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गाड़ियों पर टूटकर गिरा पहाड़ का हिस्सा, अब तक 13 लोगों की मौत, मृतकों में छत्तीसगढ़ के 2 पर्यटक भी शामिल

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हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में एक बार फिर लैंडस्लाइड के चलते बड़ा हादसा हुआ है। दरअसल, किन्नौर के रामपुर में अचानक लैंडस्लाइड हो गई, जिसके मलबे में  एक बस सहित अन्य वाहन दब गए। जानकारी के मुताबिक अभी भी बस मलबे में ही दबी हुई है। वहीं बचाव दल मौके पर पहुंच कर राहत और बचाव कार्य में जुट गया है। अब तक 14 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। 


वहीं 13 लोगों की हादसे में मौत हो चुकी है। इसमें से 10 शव कल मिले थे। वहीं 3 शव ITBP को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मिले हैं। एक बस, बोलेरो और उसके यात्री अभी तक मलबे में नहीं मिले हैं। कल रात अंधेरा होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया था। डीसी आबिद हुसैन ने जानकारी दी है कि अभी भी मलबे में कई गाड़ियों के दबे होने की आशंका है। मृतकों में मां और उसके बेटी-बेटे समेत राजस्थान के 4, छत्तीसगढ़ के 2, महाराष्ट्र और दिल्ली के एक-एक पर्यटक शामिल है। सभी पर्यटक दिल्ली से ट्रैवल एजेंसी के वाहन में किन्नौर घूमने गए थे।



ITBP के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया है कि ITBP की तीन बटालियनों के 200 जवान रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया है कि बचाए गए लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि ITBP के साथ NDRF और पुलिस की टीम भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और जल्द ही स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा।

 


ठाकुर ने बताया कि इस हादसे के बाद 50 से 60 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। उन्होंने ये भी बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें हर तरह की मदद के लिए आश्वासन दिया है। ठाकुर ने बताया कि भारतीय सेना ने भी मदद की पेशकश की है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन की चपेट में एक ट्रक और HRTC समेत चार गाड़ियां दबी हुई हैं।

PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान

वहीं प्रधानमंत्री ने मृतक परिजन और घायलों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है।सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कुछ लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है।पत्थरों के लगातार गिरने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है।सीएम ठाकुर ने कहा कि फंसे हुए लोगों की संख्या के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।





सीएम ने बताया कि हादसे को लेकर उनकी बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई है और उन्होंने ने एनडीआरएफ की टीम को बचाव के लिए मौकेपर पहुंचने के आदेश दिए हैं। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन में दो हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजन को दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है।साथ ही उन्होंने हादसे पर दुख प्रकट करते हुए, मृतकों के परिजन को सांत्वना प्रकट की है।जानकारी के अनुसार हादसे की सूचना मिलते ही सीएम जयराम ठाकुर मौके के लिए रवाना हो गए।घटनास्‍थल शिमला से करीब 200 किमी दूर है।सीएम ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द लोगों को मलबे से बाहर निकाल लिया जाएगा और सभी को सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया जाएगा।


ड्राइवर और कंडक्टर  का रेस्क्यू

किन्नौर के चौरा के पास नेशनल हाई-वे पर चट्टान गिरने की वजह से यह हादसा हुआ है। HRTC की बस  पर चट्टान गिरने की वजह से 12 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। दबे हुए बस ड्राइवर से फोन के जरिए संपर्क किया गया। चट्टान गिरने से हुए हादसे में बस ड्राइवर और कंडक्टर घायल (Driver Injured) हो गए। किन्नौर के विधायक ने बताया कि ITBP के जवानों ने ड्राइवर और कंडक्टर को मलबे से बाहर निकाल लिया है। बस में सवार यात्रियों को बाहर निकालने का काम जारी है। बता दें कि चील जंगल के पास चट्टानें गिरने की वजह से यह हादसा हुआ है।  

हिमाचल में लगातार हो रहे हादसे

इससे पहले 25 जुलाई को किन्नौर जिले में बटसेरी के पास हुए कई भूस्खलनों में नौ लोगों की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे। इसी तरह 27 जुलाई को लाहौल-स्पीति जिले में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी, दो अन्य घायल हो गए थे और दो लापता हो गए थे। जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने 4 अगस्त को राज्य विधानसभा को सूचित किया था कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून मौसम में कुल 218 लोगों की मौत हुई है और 12 लोग लापता हैं।

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