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माहवारी के समय स्वच्छता के लिए सैनेटरी पैड का उपयोग अवश्य करें महिलाएं : कलेक्टर


राजनांदगांव कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने शनिवार को डोंगरगढ़ विकासखंड के पीटेपानी गांव में 'मेरा पैड मेरा अधिकार' कार्यक्रम के अंतर्गत 'बिहान' की महिलाओं के सैनेटेरी पैड उत्पाद युनिट का शुभारंभ किया। कलेक्टर वर्मा ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्र में नाबार्ड के सहयोग से बिहान के गोदावरी स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्थानीय स्तर पर सैनेटरी पैड उत्पादन (Sanitary pad production in Rajnandgaon) की यह पहल प्रशंसनीय है।





मेरा पैड मेरा अधिकार योजना





कलेक्टर ने कहा कि महावारी के दौरान स्वच्छता बहुत जरूरी है। स्वच्छता के अभाव में कई तरह की बीमारियां हो जाती है। पैड वैज्ञानिक तरीके से जांच परख कर बनाया जाता है। अपने शरीर के स्वास्थ्य एवं देखरेख के लिए महिलाएं पैड का उपयोग अवश्य करें। उन्होंने गांव की महिलाओं से आग्रह किया कि अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हर माह बचत करें और सैनेटरी पैड खरीदे।





राजनांदगांव के महिला समूह का चयन





ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं घर, खेती-किसानी, रोजी-मजदूरी से बहुत से कार्य करती हैं। समय के साथ परिवर्तन आना चाहिए। सभी महिलाएं पैड खरीदे, इससे बहुत से बीमारियों से सुरक्षा होगी। महिला समूह द्वारा स्थानीय स्तर पर पैड के निर्माण से ग्रामीण महिलाओं को वाजिब कीमत पर पैड उपलब्ध हो सकेगा। वहीं समूह की महिलाओं का आजीविका मिली है। उन्होंने 10 लाख रूपए राशि के प्रशिक्षण केन्द्र के लिए भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।





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कलेक्टर वर्मा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के इस दौर में महिलाएं सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है। गोदावरी स्वसहायता समूह गांव (Sanitary pad production in Rajnandgaon) की महिलाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें और उन्हें पैड का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सुकुलदैहान की पद्मश्री फुलबासन बाई यादव ने अपने कार्यों और मेहनत से एक अलग पहचान बनाई है। इसी तरह सभी को ईमानदारी से कार्य करना होगा।





स्वसहायता समूह की महिलाओं को मिली आजीविका





नाबार्ड द्वारा पैड उत्पादन की मशीन निशुल्क उपलब्ध कराई गई है और कच्चा माल भी प्रदान किया गया है, इससे समूह को मदद मिलेगी। जिला पंचायत सदस्य रामक्षत्रिय चंद्रवंशी ने कहा कि किशोरी बालिकाओं और महिलाओं को महावारी के समय सैनेटरी पैड का उपयोग करने के संबंध में जानकारी देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि की रचना का दायित्व महिलाओं का है। महिलाएं बहुत कुछ कर सकती है। बच्चादानी को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छता रखना आवश्यक है।





स्थानीय स्तर पर पैड का निर्माण





नाबार्ड राजनांदगांव के डीडीएम सुनील गावरकर ने कहा कि मेरा पैड मेरा अधिकार ड्रीम प्रोजेक्ट है और छत्तीसगढ़ से राजनांदगांव जिले के गोदावरी स्वसहायता समूह का चयन इसके कार्यों को देखकर किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए पैड उत्पादन मशीन और दो माह का कच्चा माल समूह को निशुल्क दिया गया है।





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50 दिनों तक प्रतिदिन के हिसाब से 3 श्रमिकों की राशि भी दी जाएगी। इसके माध्यम से महिलाओं में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आएगी और महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष गोदावरी निषाद ने कहा कि 16 साल की लड़की का आपरेशन करने के बाद बच्चादानी निकालना पड़ा। उसकी तकलीफ देखकर मन में यह बात आई की बेटियों का स्वास्थ्य बहुत महत्पपूर्ण है और हम सब ने इस दिशा में कदम बढ़ाया।





'बेटियां परिवार की नींव'





उन्होंने नाबार्ड के डीडीएम (Sanitary pad production in Rajnandgaon) के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बेटियां परिवार की नींव है और दो कुल के परिवारों की तारनहार होती है। इस समूह से जुड़ी गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आजीविका मिलेगी और घर-घर महिलाएं सेनेटरी पैड पहुंचाएगी। बूंद-बूंद राशि बचत कर यहां तक पहुंचे हैं और आगे भी बेहतर कार्य करेंगी। इस अवसर पर एसडीएम अविनाश भोई, जनपद सीईओ एलके कचलाम, सरपंच त्रिज्या बाई वर्मा, समूह की उपाध्यक्ष कविता निषाद, ममता, आरती, गीता, द्रौपती, राजकुमारी, प्रतिमा, दुर्गा, भूमि सहित ग्रामवासी उपस्थित थे।


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