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रोजगार गारंटी योजना से बैगा आदिवासियों तक पहुंचा विकास का रास्ता, लॉकडाउन में रोजगार और आवागमन की समस्या का हुआ समाधान


कहते हैं सड़कों का निर्माण विकास के पहिया को तेजी से आगे बढ़ाता है जो आसपास के क्षेत्रों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता। विकास की मूलभूत सुविधाओं के लिए सबसे जरूरी शर्त है सतत आवागमन की सुविधा। मैदानी क्षेत्रों में तो या सुविधा आसानी से उपलब्ध होती है, लेकिन जब बात होती है जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों की तो सड़कों का महत्व और अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करने वाले लोग आवागमन के लिए जंगलों का सहारा लेते हुए पथरीले और टेढ़े-मेढ़े गड्ढों के साथ जोखिम से भरे पहाड़ों के बीच से आना-जाना करते हैं, जो उनके लिए बहुत कष्टप्रद होता है।





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पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करने वाले बैगा बहुल गांव भेलकी और अधचरा के निवासियों के लिए भी पहाड़ों के बीच से घाट कटिंग कर सड़क बनाने की मांग अत्यंत महत्वपूर्ण थी, जिसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ने पूरा किया है। घाट कटिंग हो जाने से पहाड़ों के बीच बैगा आदिवासियों को आवागमन की सुविधा प्राप्त होने के साथ आसपास के लगभग 400 से अधिक की आबादी को सीधे लाभ होगा। 









140 परिवारों को बड़ी मात्रा में रोजगार का अवसर





बात हो रही है कवर्धा जिले के सुदूर वनांचल ग्राम भेलकी और अधचरा की जो कि विकासखंड पंडरिया का वनांचल गांव है, यहां विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी निवासरत है। वैश्विक महामारी कोरोना के लॉकडाउन में घाट कटिंग कार्य के साथ भेलकी और अधचरा के ग्रामीणों को रोजगार का अवसर मिला और साथ में साकार हुआ बरसों पुराना सपना। वित्तीय वर्ष 2020-21 में यहां कार्य 18 लाख 17 हजार रुपए की लागत से स्वीकृत हुआ। इस कार्य में दो गांव के 140 परिवारों को बड़ी मात्रा में रोजगार का अवसर मिला।





गांव के बाहर काम का नहीं था कोई साधन





लॉकडाउन के दौरान सब कुछ बंद था और गांव के बाहर काम का कोई साधन नहीं था। इस विकट परिस्थिति में ग्रामीणों के लिए रोजगार गारंटी योजना से घाट कटिंग का कार्य सहारा बनकर उभरा। साथ ही इन्हें आने जाने के लिए पथरीले रास्ते की जगह सुगम सड़क मिल गई है। 18 लाख 17 हजार रूपए से बन रहे इस घाट कटिंग और सड़क निर्माण कार्य की लंबाई 2 किलोमीटर है जो ग्राम पंचायत भेलकी में स्वीकृत हुआ है।





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अप्रैल महीने से शुरू हुए इस कार्य मे अब तक औसतन 180 पंजीकृत मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं, जिनमे 5952 का मानव दिवस रोजगार का सृजन किया जा चुका है। इस कार्य से ग्रामीणों को 10 लाख 19 हजार रुपये का मजदूरी भुगतान मिला है जो उन्हें सीधे तौर पर आर्थिक संबल देगा। 11 सप्ताह तक चला यह कार्य अब लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दयाराम के. ने बताया कि अधचरा गांव है नीचे की ओर है, जहां 93 परिवार रहते है।





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गांव के लोगों को मुख्यमार्ग तक आने के लिए  2 किलोमीटर पैदल गढ्ढे युक्त पथरीले पगडंडी से जाना पडता था, जिसकी चौड़ाई बहुत कम थी। इससे आवागमन बहुत मुश्किल था। मुख्य मार्ग पर ग्राम भाकूर स्थित है। घाट कटिंग होकर सड़क बन जाने से अधचरा और भाकुर दोनों गांव जुड़ जाएंगे और दोनों गांव के निवासियों को आने-जाने में सहुलियत होगी। यह काम बहुत जल्द पूर्ण हो जाएगा। इस कार्य को करने में 140 परिवारों को रोजगार मिला है। 


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