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धर्मांतरण रोकने कानून बनाने की पुरजोर मांग, सर्वसमाज ने उठाया मुद्दा

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महासमुंद। क्षेत्र में हो रहे धर्मांतरण पर सर्व समाज ने पुरजोर विरोध जताया है। प्रेस क्लब महासमुन्द में आयोजित पत्रकारवार्ता में सर्व समाज के 18 समाज प्रमुखों ने जिले में हो रहे धर्मांतरण पर चिंता जाहिर करते हुए राज्य व केंद्र सरकार से धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की मांग की। सर्व समाज समन्वय महासभा के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर संजीव कर्माकर व उनके साथियों ने प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि महासमुंद क्षेत्र में प्रलोभन देकर बड़ी संख्या में लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है। 





समाज में धर्मांतरण


मीडिया द्वारा धर्मांतरण का कारण पूछे जाने पर  अशिक्षा,गरीबी व प्रलोभन को मुख्य वजह बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति हिंदू समाज से अन्य समाज में धर्मांतरण करता है, उसे हिंदू समाज से मिलने वाली सभी सुविधाएं समाप्त की जानी चाहिए । 


धर्मांतरण को अवैध घोषित करने की मांग


सर्व आदिवासी समाज के कमलेश ध्रुव ने बताया कि हमारे समाज में धर्मांतरण के बाद भी आदिवासी समाज की सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। इसे रोकने के लिए नए कानून बनाने की जरूरत है। सर्व समाज प्रतिनिधि सभा के रामेश्वरी साव, नैना श्रीवास्तव, कुंती देवांगन, सुनीता देवांगन, भारती सोनी, प्रताप चंद महंती, एस आर बंजारे, एसपी ध्रुव, दिनेश बंजारे, तिलक साव, एमएल ध्रुव, अशोक गोस्वामी आदि ने प्रदेश शासन से मांग की है कि विधेयक लाकर कानून के माध्यम से धर्मांतरण को अवैध घोषित किया जाए। 


पैतृक संपत्ति से बेदखल करने की मांग


धर्म परिवर्तन की दशा में व्यक्ति को अपना नाम या उपनाम बदलना होगा। धर्म परिवर्तन करने पर उसको उसके समाज जाति व्यवस्था के संपूर्ण लाभ से तत्काल वंचित किया जाए। अगर बगैर माता-पिता की अनुमति से धर्म परिवर्तन करता है तो उसे पैतृक संपत्ति से बेदखल किया जाए। उन्होंने मांग किया है कि धर्म परिवर्तन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के समक्ष हो, जिसमें माता-पिता की सहमति अनिवार्य किया जाए। उन्होंने पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि हमारी सामाजिक व्यवस्था की कुछ खामियां हैं, जिसे मिलजुलकर सुधार लाया जाएगा। कुछ गांवों में घर वापसी कार्यक्रम चलाकर धर्मांतरित हुए लोगों को मूल धारा में वापस लाया गया है । 


सर्वाधिक 72 परिवार धर्मांतरित हुए


उन्होंने बताया कि महासमुंद ब्लॉक में पीढ़ी एक ऐसा गांव है, जहां सर्वाधिक 72 परिवार धर्मांतरित हुए हैं। जिले में हो रहे धर्मांतरण को अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा करार देते हुए कहा कि जब तक धर्मांतरण रोकने कानून नहीं बनेगा, तब तक सर्व समाज का संघर्ष जारी रहेगा।

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