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सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 3 इनामी महिला नक्‍सली ढेर, 14 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें जवानों ने 5-5 लाख की 3 इनामी महिला नक्सलियों को मार गिराया है।  दंतेवाड़ा के SP अभिषेक पल्लव ने बताया कि DRG की एक टीम तलाशी अभियान पर निकली थी। इसी बीच कटेकल्याण थाना क्षेत्र के अडवाल और कुंजेरा गांवों के बीच जंगल में शाम करीब 6 बजे ये मुठभेड़ हुई। 

SP ने बताया कि मुठभेड़ के बाद मौके से 3 महिला नक्सलियों के शव को बरामद किया गया है। मारी गई नक्सलियों की पहचान राजे मुचाकी, गीता मरकाम और ज्योति उर्फ भीमी नुप्पो के रूप में हुई है। तीनों महिला नक्‍सली कटेकल्याण क्षेत्र समिति के सदस्य के रूप में सक्रिय थीं। सुरक्षाबलों ने मौके से एक 12 बोर की बंदूक, 2 देसी रिवाल्वर, एक मजेल-लोडिंग गन, 2 IED, तार और नक्सली साहित्य बरामद किया है।

14 नक्सलियों ने किया सरेंडर

इधर, लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर दंतेवाड़ा जिले में ही 14 नक्सलियों ने सरेंडर (Naxals surrendered in Dantewara) किया है। जानकारी के मुताबिक इन नक्सलियों में से एक 2017 के उस हमले में कथित तौर पर शामिल था, जिसमें सुरक्षा बल के 25 जवान शहीद हो गए थे। दंतेवाड़ा SP अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सलियों ने शनिवार को दंतेवाड़ा कस्बे के पुलिस अधिकारियों के सामने सरेंडर किया है। आत्‍मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का कहना था कि वे माओवाद की खोखली विचारधारा से परेशान हो चुके हैं।

जवानों पर हमला करने वाला नक्सली भी शामिल

सरेंडर करने वाले इन 14 नक्सलियों में एक सना मरकम है, जो स्थानीय संगठन दस्ते में सक्रिय था। सना मरकम साल 2017 में सुकमा जिले के बुरकापाल नक्सली हमले में शामिल था। इस हमले में CRPF के 25 जवान शहीद हो गए थे। पुलिस ने बताया कि मरकम पर एक लाख रुपये का इनाम था। वहीं झारखंड में पुलिस ने नक्सलियों के 2 समर्थकों विशुन गंझू और पिंटू गंझू को गिरफ्तार किया है। इससे प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी को बड़ा झटका लगा है।

क्या है ‘लोन वर्राटू’ अभियान ?

दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है। जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौट आइए। इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है।गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें। इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं।

छत्तीसगढ़ पुलिस चला रही कई तरह के अभियान

बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है, जिससे प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे है। जबकि सूरक्षाबल के जवान कई नक्सलियों को गिरफ्तार भी कर रहे है, जिससे बौखलाएं नक्सली इस तरह के कायरना हरकत कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में बीते साल के मुताबले इस साल नक्सली हमले और गतिविधियां कम हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। 

नक्सली लगातार दे रहे वारदात को अंजाम

पुलिस की लगातार कार्रवाई से बौखलाए नक्सली लोगों में दहशत फैलाने के लिए लगातार किसी न किसी कायराना करतूत को अंजाम देने में लगे हुए हैं। नक्सली लगातार पुलिस की नाक के नीचे मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं।

5 साल में नक्सली हिंसा में इतने लोगों की गई जान

बीते 5 साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा (Naxalite violence) में 1000 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं। इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।

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