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क्या पुलिस अपने ही टीआई के खिलाफ दर्ज करेगी FIR, विभागीय जांच के नाम पर कर रहे लीपापोती का प्रयास !


महासमुन्द। खाकी पर गहरा दाग लगा है। ऐसी कालिख, जो महकमें को बदनाम करने वाला है। "दाग अच्छे हैं " विज्ञापन को पसंद करने वाले भी सवाल दाग रहे हैं कि क्या पुलिस अपने ही टीआई के खिलाफ एफआईआर करेगी? विभागीय जांच के नाम पर मामले में लीपापोती का प्रयास तो नहीं किया जा रहा है? इस बीच निलंबन की कार्यवाही पर भी सवाल उठने लगा है कि टीआई को निलंबित करना एसपी के क्षेत्राधिकार में नहीं है। इसका फायदा उठाकर वह उच्च न्यायालय में निलंबन आदेश को चुनौती दे सकता है। इस तरह सुनियोजित ढंग से अपने मातहतों को बचाने का प्रयास तो पुलिस के उच्चाधिकारी नहीं कर रहे हैं? ऐसे अनेक सवाल उठाए जा रहे हैं।





महासमुन्द जिले के तुमगांव थाना प्रभारी शरद ताम्रकार और एएसआई विजेंद्र चंदनिया पर रिश्वतखोरी का गम्भीर आरोप लगा है। वायरल वीडियो में सबकुछ दूध की तरह साफ है। यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पर अब राजनीति भी गरमा गई है।





भारतीय जनता पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक, पूर्व विधायक डॉ विमल चोपड़ा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मोती साहू, नगर पंचायत उपाध्यक्ष व मंडल अध्यक्ष पप्पू पटेल के नेतृत्व में करीब 40 लोगों ने तुमगांव थाना पहुँचकर ज्ञापन सौंपा। घूस कांड को लेकर टीआई शरद ताम्रकार पर FIR दर्ज करने और गिरफ्तार करने की मांग की है।





'महीना' वसूली करता था टीआई !





ग्रामीणों ने भाजपा नेताओं को जानकारी दी कि थाना प्रभारी स्वयं लोगों को अवैध गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करता था। और उन्हें संरक्षण देने का वादा करके 'महीना' वसूली करता था। इसकी मौखिक शिकायत डॉ विमल चोपड़ा ने पहले भी एसपी से की थी। तुमगांव के सरहदी क्षेत्र में भोरिंग ओवरब्रिज के नीचे खुलेआम होने वाले जिस्मफरोशी के कारोबार को पुलिस के संरक्षण की चर्चा संपूर्ण क्षेत्र में है। इसके एवज में थाने में मोटी रकम देकर धंधेबाज लोग सरेआम चकला घर चला रहे हैं।





विभागीय जांच का विरोध





आज पूर्वान्ह 11 बजे टीआई शरद ताम्रकार के खिलाफ घूस प्रकरण में विभागीय जांच का विरोध करने लोग पहुंचे। नेताओं ने कहा कि ढोंग करने की बजाय एफआईआर दर्ज कर प्रकरण को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए। न्यायालय का फैसला सबको मान्य होगा। भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।





नवपदस्थ टीआई ने किया आश्वस्त





नवपदस्थ टीआई रामावतार पटेल ने लिखित ज्ञापन की पावती देकर जांच करने आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं सम्मानीय नागरिकों के साथ सम्मान जनक व्यवहार होगा। इस प्रकार की वसूली की कोई शिकायत निकट भविष्य में उन्हें प्राप्त नहीं होगी।





ज्ञापन सौंपने वालों में मोहन साहू, धर्मेंद्र यादव, पवन साहू, चैनूराम साहू, कीर्ति बघेल, गंगा राम निषाद, कुलदीप साहू, पुष्कर यादव, दशरथ महोबिया, संतोष साहू, नंदलाल पटेल, महेश चौहान, गजेंद्र साहू, मेघाराम महोबिया, गुलाब साहू, सुरेश निर्मलकर,रवि निर्मलकर, मुन्ना सिंह, हरेंद्र यादव, अमित कुमार राय, सुमन सेंद्रे, योगेश सोनवानी, रवि रात्रे, अशोक टंडन, रागनी डांडेकर, कौशल यादव, गजानन आदि उपस्थित थे।





निलंबन प्रकिया पर सवाल





आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज साहू ने टीआई की निलंबन प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। उन्होंने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि टीआई को निलंबित करना एसपी के क्षेत्राधिकार में नहीं है। उनका विधिवत निलंबन पुलिस मुख्यालय अथवा पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय से जारी होना चाहिए था। इसका पालन नहीं होने से टीआई को न्यायालय से राहत मिल जाएगी। और वह बेदाग साबित हो सकता है। एएसआई लेनदेन का केवल माध्यम था, वह इस मामले में दोषी ठहराया जा सकता है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में दंडात्मक कार्यवाही करने दोनों के खिलाफ तत्काल FIR कराया जाना चाहिए। जिससे पुलिस की निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कार्यवाही से आम जनता का विश्वास कायम रह सके।


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