रायपुर. नगर निगम जोन तीन के सीनियर बाबू गंगराम सिन्हा और प्लेसमेंट पर तैनात कम्प्यूटर आपरेटर नेहा परवीन द्वारा किए गए सैलरी घोटाले (salary scam inquiry commission) की विभागीय जांच नगर निगम ने शुरू कर दी है। जांच के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
इसमें वित्त उपायुक्त एसपी साहू, उपायुक्त कृष्णा खटीक, लेखा अधिकारी श्याम सोनी और जोन तीन के जोन कमिश्नर प्रवीण गहलोत शामिल हैं। इन सभी के पास घोटाले की फाइल आ चुकी है। इस पर जांच शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार के घोटाले की शुरुआत के समय से सैलरी निकलने के लिए जोन के जिन अधिकारियों के हस्ताक्षर की भुगतान फाइल है, उन सभी से पूछताछ होगी। सबसे पहले घोटाले का अंजाम देने वाले बाबू गंगाराम सिन्हा और कम्प्यूटर आपरेटर नेहा परवीन से कड़ाई से पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा पुलिस को एफआईआर दर्ज कराने के लिए सहायक दस्तावेज भी तैयार किया जा रहा है।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से महिलाएं हो रही है आत्मनिर्भर
पुलिस ने निगम को घोटाले (salary scam inquiry commission) के सभी दस्तावेज मांगी है। ताकि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई कोर्ट में पेश कर सलाखों के पीछे भेज सके। गौरतलब हो कि गंगाराम सिन्हा और नेहा परवीन ने 2016 से छह कर्मचारियों की तनख्वाह अपने रिश्तेदारों के खाते डालकर सैलरी घोटाला कर रहे थे। नेहा परवीन ने अपनी मां और दो बहनों और गंगाराम सिन्हा ने अपनी पत्नी, बेटे और चाचा के बैंक खाते में राशि डाल रहे थे। अब तक करीब 71 लाख 18 हजार 961 रुपए का गबन कर चुके हैं। ये सभी राशि ब्याज समेत दोनों से वसूला जाएगा। जरूरत पडऩे पर दोनों की संपत्ति कुर्क नीलाम कर राशि एकत्रित की जाएगी।
जोन तीन में हुए सैलरी घोटाले के लिए जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी ने जांच भी शुरू कर दी है। एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस ने कुछ और दस्तावेज मांगी है, जिसे तैयार कर शीघ्र संबंधित थाने में प्रस्तुत किया जाएगा।
- पुलक भट्टाचार्य, अपर आयुक्त, नगर निगम रायपुर