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बैंक और जिला प्रशासन की ज्यादती से जूझ रहा 76 साल का बुजुर्ग, न्याय नहीं मिला तो समाधि लेने की चेतावनी!

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महासमुंद। बेलगाम अफसरशाही और छिन्न-भिन्न  प्रशासनिक व्यवस्था ने एक बुजुर्ग का जीना दूभर कर दिया है। जिला प्रशासन के अफसरों द्वारा बेटे का बैंक खाता कथित तौर पर फ्रीज कराए जाने से दुखी होकर भागीरथी प्रसाद बिसाई ने समाधि ले लेने की चेतावनी दी है। छत पर खेती करने के लिए प्रख्यात जिस बिसाई को कभी जिला प्रशासन के अफसर सिर-आंखों पर बैठाते थे। 


कृषि अनुसंधान के लिए उसे गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में सम्मानित करते थे। खेती में उनके प्रयोग का जिले के मुख्य समारोह, राज्योत्सव में प्रदर्शन कराते थे। आज वही बुजुर्ग अपने ही रुपये को बैंक से आहरण करने दर-दर की ठोकरें खाते घुम रहा है। बिसाई ने चेतावनी दी है कि यदि उनके साथ जल्द न्याय नहीं हुआ, हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना की जा रही है। इसके विरोध में वे समाधि लेने विवश होंगे। 

प्रेसवार्ता में बताया दुखड़ा 

प्रेस क्लब महासमुन्द में आज आयोजित प्रेसवार्ता में वार्ड क्रमांक 6 नयापारा निवासी 76 वर्षीय बीपी बिसाई ने अपना दुखड़ा बताया। उन्होंने विद्युत विभाग पर मनमानी करने और जिला प्रशासन पर हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके भूमि अधिग्रहण का मुआवजा  जिला प्रशासन ने चार साल तक अवैध रूप से अपने खाते में जमा करके रखा। आरटीआई से जानकारी लेने पर उनके हितग्राही पुत्र के खाते में राशि अंतरित की गई। बाद में उस खाते को ही फ्रिज करा दिया गया, जिसमें मुआवजा की राशि अंतरित की गई है।

 इस तरह है पूरा मामला 

 प्रेसवार्ता में बीपी बिसाई ने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सहित, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, क्षेत्रीय सांसद, विधायक और जिले के पुलिस अधीक्षक के साथ- साथ  जनप्रतिनिधियों को लिखित में विस्तार पूर्वक जानकारी देकर बताया है कि महासमुंद के नयापारा वार्ड में उनके इकलौते पुत्र मनोज कुमार बिसाई के नाम पर भूमि खसरा 925/3 क्षेत्रफल 18040 वर्गफीट भूमि स्थित है। वर्ष 2004 में विद्युत विभाग द्वारा उक्त भूखंड पर विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कर हाईटेंशन तार बिछा दिया है। विद्युत विभाग ने इसके लिए न तो भूमिस्वामी से सहमति-अनुमति लिया है और ना ही पटवारी अथवा राजस्व विभाग से भूमि की जांच कराई गई है। नगर पालिका से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना भी जरूरी नहीं समझा । विद्युत विभाग के अधिकारियों से भूमि खसरा नंबर 925/3 से जबरिया स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मर को हटाए जाने की लगातार मांग करता रहा।  लेकिन इस मामले में विभाग ने कोई संज्ञान नहीं लिया। अंत में उन्होंने  बिलासपुर हाईकोर्ट की शरण ली।

 पांच साल पहले हाई कोर्ट से मिली  थी राहत 

उच्च न्यायालय द्वारा भूमि स्वामी मनोज कुमार बिसाई को मुआवजा भुगतान के लिए  4 मई 2016 को आदेश पारित किया गया। तब विद्युत विभाग द्वारा 43,533 रुपए मुआवजा राशि जिला प्रशासन को देकर  भू अर्जन शाखा कलेक्टरेट महासमुंद को सौंप दिया गया । यह राशि भूमि स्वामी को ना देकर कलेक्टर के खाते में समायोजित कर दी गई । करीब साढे 4 साल तक चक्कर लगाते रहे। लंबा समय व्यतीत हो जाने पर आरटीआई से बैंक से जानकारी ली। लिखित मांग के बाद  11 जनवरी 2021 को उक्त राशि 43,533 भूमि स्वामी मनोज कुमार बिसाई के बैंक खाते में जमा करा दी गई । इसके करीब 6 महीने बाद मनोज कुमार बिसाई का बैंक खाता गलत ढंग से सीज करा दिया गया  है। बैंक द्वारा इसकी कोई वजह नहीं बताई गई । 

 दूसरे प्रांत में नौकरी करता है बेटा 

बीपी बिसाई ने बताया कि मनोज कुमार बिसाई दूसरे प्रांत में नौकरी करते हैं। और उसके खाते में उसका वेतन जमा होता है। खाता सीज होने के कारण उसे आर्थिक कठिनाइयो का सामना करना पड़ रहा है। परिवार के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या आन पड़ी है। बिसाई का कहना है कि इस प्रकार से विद्युत विभाग एवं राजस्व विभाग के मिलीभगत के चलते बीते 17 साल से उन्हें अनावश्यक भागदौड़ करना पड़ रहा है।   मानसिक, शारीरिक और आर्थिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। अब तक का नतीजा शुन्य हैं ।100 फीट जमीन का ही मुआवजा प्रकरण बनाया गया है। उसका भी भुगतान नहीं कर मनमानी की जा रही है। 

 सुनियोजित षड्यंत्र की आशंका 

 उनका कहना है कि यह सुनियोजित षड्यंत्र प्रतीत होता है । प्रेसवार्ता में बीपी बिसाई ने बताया कि आज 24 अगस्त 2021 से लेकर 15 दिनों के भीतर उसे उचित न्याय नहीं मिला तो अन्न जल त्याग कर  समाधि लेने के लिए बाध्य होंगे। जिसकी  जवाबदारी जिला प्रशासन और विद्युत विभाग की होगी। उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन को दे दी है ।

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