रायगढ़ जिले के कई किसान जो अभी तक धान की फसल ले रहे हैं। वे अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना और मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना से प्रेरित होकर दूसरी फसलों की खेती की ओर रूझान दिखा रहे हैं। नगर पंचायत सरिया के किसान प्रशांत प्रधान जो कि अपने खेतों में कई सालों से धान की खेती करते आ रहे थे। लेकिन इस बार उन्होंने मुनगा लगाने का फैसला किया है। किसान प्रधान ने 1.25 एकड़ में ODS-3 किस्म के मुनगा का रोपण किया है।
बीते दिनों राजस्व अधिकारी एवं कृषि विभाग के प्रभारी वरिष्ठ अधिकारी ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया और खेत में मुनगा के पौधे का रोपण भी किया। किसान ने बताया कि उन्होंने खेत में 8 फीट की दूरी में मुनगा लगाया है और बीच में खाली जगह है, उसमें गोभी की फसल वो लेंगे, इससे अतिरिक्त आमदनी भी मिल जाएगी। इसी तरह सरिया से लगे हुए ग्राम कांदुरपाली में रागी फसल लगाने वाले किसान जयलाल पटेल के खेत का भी निरीक्षण किया गया। जहां पर किसान ने 1.25 एकड़ में रागी फसल लगाया गया था। इस बार किसान ने शासन की राजीव गांधी किसान न्याय योजना से प्रेरित होकर रागी फसल लगाया है।
मल्दा ग्राम पंचायत में रोहित नायक ने धान की जगह पर मिर्ची और अरहर 0.400 एकड़ में लगाया गया है। वे इस खेत में कई सालों से धान की फसल ले रहे थे। कृषि अधिकारी से मिली जानकारी के आधार पर मिर्ची सह अरहर के फसल लगाने का फैसला उन्होंने लिया। साथ ही गांव में किसान निरंजन, रामभरोष, यामनी भी संयुक्त रूप से 2.6 हेक्टेयर में रागी की फसल ले रहे हैं। आगामी कुछ दिनों में उसी गांव में 3.00 हेक्टेयर में पांच किसानों द्वारा रागी फसल लगाया जाएगा।
हर साल होगा 10 हजार का फायदा
बीते कई सालों से इस जमीन पर धान फसल लगाया जाता था। यहां के किसानों ने कृषि चौपाल के माध्यम से जानकारी प्राप्त किया और रागी सहित दूसरी फसल लगाने के लिए तैयार हुए। जिसका मौके पर जाकर सारंगढ़ SDM नंद कुमार चौबे और कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया। बता दें कि साल 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, अगर वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है या पौधारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार सहायता राशि दी जाएगी। जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है, अगर वो धान की फसल के बदले अपने खेतों में पौधारोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी 3 साल तक 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
चारागाहों में लगाए जा रहे नेपियर घास
गौठानों में पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था के लिए जिले गौठानों में स्थित चारागाहों में पौष्टिक नेपियर घास तेजी से लगाए जा रहे हैं। सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार जिले के सभी 262 गौठानों में पशु चिकित्सा विभाग के तकनिकी मार्गदर्शन में कृषि विभाग, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा चारागाहों में नेपियर घास लगाए जा रहे हैं। अब तक लगभग 130 गौठान के चारागाह में नेपियर घास लगाए जा चुके हैं और बाकी गौठानों में भी नेपियर घास लगाने की तैयारी तेजी से की जा रही है।