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पति के आंखों के सामने हाथी ने महिला को कुचला, भागकर बचाई खुद की जान


महासमुन्द जिले के बागबाहरा वन परिक्षेत्र में हाथी ने एक महिला को पटक-पटककर मार डाला. मृतिका के पति एवं भांजी दूर से ही मूकदर्शक बने हाथी के कारनामे देखने विवश थे।






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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम धरमपुरा निवासी बिसाहिन बाई (40) अपने पति प्रेमसागर लोहार एवं भांजी खुशबू के साथ शनिवार अलसुबह करीब 3-4 बजे मोटरसाइकिल में बिजराडीह की ओर मनरेगा में काम करने जा रहे थे. इस बीच रास्ते में दो हाथियों से इनका सामना हो गया.





हाथियों को देखते ही अत्यंत हड़बड़ाहट एवमं दहशत में घटनास्थल पर अपनी वाहन वापस लौटाकर भागता तब तक बिसाहिन दोपहिया से गिर पड़ी. बाद एक हाथी अचानक बिसाहिन के पास पहुंच गया और पटक-पटक कर मार डाला. इधर, मृतिका के पति और भांजी घटनास्थल से भाग निकले और कुछ दूरी पर खड़े होकर पत्नी बिसाहिन को हाथी द्वारा पटकते देखकर मूकदर्शक बनकर देखने विवश रहे. घटनास्थल कक्ष क्रमांक 89 एवं 90 का है. तीनों रोजगार गारंटी के तहत चल रहे तालाब गहरीकरण कार्य में जाने के लिए निकले थे। इसी दौरान यह दुर्घटना हो गई।





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बचाने का असफल प्रयास





मृतिका बिसाहिन बाई के पति प्रेमसागर ने बताया कि उन्होंने हाथी से अपनी पत्नी को सूंड से उठाकर पटकते देखा. उसने अपने स्तर पर उसे बचाने के लिए भरपूर प्रयास किया। पर हालात ऐसे थे कि वह मूकदर्शक ही बना रहा और अपनी पत्नी की मौत अपनी आंखों से ही देखकर बिलखता रहा. बिसाहिन निःसन्तान थीं. बहरहाल, मृतिका के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है.





25 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता





एसडीओ (वन) एसएस नाविक ने बताया कि प्रभावित परिवार को 25 हजार रुपए तात्कालिक आर्थिक मदद दी गई है. शेष राशि जांच के बाद दी जाएगी.





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हाथी हमला: वन विभाग जिम्मेदार





हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि क्षेत्र में लगातार हो रहे हाथियों के हमले से ग्रामीण क्षेत्र में दहशत का माहौल है. ज्ञात हो कि लगातार हो रहे हाथियों के हमले के बाद भी वन विभाग की निष्क्रियता से वन्य प्राणियों से ग्रामीणों की जान हमेशा खतरे में रहती है. वन्य प्राणी लगातार हमले कर रहे हैं. हाथियों के हमले से बचाने के लिए वन अफसरों ने अनेक तरह के प्रयोगों में शासन के करोड़ो रुपये फूंक दिए। बावजूद हाथी समस्या जस की तस है. खास तौर पर बागबाहरा वन परिक्षेत्र में वन विभाग की लापरवाही के कारण दो तेंदुए की हत्या हो चुकी है. इसके अलावा प्रतिदिन वन अपराध हो रहे हैं. वन अमला मूकदर्शक की भूमिका में है।


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