महासमुंद। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी मॉडल स्कूल योजना को अफसर फेल करने में लगे हैं। संविदा भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर भर्ती प्रक्रिया रद्द करना, बाद प्रतिनियुक्ति के नाम पर गड़बड़ी को हाइकोर्ट में चुनौती दी गई है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि महासमुंद जिले की स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में लगातार अनियमितता बरती जा रही है।
राजनीतिक संरक्षण में प्रशासनिक अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। प्रदेश और क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के साथ छल किया जा रहा है। जिले के पांच ब्लाकों में 78 पद के लिए संविदा भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने आवेदन किया, जिसके बाद साक्षात्कार में अपने चहेतों और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों की नियुक्ति के लिए नियम में हेरफेर किया गया।
अभ्यर्थी ने की हाईकोर्ट में शिकायत
बेरोजगार युवाओं को साक्षात्कार के दिन अवैधानिक रूप से अपात्र बताकर दस्तावेज सत्यापन से वंचित किया गया। जिसकी शिकायत और लिखित आपत्ति अभ्यर्थियों के द्वारा किया गया। जिस पर महासमुन्द कलेक्टर के द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया और जहां जाना है, जा सकते हैं कहकर शिक्षा विभाग के पथभ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दिया गया। इससे व्यथित होकर एक अभ्यर्थी अंजलि स्वामी ने नगर के पूर्व पार्षद और RTI एक्टिविस्ट पंकज साहू के सहयोग से उच्च न्यायालय में शिकायत किया।
शासकीय सेवकों की नियुक्ति
स्थगन के लिए केश दायर किया। इस पर 25 सितंबर 2021 तक जिम्मेदारों के द्वारा चयन सूची में फिर दावा-आपत्ति मंगवाया गया। जिस पर अंजलि स्वामी ने पुनः 24 सितंबर 2021को दावा आपत्ति प्रस्तुत की। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तैयार किए गए चयन सूची पर आपत्ति की गई। परिणामस्वरूप विज्ञापन निरस्त हुई है। इसके पूर्व जिला प्रशासन के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के साथ मिलकर पूर्व में इन स्कूलों के लिए शिक्षक भर्ती में प्रतिनियुक्ति के आधार पर शासकीय सेवकों की नियुक्ति की जा चुकी है।
'अवैधानिक रूप से प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया'
शेष पद के लिए संविदा भर्ती की विज्ञापन जारी की गई और निरस्त होने के बाद फिर संविदा भर्ती नियम 2012 के अनुसार किया जाना चाहिए, लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा एक बार फिर अवैधानिक रूप से प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसके तहत भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जो कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय और छल सहित उनके भविष्य से खिलवाड़ है। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता होने की बातें भी आ रही है।
भर्ती प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती
विज्ञापन निरस्त होने से भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता किया जाना प्रमाणित हुआ है। जिसके लिए जिम्मेदारों और प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी हिमांशु भारतीय को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। साथ ही तत्काल निलंबित कर जांच कार्रवाई कराने की मांग की जा रही है। जिला प्रशासन और स्थानीय नेताओं का संरक्षण और मिलीभगत प्रमाणित होने का दावा किया जा रहा है। बेरोजगार युवकों ने कहा है कि फिर प्रतिनियुक्ति पर भर्ती में आपत्ति किया जाएगा और उच्च न्यायालय बिलासपुर में इस भर्ती प्रक्रिया को चुनौती भी दी जाएगी।