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मोदी के कृषि कानून एवं महंगाई के विरोध में जिला कांग्रेस ने निकाली पदयात्रा


देश भर में चल रहे तीन कृषि कानून एवं महंगाई की विरोध की आग बढ़ते जा रही है। प्रदेश कांग्र्रेस पार्टी के निर्देश पर अब जिला स्तरों में भी विरोध जोरों शोरों पर जारी है। केन्द्र द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आज महासमुन्द जिला कांग्रेस कमेटी ने ग्राम बेलसोंडा से जिला कार्यालय महासमुन्द तक 8 कि.मी. की पदयात्रा निकाली।





तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति के नाम जिलाधीश को ज्ञापन सौपा गया पदयात्रा के पश्चात प्रेस क्लब में विधायकगणों के साथ जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डाॅ. रश्मि चन्द्राकर के द्वारा तीनों कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए दिल्ली में देश के विभिन्न प्रांतों के किसानों के द्वारा किये जा रहे आंदोलन को सही ठहराते हुए कहा कि राजग मोर्चा की मोदी नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने तीन काले कृषि कानून लाकर देश के किसानों के हित के साथ कुठाराघात किया है, इन कानूनों से केवल देश का किसान ही नही वरन् आने वाली कृषि पीढी व इससे जुड़े संबंधित सभी व्यवसाय व आम जनता बूरी तरह से प्रभावित होगी एवं उनका जीवन कष्टमय हो जायेगा।









गिनवाया कानून में खामियां
तीनों कृषि कानूनों से संबंधित खामियों को गिनाते हुये विधायकगण एवं जिलाध्यक्ष ने बताया कि हिन्दूस्तान का सबसे बड़ा व्यवसाय सेक्टर कृषि क्षेत्र है जहां पर 40ः से भी ज्यादा इससे जुड़कर कृषि कार्य एवं अन्य रोजगार के अवसर उपलब्ध होते है लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार किसानों के हाथो से उनकी जमीन एवं उपज छिनकर देश के बडे-बडे उद्योगपतियों एवं बड़े व्यापारियों के हाथो में यह व्यवसाय को सौपना चाहती है जो कि पूर्णतः गलत है।





असिमित भण्डारण से मांग और पूर्ति बड़े उद्योगपति एवं बड़े व्यापारियों की इच्छा पर संचालित होगी जिस समय किसानों की फसल पककर तैयार होने को होगी तभी गोदाम का मुंह खोलकर बाजारों को अनाज से भर दिया जायेगा जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पायेगा एवं कौडियों के दाम से किसानों की फसल ली जायेगी और फिर पुनः अनाज की कमी दिखाकर मनमाने रेट पर अनाज को बेचा जायेगा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अटल जी की सरकार में हम सभी ने प्याज के दामों में बेतहाशा वृद्धि के साथ देखा है, कि किसानों से कम दर 10रु. से 20 रु. किलो पर प्याज को खरीदीकर गोदामों में भर दिया गया एवं बाद में प्याज की कमी बताकर 125 रु से 150 रु. किलो तक प्याज बाजार में बेचा गया।





दूर्भाग्य की बात यह है कि इस कानून में कहा गया है कि किसान अपनी शिकायत को लेकर एस.डी.एम. को शिकायत कर सकता है लेकिन वो अन्य जगह शिकायत नहीं कर सकता इन परिस्थितियों में यह सोचने और समझने वाली बात है कि ऐसी बाध्यता क्यो? एक गरीब किसान कब तक अपनी लड़ाई लडेगा, वह अपनी शिकायत की फरियाद को लेकर दर-दर भटकने के लिए मजबूर हो जायेगा।





कृषि कानून वापसी के साथ देश में जो महंगाई बढ़ रही है उसका भी हम विरोध करते है बढ़ते हुये गैस सिलेण्डर के दाम, बढ़ते हुए पेट्रोल एवं डीजल के भाव से देश के प्रत्येक नागरिक का बजट बिगड़ गया है। आवश्यक वस्तुओं का दाम आसमान छू रहा है जिससे लोगों की जिन्दगी बदहाल हो रही है। अतः हम मांग करते है कि किसान विरोधी तीनों बिल के साथ महंगाई पर अंकुश लगाया जावें। अंत में हम और हमारी कांग्रेस पार्टी देशहित में किसान हित में मजदूर हित में छोटे व्यापारियों के हित में एवं देश के करोड़ो-करोड़ो आम नागरिकों के हित में तीनों कृषि कानून को वापसी की मांग करते है।


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