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BREAKING : स्वतंत्रता दिवस पर CM बघेल की बड़ी घोषणा, 4 नए जिलों सहित 25 नई तहसीलों का ऐलान, छत्तीसगढ़ में कुल जिलों की संख्या हुई 32

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर CM भूपेश बघेल ने 4 नए जिले बनाने की घोषणा की है। नए जिलों में सक्ती, मनेंद्रगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मोहला-मानपुर के नाम शामिल है। रायपुर पुलिस परेड ग्राउंड में  CM ने कहा कि 25 नई तहसीलों के गठन की घोषणा करता हूं। लोगों की सुविधा के लिए जिला बेमेतरा में नांदघाट, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में सुहेला और भटगांव, जिला बिलासपुर में सीपत और बोदरी, जिला सूरजपुर में बिहारपुर, जिला, बलरामपुरटी में रामानुजगंज में चांदो, रघुनाथ नगर, डौरा-कोचली एवं कोटमी-सकोला, जिला रायगढ़ में सरिया और छाल, जिला कोरबा में अजगरबहार और बरपाली, जिला दुर्ग में अहिवारा, जिला उत्तर बस्तर कांकेर में सरोना और कोरर, जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में बारसूर, जिला कोंडागांव में मर्दापाल और धनोरा, जिला जांजगीर चांपा में अड़भार, जिला बीजापुर में कुटरू और गंगालूर, जिला राजनांदगांव में लालबहादुर नगर और जिला सुकमा में तोंगपाल को नवीन तहसील बनाया जाएगा।

 


CM बघेल ने चार नए जिले के अलावा हर जिलों और तहसील में महिलाओं के लिए मिनी माता पार्क बनाने की भी घोषणा की है। डॉयल 112 का विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा। राजस्व संबंधी कामकाज की जटिलता से जनता को राहत दिलाने के लिए नामांतरण की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। प्रचलित व्यवस्था के अनुसार प्रदेश के महाविद्यालयों में, स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयु-सीमा का बंधन है। उच्च शिक्षा के लिए आगे बढ़ने वाले युवाओं के हित में आयु-सीमा के इस बंधन को समाप्त करने की घोषणा। प्रदेश की जनता को रियायती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए 'मुख्यमंत्री सस्ती दवा योजना' नगरीय क्षेत्रों में लागू है। अब यह 'श्री धन्वन्तरी योजना' के नाम से जानी जाएगी। बिजली कंपनियों में विभिन्न पदों पर 2 हजार 500 से अधिक कर्मियों की भर्ती की जाएगी। 

263 नए धान खरीदी केंद्र

ध्वजारोहण के बाद सीएम ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत ने दो शताब्दी से अधिक अंग्रेजों की प्रताड़ना सहा है। ग़ुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए भारत माता के हजारों हजार सपूतों और पुत्रियों ने अपना सर्वस्व परित्याग किया है। उन वीरों को याद करते ही हमारे नेताओं में अपने महान पुरखों का खून उबालने लगता है और उन सबके त्याग के बारे सोचकर आंखें नम हो जाती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 44 हजारी से अधिक सामुदायिक और 2500- से अधिक सामुदायिक वन संसाधान अधिकार पत्र दिए हैं। 52 लघु वन उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदने की व्यवस्था की है। 500 करोड़ सालाना आदिवासी एवं वन आश्रित परिवारों को प्राप्त हों रहे हैं। विगत एक साल में 263 नए धान खरीदी केन्द्र खोला गया है। 20 लाख 53 हज़ार किसानों से 92 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई। 244 करोड़ सिंचाई जलकर माफ़ किया गया।

6000 सालाना अनुदान सहायता

भूपेश बघेल ने कहा कि मैं बहुत ही विनम्रता और भरे हुए दिल से कहना चाहता हूं कि कृषि मजदूरों की व्यथा को नहीं समझा जाना  आमानवीयता की श्रेणी में आएगा। मुझे संतोष है कि देश के 75 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर साल भर होने वाले कार्यक्रमों में जब देश राष्ट्रीय पर्व का उल्लास मनाएगा तो उसमें हमारे छत्तीसगढ़ के मजदूर भी शरीक होंगे। जिन्हें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत लगभग 10 लाख मजदूर भाई बहनों को ₹6000 सालाना अनुदान सहायता दी जाएगी।

