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बार्ज P305 जहाज डूबने से अब तक 60 लोगों की मौत, 23 शवों की हुई पहचान


17 मई को ताऊते तूफान के कारण ‘बार्ज P305’ जहाज अरब सागर में डूब गया था। इस घटना में 60 कर्मचारी मारे गए हैं, लेकिन अभी भी कई लोग लापता हैं, जिन्हें खोजने का अभियान जारी है। हालांकि अब तक नौसेना द्वारा 188 लोगों को बचाया जा चुका है। जबकि 23 शवों कि शिनाख्त की जा चुकी है। वहीं INS कोच्चि रेस्क्यू के लिए समंदर में गया है।





ताऊते तूफान का तांडव, डूबा बार्ज जहाज, 171 लोगों की नहीं मिल रही जानकारी





एक अधिकारी ने बताया कि ताऊते तूफान के कहर में लापता हुए इन लोगों के जीवित मिलने की उम्मीद क्षीण पड़ती जा रही है। बता दें कि बजरा पी305 चक्रवाती तूफान ताऊते के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और फिर सोमवार को डूब गया था। बजरे पी 305 पर मौजूद 261 लोगों में से अब तक 186 को बचा लिया है।






https://twitter.com/realkaypius/status/1395383111677063170




एक अधिकारी ने दी जानकारी





अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस इसकी जांच करेगी कि ताऊते तूफान के बारे में चेतावनी जारी करने के बावजूद बजरा उस क्षेत्र में क्यों रुका रहा? पुलिस ने बजरे पर मौजूद लोगों में से जिनके शव बरामद हुए हैं, उनके सिलसिले में दुर्घटनावश मृत्यु रिपोर्ट (ADR) दर्ज की है। बताया जाता है कि 50 मृतकों के शव भायखाला के जेजे अस्पताल में रखे गए हैं।









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वहीं पोस्टमॉर्टम में देरी होने के कारण शव लेने के लिए जुटे परिजनों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन्हें बताया गया कि घटना की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं थे, जिससे प्रक्रिया में देरी हुई। इस देरी पर परिजनों ने रोष जताया।





सबसे विनाशकारी चक्रवात





आईएमडी ने ताऊते चक्रवात को गुजरात में बीते 23 साल में टकराने वाला सबसे विनाशकारी चक्रवात कहा था, जोकि केंद्र शासित दीव और भावनगर जिले के महुवा शहर के बीच कहीं टकराया था। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने चक्रवात के टकराने की पुष्टि की थी।





साल 1998 के चक्रवात में हुई थी 1 हजार से ज्यादा मौतें





बता दें कि 9 जून, 1998 को गुजरात में आए एक बड़े चक्रवात से व्यापक क्षति हुई थी और बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई थीं, विशेष रूप से कांडला के बंदरगाह शहर में। वहीं आधिकारिक आंकड़ों ने तब मरने वालों की संख्या 1,173 बताई थी, जबकि 1,774 लापता हो गए थे। एक प्रमुख समाचार पत्रिका ने तब दावा किया था कि इसमें कम से कम 4,000 लोग मारे गए थे और अनगिनत लापता हो गए थे क्योंकि शव समुद्र में बह गए थे।


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