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मनेरगा, DMF और सिंचाई विभाग के सहयोग से पानी बचाने का काम शुरू

किसानों को खेत-किसानी के काम के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता हो, गांव के निस्तारी के समस्या का समाधान और साथ ही भूजल स्तर में बढ़ाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार अलग-अलग काम कर रही है। कवर्धा जिले में ग्रामीण किसानों के मांग पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर के प्रयासों से जल संवर्धन और जल संरक्षण की दिशा में बरसात की पानी को सहेजने का काम किया जा रहा है। 

बारिश की पानी का समुचित उपयोग करने की दृष्टि से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के साथ जिला खनिज न्यास निधि फंड का विभागीय मद से अभिसरण से पिपरिया एनीकेट डिसिलिंटग, गेट रिपेयर और मरम्मत काम को जल संसाधन विभाग के साथ मिलकर कराया जा रहा है। कार्य शुरू होते ही इसके बेहतर परिणाम स्थानीय ग्रामीणों को मिलने लगा हैं।

3 गांवों के किसानों को मिलने लगा सीधा लाभ

तीन विभागों को मिलाकर 27 लाख 88 हजार रुपए की लागत से हो रहे इस कार्य में मनरेगा योजना से 8 लाख रुपए मजदूरी पर और 5 लाख 29 हजार रुपए सामग्री पर व्यय निर्धारित था और बाकी राशि 13 लाख 13 हजार रुपये डीएमएफ मद से और 1 लाख 46 हजार रुपए जल संसाधन विभाग के विभागीय मद से स्वीकृति दी गई है। इस कार्य में ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिला है। चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 25 जून से हो रहे इस कार्य में  4145 मानव दिवस रोजगार का सृजन होना प्रस्तावित है, जिसमें 193 रुपये प्रति दिवस के दर से मजदूरी भुगतान किया जाना है। 

64 हजार 8 सौ 48 रुपये का मजदूरी भुगतान

कार्य में अभी तक 336 मानव दिवस रोजगार ग्रामीणों को मिला है, जिसमें 64 हजार 8 सौ 48 रुपये का मजदूरी भुगतान हुआ है। साथ ही वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। जल संसाधन संभाग विभाग के कार्यपालन अभियंता दिनेश भगोरिया ने बताया कि सकरी नदी पर बांध कम रोड बनी हुई है, जो कि झिरना, ग्राम पंचायत चारडोंगरी विकासखंड कवर्धा में स्थित है। एनीकेट और उसके आसपास पानी के बहाव क्षेत्र में बड़ी मात्रा पर गाद (सिल्ट) जमा हो जाने के कारण पानी का बहाव आगे नहीं बढ़ पाता था।

वहीं जल संवर्धन की दिशा में बरसात का पानी यूं ही जाया हो जाता था। स्थानीय ग्रामीणों की मांग पर महात्मा गांधी नरेगा योजना, डीएमएफ फंड  और जल संसाधन विभाग के मद को मिलाकर पिपरिया एटीकेटी डिसिलिंटग, गेट रिपेयर और मरम्मत का काम कराया गया। काम 200 मीटर लंबा और 70 मीटर चौड़ा सहित कुल 14000 वर्ग मीटर में हुआ है। 

कृषि कार्य के लिए पानी की उपलब्धता 

इस काम के हो जाने से आसपास क्षेत्र के लगभग तीन गांव जिसमें मुख्य रुप से झिरना, पिपरिया और परसवारा के ग्रामीणों को अत्यधिक लाभ हो रहा है। खेतों के लिए पानी सीधे मिलने लगा है और साथ में ग्रामीणों को रोजगार भी मिला है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दयाराम के. ने बताया कि शासन की मंशा अनुरूप गांव में जल स्रोतों का उन्नायन कर स्थानीय ग्रामीणों को कृषि कार्य के लिए पानी की उपलब्धता हो यह सुनिश्चित किया जाना है। 

यही कारण है कि कवर्धा जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जल संसाधन विभाग कवर्धा और डीएमएफ के अभिसरण से यह कार्य नरवा उन्नयन की दिशा में एक और कदम है। मनरेगा योजना से 13 लाख 29 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है। साथ ही बाकी काम के लिए राशि डीएमएफ और विभागीय मद के माध्यम से  योजनाओं का अभिसरण करते कार्य हो रहा है।

ग्रामीणों की मदद 

कार्य से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। साथ ही उनके खेतों के लिए पानी की व्यवस्था सहज रूप से उपलब्ध हो रहा है, जो सीधे तौर पर धान, गन्ना और अन्य फसलों के काम में आ रहा है। इसके अतिरिक्त निस्तारी के लिए उपयोग हो रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यों को प्राथमिकता के तौर पर तकनीकी रूप से प्रशिक्षित विभाग द्वारा कराया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को इसका सही लाभ मिल सके। ग्रामीणों को उनका उपज बढ़ाने में मदद मिल सके, जो सीधे तौर पर उनके आर्थिक लाभ से जुड़ा हुआ है।

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