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प्राकृतिक आपदा पीड़ितों को आर्थिक अनुदान सहायता देने के लिए 96.40 करोड़ रु आवंटित


राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्राकृतिक आपदा पीड़ितों को आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 96 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि जिला कलेक्टरों को आवंटित की है। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने रायपुर, महासमुंद, धमतरी, कवर्धा, दंतेवाड़ा, बिलासपुर, कोरबा, बीजापुर, गरियाबंद, बालोद, बेमेतरा और कोंडागांव जिले के लिए प्राकृतिक आपदा पीड़ितों को अनुदान सहायता के लिए 3.25 करोड़-3.25 करोड़ रूपए की राशि का आवंटन किया है।





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इसी तरह से राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, जशपुर और रायगढ़ के लिए 3.75 करोड़ रूपए-3.75 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की गई है। इसी तरह से दुर्ग के लिए 3 करोड़ 20 लाख रूपए, बस्तर के लिए 3 करोड़ 85 लाख रूपए, कांकेर के लिए 3 करोड़ 80 लाख रूपए, सरगुजा के लिए 4 करोड़ 50 लाख रूपए, कोरिया 3 करोड़ 30 लाख रूपए, नारायणपुर 3 करोड़ 5 लाख रूपए, बलौदाबाजार 3 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि आवंटित की गई है। वहीं मुंगेली के लिए 3 करोड़ 15 लाख, सुकमा 3 करोड़ 15 लाख रूपए, बलरामपुर 3 करोड़ 85 लाख रूपए, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के लिए 3 करोड़ 20 लाख और सूरजपुर 3 करोड़ 85 लाख रूपए, मुंगेली 3 करोड़ 15 लाख और कोंडागांव के लिए 3 करोड़ 25 लाख रूपए आवंटित किए गए हैं।





श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष ने किया साक्षरता कक्षा का शुभारंभ





छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद ने शनिवार को जन शिक्षण संस्थान अंबिकापुर के सभागार में पढ़ना लिखना अभियान के अंतर्गत साक्षरता कक्षा की शुरुआत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर अजय तिर्की ने किया। इस अवसर पर जन शिक्षण संस्थान के ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन और सरगुजा के जानी मानी समाज सेविका वंदना दत्ता की किताब 'सरगुजा के पहाड़ी कोरवा' का विमोचन किया गया।





भारत को विश्व गुरू बनाने में सबको साक्षर और शिक्षित होना जरूरी





छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद ने उपस्थित प्रतिभागियों से कहा कि निरक्षरता समाज के लिए अभिशाप है। इसे दूर करने के लिए लोगों को बढ़-चढ़ कर आगे आना होगा । निरक्षर व्यक्ति को समाज में हर जगह दिक्कत होती है। वह कई सारे कामों के लिए दूसरे व्यक्तियों पर निर्भर रहता है। इसलिए साक्षरता बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने में सबको साक्षर और शिक्षित होना जरूरी है। यह तभी संभव है जब समाज का हर व्यक्ति इस दिशा में बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दें।





महापौर अजय तिर्की ने दी जानकारी





कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महापौर अजय तिर्की ने कहा की अगर हम कुछ करने की ठान लें तो सब कुछ संभव है। साक्षर महिला परिवार और समाज के भविष्य का निर्माण करती है। हमें इस दिशा में बढ़-चढ़ कर काम करना होगा। सफलता के लिए परिश्रम के अलावा कोई शार्ट-कट रास्ता नहीं होता। विकसित राज्य की परिकल्पना तभी साकार होगी जब राज्य का हर नागरिक पढ़ लिख कर क्रियात्मक रूप से साक्षर और शिक्षित हो।





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जिला परियोजना अधिकारी गिरीष गुप्ता ने पढ़ना लिखना अभियान के संबंध में विस्तार से बताते हुए स्वयं सेवी संस्थाओं को इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। पढ़ना लिखना अभियान के शहरी नोडल अधिकारी नीरज वर्मा ने बताया कि अगर हर व्यक्ति एक व्यक्ति को पढ़ाने को ठान ले तो शहर को पूर्ण साक्षर किया जा सकता है। इसके लिए पूरे मनोयोग की आवश्यकता होगी।





मोहल्ला कक्षा और साक्षरता केंद्र





कार्यक्रम के दौरान नगरीय क्षेत्र के 04 वार्ड में कक्षा संचालित किए जाने के लिए मोहल्ला कक्षा और साक्षरता केंद्र के अनुदेशकों सहित प्रशिक्षार्थियों को बुक और स्लेट पेंसिल का वितरण किया गया। साथ ही जन शिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। इसके साथ ही कोरोना के दौरान रक्त दान करने वालों को भी प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जन शिक्षण संस्थान के निदेशक एम सिद्धीकी, सरगुजा साईंस ग्रुप के संयोजक आंचल ओझा सहित अन्य समाज सेवी और प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।


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