सार्वभौम पीडीएस का वादा

ग्रामीण क्षेत्र में आबादी भूमि पर निवासरत लोगों को उसकी जमीन का हक दिलाने के लिए स्वामित्व योजना प्रारंभ की जाएगी। हर वर्ग के लोगों का अपनी जमीन अपना मकान और अपने सिर पर छाव का सपना जल्द पूरा करने के लिए हमारी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। जमीन की गाइडलाइन दरों में 30% कमी को आगामी। 1 साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। आवासीय भवनों के किराए पर पंजीयन शुल्क में 2% की कमी तथा महिलाओं के पक्ष में पंजीयन कराए जाने पर स्टांप शुल्क में 1% की अतिरिक्त छूट को भी जारी रखा गया है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के माध्यम से राजीव नगर आवास योजना लागू की गई है। हमें जो सार्वभौम पीडीएस का वादा किया था उसे भी प्राथमिकता से पूरा किया गया है जिसके कारण प्रदेश में 2 करोड़ 52 लाख लोगों को रियायती दर पर राशन सामग्री दी जा रही है और पीडीएस का कवरेज बढ़कर 99% हो गया है।

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना

मेरा मानना है कि बीमारी और आर्थिक तंगी के भंवर जाल में छोड़ देना हमारी बहनों और नवजात शिशुओं के साथ सबसे बड़ा अन्याय था। ईश्वर और प्रदेश की जनता को धन्यवाद, उनके आशीर्वाद से हमारी सरकार बनी और कुपोषण तथा एनीमिया से मुक्ति दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के कारण प्रदेश में कुल कुपोषित बच्चों की संख्या में 32% तक की कमी आ गई। लॉकडाउन के दौरान इस अभियान को जारी रखना बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन अपने काम के प्रति समर्पित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने इनका 51 हजार 583 केंद्रों में दर्ज 26 लाख 27 हजार हितग्राहियों को घर पहुंच रेडी टू ईट सामग्री प्रदान की और इस तरह के संकट की घड़ी में घर पहुंचकर अभियान को जारी रखा।

75वां स्वतंत्रता दिवस 

CM ने कहा कि 75वां स्वतंत्रता दिवस एक ऐसा पड़ाव है, जहां पर खड़े होकर हमें अपनी विरासत पर गर्व भी होता है और जिसके आगे ‘नवा भारत’ गढ़ने की जिम्मेदारी भी हमें उठानी है। मुझे खुशी है कि अपनी धरोहर का सम्मान करते हुए हमने ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने का जो अभियान पौने तीन वर्ष पहले शुरू किया था, उसका असर न सिर्फ हमारे प्रदेश में दिख रहा है, बल्कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने के हमारे प्रयासों ने पूरे देश में भी एक नई उम्मीद जगाई है। मुझे यह कहते हुए भी बहुत खुशी हो रही है कि विकास का ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ वास्तव में आजादी के दीवानों के सपनों को साकार कर रहा है।

'अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी'

विकास की हमारी समझ, उन मानवीय मूल्यों से प्रेरित है, जो आजादी के आंदोलन की बुनियाद थे। आइए, एक बार फिर याद करें हमारे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अमर वचन। सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी ने कहा था-हिंसक तरीकों से हमेशा हिंसक आजादी ही मिलेगी और यह भारत और दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करेगी। मैं बार-बार कहूंगा कि छत्तीसगढ़ के किसानों की जान धान में बसती है, इसलिए हमने धान खरीदी को भी न्याय का मुद्दा बनाया। विगत एक वर्ष में 263 नए धान खरीदी केन्द्र खोले गए और 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई। इस तरह से किसानों को समर्थन मूल्य के हिसाब से 17 हजार 240 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में अब तक सबसे बड़ा कीर्तिमान है। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के तहत पहले वर्ष में 5 हजार 628 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि समर्थन मूल्य पर धान सहित विभिन्न फसलें बेचने वाले किसानों को दी गई है।  

