छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। हफ्तेभर के अंदर इस फंगस ने 4 लोगों की जान ले ली है। दुर्ग में हुई पहली मौत के बाद 16 मई को दूसरी मौत महासमुंद में हुई थी। वहीं इससे तीसरी मौत भी दुर्ग जिले में दर्ज की गई थी। इसके बाद अब चौथी मौत भी फिर दुर्ग जिले में हुई है। जिले में शुक्रवार को ब्लैक फंगस से एक महिला की मौत हो गई। वहीं जिले में ब्लैक फंगस से यह तीसरी मौत सामने आया है।
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मृतक महिला का रायपुर के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। जिले में फिलहाल 15 मरीज ब्लैक फंगस से संक्रमित हैं। भर्ती मरीजों का जिले के विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। मिनी इंडिया कहे जाने वाले भिलाई में ब्लैक फंगस के अब तक सबसे ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। ब्लैक फंगस से एक महिला की रायपुर के निजी अस्पताल में मौत हो गई। मृतक महिला (चौहान ग्रीन वैली), नेहरू नगर निवासी मेडिकल व्यवसायी की पत्नी माधुरी रत्नानी बताया जा रहा है।
इलाज के दौरान महिला की मौत
कोरोना संक्रमण के बाद माधुरी को रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक महिला पिछले 20 दिनों वेंटिलेटर पर थी। इसी दौरान कोरोना के साथ ब्लैक फंगस के संक्रमण का पता चला। चिकित्सकों ने अपने स्तर पर कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ा, लेकिन महिला को नहीं बचाया जा सका।
रायपुर के अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया। दुर्ग जिले में ब्लैक फंगस से अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें एक पुरुष और दो महिला शामिल हैं। वहीं 15 से अधिक मरीज ब्लैक फंगस से संक्रमित हैं। जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। जिला प्रशासन ब्लैक फंगस से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
बिलासपुर संभाग में 8 मरीज भर्ती
बिलासपुर संभाग सहित आसपास के जिलों में कोविड के बाद अब ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। संभागीय मुख्यालय होने के कारण इससे प्रभावित मरीजों को इलाज के लिए बिलासपुर के सिम्स और अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया है। हालांकि इन बढ़ते मामलों के बीच अब भी इसके गंभीर मरीजों के इलाज के लिए यहां संसाधन की कमी है। जिसके कारण ऐसे मरीजों को रायपुर रेफर करना पड़ रहा है।
ब्लैक फंगस के मरीजों का बढ़ा लोड
बीते एक हफ्ते में बिलासपुर में ब्लैक फंगस के मरीजों का लोड बढ़ा है। बिलासपुर सहित संभाग के अलग अलग जिलों कोरबा, जांजगीर, गौरेला पेंड्रा मरवाही से ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए हैं। जिन्हें इलाज के लिए बिलासपुर के सिम्स में भर्ती किया गया है। एक साथ 6 से ज्यादा मरीजों के भर्ती होने से मरीजों के इलाज के लिए संसाधनों की चुनौती बढ़ गई है।
अनियंत्रित डायबिटीज और स्टेरॉयड के ज्यादा उपयोग से ब्लैक फंगस की संभावना अधिक
संसाधनों की कमी के कारण गंभीर मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। ऐसे में गंभीर मरीजों को रायपुर रेफर करना पड़ रहा है। प्राथमिक लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए सिम्स में डॉक्टरों के 7 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जो उनका उपचार कर रहे हैं, लेकिन बढ़ते मामलों के साथ आने वाले दिनों में संसाधनों की कमी स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती भी साबित हो सकती है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग जल्द संसाधनों की आपूर्ति और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की बात कह रहा है। फिलहाल सिम्स में ब्लैक फंगस के 10 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। जिसमें बीते दिनों 2 गंभीर मरीजों को रायपुर रेफर करने के बाद 8 मरीजों का इलाज जारी है।
क्या है ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है और दवाइयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। अगर व्यक्ति के शरीर में यह फंगस सूक्ष्म रूप में शरीर के अंदर चला जाता है तो उसके साइनस या फेफड़े प्रभावित होंगे, जिससे गंभीर बीमारी हो सकती है। अगर इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है।
ब्लैक फंगस के लक्षण
बीमारी कोविड-19 मरीजों में जो डायबीटिक मरीज हैं या अनियंत्रित डायबीटिज वाले व्यक्ति को, स्टेरोईड दवाइयां ले रहे व्यक्ति को या ICU में ज्यादा समय तक भर्ती रहने से यह बीमारी हो सकती है। बीमारी के लक्षणों में आंख, नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द होना ब्लैक फंगस का लक्षण है।
ब्लैक फंगस से बचने के उपाय
इसी तरह चेहरे में एक तरफ सूजन होना, नाकध्तालु काले रंग का होना, दांत में दर्द, दांतों का ढ़िला होना, धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना, त्वचा में चकते आना, छाती में दर्द, बुखार आना, सांस की तकलीफ होना, खून की उल्टी, मानसिक स्थिति में परिवर्तन आना भी लक्षण है। धूल भरे स्थानों में मास्क पहनकर, शरीर को पूरे वस्त्रों से ढंक कर, बागवानी करते समय हाथों में दस्ताने पहन कर और व्यक्तिगत साफ-सफाई रख कर ब्लैक फंगस से बचा जा सकता है।