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लोगों को लुभा रही जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी, आप भी देखें तस्वीरें

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के अवसर पर स्थानीय साइंस कॉलेज में आयोजित राज्योत्सव में जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। प्रदर्शनी के पहले दिन बड़ी संख्या में लोगों ने इसका अवलोकन किया। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आई महिला स्वसहायता समूह की बहनों ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन कर सराहना की। 

केंद्री गांव के ओमप्रकाश ने कहा कि जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी में पारंपरिक वाद्य यंत्रों को जानने का मौका मिला। इसमें मंजीरा, गुजेरी, सारंगी, तम्बूरा, सींग बाजा, मांदर वाद्य यंत्र सामान्य अवसरों पर देखने को नहीं मिलते। इसी तरह राजिम-नवापारा से पहुंचे प्रेमलाल सेन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के पारम्परिक गहनों को भी चित्र के माध्यम से देखने का मौका मिला। इनमें से कई आभूषण वर्तमान प्रचलन में नहीं है, जिसे इस प्रदर्शनी पर दिखाया गया है, जिसमें पहुंची, एैंठी, नांगमोरी, कंठा, मांगमोती को दिखाया गया है। 

राखी गांव के रामकुमार, संजयनगर रायपुर के रेशमलाल और धरम कुमार ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सिरपुर, बस्तर सहित राज्य के भौगोलिक स्थितियों को जानने का अवसर मिला। जनसंपर्क की प्रदर्शनी में विश्वसनीय और पुष्ट जानकारी मिलती है। साल 2019 में आयोजित प्रदर्शनी में भी आए थे। 

 प्रदर्शनी में इन चीजों को किया गया शामिल

जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी में 1 नवंबर 2000 छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की शुरुआती जानकारी के अलावा, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र के वन गमन मार्ग, आदिवासी बहुल बस्तर की धरोहर, छत्तीसगढ़ का खजुराहों के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर, दक्षिण कौशल की राजधानी सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर, पुरातात्विक छत्तीसगढ़ आदिकालीन छत्तीसगढ़-शैलचित्रों की खोज, छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य, छत्तीसगढ़ के जलप्रपात, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक श्रृंगार को सुरूचिपूर्ण ढंग से प्रदर्शित किया गया है। जनसंपर्क के स्टॉल में लोक कलाकार रिखी क्षत्रिय की ओर से छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वाद्य यंत्रों को प्रदर्शित किया गया है।

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