सिंचाई जलकर राशि 244 करोड़ रुपए माफ

पहले हमने 1 नवम्बर 2018 की स्थिति में 17 लाख से अधिक किसानों की लंबित सिंचाई जलकर राशि 244 करोड़ रुपए माफ किए थे और अब एक बार फिर 30 जून 2020 तक लंबित सिंचाई जलकर की राशि लगभग 80 करोड़ रुपए माफ करने का निर्णय लिया है। ‘सुराजी गांव योजना’ के माध्यम से ‘नरवा-गरुवा-घुरुवा-बारी’ के संरक्षण और विकास में मिल रही सफलता मील का पत्थर है। इसके विस्तार में ‘गोधन न्याय योजना’ से गौवंश के संरक्षण, गौठान की गतिविधियों को प्रोत्साहन मिला है। जब गोबर के कामकाज से बरसने वाला धन, सवा सौ करोड़ रुपए के पार हो गया है तो आज मैं यह कहना चाहता हूं कि हमने गोबर को गोधन बनाकर दिखा दिया है। मैं दावे के साथ कहता हूं कि गोधन ग्रामीण व शहरी जरूरतमंद तबकों के लिए वरदान साबित होगा। वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस जैसे नए उत्पाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि के सूत्रधार बन रहे हैं। इस सफलता से यह विश्वास हो गया है कि हम छत्तीसगढ़ की माटी को जहरीले रसायनों से आजादी दिलाने में भी सफल होंगे और अच्छे पोषणयुक्त खाद्यान्नों के उत्पादन में भी नया मुकाम हासिल करेंगे। मैं बहुत विनम्रता और भरे हुए दिल से कहना चाहता हूं कि भूमिहीन कृषि मजदूरों की व्यथा को नहीं समझा जाना अमानवीयता की श्रेणी में आएगा।

विभिन्न क्षेत्रों में न्याय की खुशखबरी   

नई प्रशासनिक इकाइयों का गठन विभिन्न क्षेत्रों में न्याय की खुशखबरी लेकर आता है। पहले भी हमने 4 नये अनुविभाग और 29  तहसीलें बनाई हैं। 25 तहसीलों के गठन का कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा और आज मैं 18 नई तहसीलों के गठन की घोषणा करता हूं। प्रशासन की सुविधाओं को जनता के अधिक से अधिक निकट लाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है, इसलिए मैंने मुख्यमंत्री बनने के 8 माह के भीतर 15 अगस्त 2019 को ‘गौरेला- पेण्ड्रा-मरवाही’ जिला बनाने की घोषणा की थी। नए जिले का शुभारम्भ भी 6 माह के भीतर कर दिया गया था। आज मैं विकेन्द्रीयकरण के सिलसिले को और आगे बढ़ाते हुए जिलों का पुनर्गठन करते हुए चार नए जिलों ‘मोहला-मानपुर’, ‘सक्ती’, ‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’ और‘मनेन्द्रगढ़’ के गठन की घोषणा करता हूं।

छत्तीसगढ़ मॉडल 

मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ मॉडल से देश में विकास की जो नई अवधारणा विकसित हो रही है, समरसता और भागीदारी के साथ विकास का जो नया वातावरण बन रहा है, उससे न सिर्फ छत्तीसगढ़ के प्रति देश का विश्वास मजबूत होगा, छत्तीसगढ़ न सिर्फ देश और दुनिया के लिए नई आशाओं का गढ़ बनेगा बल्कि इसका लाभ भारत को अपनी विरासत, मूल्यों और सिद्धांतों के अनुरूप आगे बढ़ाने में भी मिलेगा। छत्तीसगढ़, राष्ट्रीय गौरव के केन्द्र के रूप में सम्मानित होगा। हम ऐसा ही ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने को प्रतिबद्ध हैं।

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