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महासमुंद में मेडिकल कॉलेज का राह नहीं अभी आसान, और करना पड़ सकता है इंतजार

महासमुंद मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर बनी गतिरोध दूर होने का नाम नहीं ले रहा है। महासमुन्द सांसद चुन्नीलाल साहू ने चार अगस्त को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मंडविया से मुलाकात कर मेडिकल कॉलेज अविलंब खोलने पहल की थी। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा आकांक्षी जिला महासमुंद में मेडिकल कॉलेज खोलने में आ रही दिक्कतों को अविलंब दूर कराने का आग्रह किया था। सांसद चुन्नीलाल साहू ने बताया कि संसदीय मुख्यालय महासमुंद में मेडिकल कॉलेज खुले, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजना में शामिल है। इससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होगी। और सामुदायिक अनुपात में चिकित्सकों की कमी भी दूर हो पाएगी। लेकिन, एनएमसी की गाइडलाइंस पूरी नहीं होने से मामला अटका हुआ है।


तीन सदस्यीय टीम ने दो दिन तक देखी व्यवस्था

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले दिशा निर्देश के बाद एनएमसी (नेशनल मेडिकल काउंसिल) की टीम डॉ गुरुदत्ता कर्नाटक के संयोजन में यहां पहुँची है। तीन सदस्यीय टीम ने 23 और 24 अगस्त 2021 को दो दिन तक आवश्यक संसाधन और सुविधाओं का यहां प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज परिसर में जायजा लिया। टीम से आज मिलकर सांसद साहू ने मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जरूरी उपकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवस्था की जानकारी ली। टीम के चिकित्सकों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए एनएमसी की ओर से सरप्राइज विजिट कराया जाता है। इसमें किसी भी स्तर पर दखलंदाजी नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए आवश्यक तैयारी करने के बजाय यहां के कुछ डॉक्टर श्रेय की राजनीति का हिस्सा बन रहे हैं। 

डीन ने सांसद के प्रति जताया आभार

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ पीके निगम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष पहल करके एनएमसी की टीम को महासमुन्द का जल्दी विजिट कराने के लिए सांसद चुन्नीलाल साहू के प्रति आभार जताया। उन्होंने जानकारी दी कि अधिकतम प्रयास के बावजूद मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए अनुपातिक रूप से चिकित्सक उपलब्ध नहीं हो पाया है। 23 अगस्त की शाम पांच बजे 15 सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों की पदस्थापना स्वास्थ्य संचालनालय छत्तीसगढ़ से महासमुन्द के लिए की गई। यह पदस्थापना एक दिन पहले हो जाती तो फैकल्टी को लेकर रह गई कमी पूरी हो जाती। 300 बिस्तर और इमरजेंसी वार्ड में 30 बेड का मापदंड तो पूरा कर लिया गया है। जिला अस्पताल में जिन कक्षों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए चिन्हित किया गया है, वह मानक स्तर का नहीं होने, ऑपरेशन थिएटर में सीपेज होने से ऑपरेशन बंद होने जैसी कमियों की वजह से एनएमसी की टीम असंतुष्ट नजर आयी। 

कॉलेज खोलने का मार्ग प्रशस्त करें

सांसद चुन्नीलाल साहू ने एनएमसी टीम के संयोजक कर्नाटक से पहुँचे डॉ गुरुदत्ता,  डॉ शैलेष एम पटेल गुजरात, डॉ शैलेष गोयल दिल्ली से आग्रह किया कि छोटी-मोटी कमियों को नजर अंदाज करते हुए मेडिकल कॉलेज खोलने का मार्ग प्रशस्त करें। केंद्रीय स्तर पर कोई दिक्कतें हो तो सीधा उनसे संपर्क कर अवगत करावें। जिससे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्रकिया पूरी करा सकें। नेशनल मेडिकल काउंसिल का कठोर मापदंड को नए मेडिकल कॉलेज में यकायक पूरा कर पाना कठिन होता है। इस लिहाज से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बहुत जल्दी मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स को प्रवेश नहीं मिल पाएगा। 

डीन डॉ पीके निगम ने दी जानकारी

डीन डॉ पीके निगम ने परेशानी बताते हुए कहा कि एक चपरासी और टाइपिस्ट तक की व्यवस्था नहीं की गई है। फिर भी उन्होंने रात-दिन मेहनत कर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए मेहनत में कोई कमी नहीं की है। उम्मीद की जा सकती है कि बहुत जल्दी मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स को प्रवेश का मानक पूरा कर लिया जाएगा।

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