्यवाही करते हुए नेत्र सर्जन डॉ मंजूषा चंद्रसेन को गृहग्राम से तत्काल बुलाया। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मंडपे ने अपनी शासकीय वाहन को भेजकर नेत्र सर्जन के गंतव्य तक पहुंचाया। इस तरह से सुलोचना के नेत्रदान की अंतिम इच्छा पूरी हुई।


एक कार्य-नेक कार्य : मानवीय पहल

गौरतलब है कि गत वर्ष 29 अक्टूबर 2020 को आनंदराम साहू की माता देवकी देवी साहू ने भी देहदान और नेत्रदान की अंतिम इच्छा जताई थी। विषम परिस्थितियों के चलते पूरी नहीं हो पाने पर उनके पुत्र आनंदराम ने  स्वयं नेत्रदान और देहदान करने का संकल्प लिया है। दशगात्र कार्यक्रम में इस संकल्प के नवाचार से बहुत से लोग प्रभावित हुए हैं। नवाचारी शिक्षक महेंद्र कुमार पटेल बताते हैं कि लोकेश्वर ने भी इससे प्रभावित होकर नेत्रदान करने के लिए अपनी माता जी को प्रेरित किया। लोकेश्वर की दृढ़ इच्छाशक्ति और स्वास्थ्य विभाग की तत्परता से नेत्रदान संपन्न हो पाया। गौरतलब है कि देहावसान के बाद 6 घंटे के भीतर आँखों को निकाल कर 72 घंटे के भीतर जरूरतमंद व्यक्ति की आँखों मे ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। नेत्रदान के प्रति लोगों में जागरूकता के लिए त्यौहार के दिन भी स्वास्थ्य विभाग की टीम जुटी रही। टीम में नेत्र सर्जन डॉ एम चन्द्रसेन, सहायक नोडल अधिकारी उमेश गोतमारे, नेत्रदान अधिकारी अवधेश यादव, नेत्र सहायक भूपेंद्र सोनकर व संजय चन्द्राकर, सेक्टर सुपरवाइजर दीपक तिवारी आदि पहुंचे थे।व

नेत्रदान कर पुण्य कमाएं

यह एक महज संयोग ही है कि  दीपावली की दीपमालाएं जब चहुँओर अंधियारा को चीर रही हैं। ऐसे समय में चिर निद्रा में सोते समय सुलोचना देवी ने नेत्रदान कर किसी के जीवन में उजियारा लाने का पुण्य किया है। मीडिया24मीडिया परिवार पुण्यात्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है। साथ ही अपने पाठकों से अपील करता है कि जरूरतमंद को नेत्रदान, रक्तदान अवश्य करें। इसका कोई विकल्प नहीं है। यह किसी फैक्ट्री में नहीं बन सकता है। मानवता का परिचय दें।

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