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हिमाचल में लैंडस्लाइड के बाद अभी भी फंसे हैं 150 से ज्यादा पर्यटक, 3 पंचायतों की गुल हुई बिजली

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में लैंडस्लाइड के चलते अभी भी लगभग 150 लोग फंसे हुए हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि लगभग 150 लोग अभी भी फंसे हुए हैं, जिनमें पर्यटक और स्थानीय लोग शामिल हैं। हम उन्हें बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। जिले में भारी बारिश की चेतावनी होने के बाद प्रशासन हाई अलर्ट पर है। दरअसल, छितकुल और रकछम में भारी बारिश और रास्ता बंद होने से अभी भी 150 सैलानी फंसे हुए हैं। साथ ही छितकुल, रकछम और बटसेरी गांव की पंचायतों में बिजली गुल है। इस हादसे से कई विभागों और प्राइवेट संपत्ति को लगभग 2.50 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा है। घाटी में फंसे सैलानियों और स्थानीय लोगों को निकालने के लिए जिला प्रशासन की टीमें सेना के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं।



हादसे में हुई थी 9 पर्यटकों की  मौत


बता दें कि किन्नौर जिले में सांगला-छितकुल रोड़ पर रविवार को बटसेरी में पहाड़ी से दरकी चट्टानों की चपेट में आए पर्यटकों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद हिमाचल भवन दिल्ली भेजे गए हैं। वहां आवासीय आयुक्त मृतकों के शवों को उनके परिवार वालों को सौंपेंगे। मृतकों में शामिल एक पर्यटक अमोच बापत नेवी के लेफ्टिनेंट थे। इनका शव कड़छम स्थित सेना के अधिकारियों को सौंपा गया है। इस हादसे में राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और दिल्ली के 9 सैलानियों की मौत हुई थी।


हिमाचल में लैंडस्लाइड के कारण पुल टूटने से 9 लोगों की मौत, मृतकों में छत्तीसगढ़ के 2 लोग भी शामिल, देंखे हादसे का लाइव वीडियो


CM ने की आर्थिक मदद की घोषणा


CM जयराम ठाकुर ने शिमला में कहा कि मृतकों के परिजन को प्रदेश सरकार 4-4 लाख रुपए मुआवजा देगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मृतकों के परिजनों को राहत के तौर पर 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की। इस दौरान सोमवार को एसडीएम कल्पा और जिला पर्यटन अधिकारी स्वाति डोगरा ने घटनास्थल का दौरा किया। उपायुक्त किन्नौर ने कहा कि सांगला-छितकुल संपर्क मार्ग पर गुंसा के पास 300 मीटर बंद पड़ी सड़क को बहाल करने के लिए मशीनरी जुटी हुई है। यहां सुरक्षा घेरा भी बनाया गया है। लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से बने 120 मीटर लंबे वैली ब्रिज की मरम्मत भी जल्द शुरू की जाएगी।


पत्थरों की चपेट में आ गई गाड़ी


बता दें कि रविवार को बड़े-बड़े पत्थर पहाड़ से फिसलते हुए तेजी से नीचे आए और पुल को अपनी चपेट में ले लिया। वहां चल रहे कंस्ट्रक्शन के काम को भी भारी नुकसान पहुंचने की जानकारी मिल रही है। वहां मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल फोन में इस भयावह दृश्य को कैद किया। रविवार को दोपहर डेढ़ बजे के करीब पहाड़ से बड़ी-बड़ी चट्टानें नीचे आने लगीं। जब चट्टानें नीचे की तरफ आ रही थीं तो बारूद या बम फटने जैसी आवाज निकल रही थी। इसने पुल को अपनी चपेट में ले लिया और ये दो टुकड़ों में टूट गई। पुलिस ने बताया कि एक टेम्पो पर भारी चट्टानों के गिरने की वजह से उसमें सवार 11 लोगों में से 9 की मौत हो गई और 2 घायल हो गए। जिस दौरान पहाड़ से चट्टानें गिर रही थीं तभी पर्यटकों से भरी गाड़ी छितकुल से सांगली की ओर आ रही थी और इसी दौरान उनकी गाड़ियों पर भी बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे। जब तक पर्यटक कुछ समझ पाते तब तक उनकी गाड़ियां पूरी तरह पत्थरों से दब गईं। 

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